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चोपता, तुंगनाथ में छप्पर लगाने की व्यवस्था पूर्व की भांति हो बहालः पैन्यूली

देहरादून। बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारी यूनियन के पूर्व संरक्षक जीतमणि पैन्यूली ने कहा कि केदारनाथ से बदरीनाथ धाम के लिए जाने वाले मार्ग में चोपता तुंगनाथ एक ऐसा दर्शनीय स्थल है जोकि विश्व पर्यटक स्थलों के नक्शे पर अपनी पहचान बना सकता है। आज भी इस खूबसूरत स्थल को दूसरा स्वीट्जरलैंड के नाम से जाना जाता है। उन्हांेने बताया कि जहां स्थानीय लोग यात्रा पड़ाव पर अस्थायी छपर आदिकाल से बनाते आ रहे हैं। जिससे उनके पशुओं को  विश्राम करने के लिए स्थल मिल जाता हैं। इस क्षेत्र में स्थानीय लोगों की पर्यावरण संरक्षण के लिए समिति बनी है जो स्वच्छता अभियान समय-2 पर चलाते रहते हैं।
यहां आयोजित प्रेस वार्ता में श्री पैन्यूली ने बताया कि स्थानीय लोगों के बनाए गए छपरांे की वजह से यात्रियों को काफी सुविधा उपलब्ध हो जाती है। साथ ही वे इस दर्शनीय स्थल का आनन्द भी उठा लेते है। वहां पर स्थानीय लोगों के द्वारा वृक्षारोपण भी किया जाता है और प्लास्टिक कचरा उठाया जाता है। उन्हांेने कहा कि सरकार ने सेंचुरी बना कर वहाँ केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के द्वारा अब स्थानीय लोगों को अस्थायी छप्पर बनाने के लिए अनुमति देना बंद कर दिया है। ऐसा करने से लोगों का रोजगार  प्रभावित जहां होगा। वहीं यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ेगा। जिसका सीधा असर स्थानीय लोगांे की आजीविका पर पड़ेगा। वहीं बदरीनाथ जाने वाले यात्रियों का प्राकृतिक सौंदर्य देखने का सपना साधन घोड़े खच्चरों की सुविधा उपलब्ध नहीं होने पर रोमांच कम हो जाएगा। इस सम्बंध में वहां के स्थानीय लोगों के व्यपार मंडल ने मुख्यमंत्री उत्तराखंड को जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग के माध्यम से पत्र भेजकर पूर्व में छपर लगाने की व्यवस्था को यथावत रखी जाने का अनुरोध किया है। उनकी मंाग है कि स्थानीय लोगों को राज्य सरकार पूर्व की भांति अस्थाई छपर बनाने की अनुमति प्रदान करें। जिससे कि स्थानीय लोग अपनी आजिविका चलाने के लिए साधन जुटा सके।

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