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रमजान और अन्य त्यौहारों को अपने घरों में लाॅकडाउन में मनाने की अपील
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अद्भुत प्रयासों ने ’रमजान, जान और जहान’ अनूठे, अद्भुत और ऐतिहासिक बेवनार का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य है कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान रमजान और अन्य त्यौहारों को घर में रहकर मनाने हेतु जनमानस को प्रोत्साहित करना। कोरोना वायरस से उत्पन्न कोविड – 19 महामारी के संकट के दौरान लाॅकडाउन में रहकर अर्थात अपने-अपने घरों में रहकर रमजान और अन्य त्योहारों को मनाने की अपील की गयी। कहा कि ऐसे करके हम अपने राष्ट्र को कोरोना वायरस से काफी हद तक बचा सकते हैं। सबने यह संदेश दिया है कि ‘‘यदि बचेगी अपनी जान तो चलती रहेगी रमजान अन्यथा न जान, न जहान न जन्नत, सब खेल खत्म इसलिये इसे गंभीरता से लें। कोरोना वायरस से डरे नहीं, लक्षण दिखायी देने पर तुरंत जांच कराये। कोरोना से बचाव के लिये घर में रहें-सुरक्षित रहें। कोरोना ने इन्सानियत पर हमला किया हैं, बात इंसानियत की हैं इसलिये आईये मिलकर इसका सामना करें। ’किसी एक की गलती से किसी भी क्षेत्र पर शामत न आये, कोई भी क्षेत्र हाटस्पाट न बने इस बात का विशेष ध्यान रखे’। रमजान के रोजे रखें, तरावीह की नमाज घर में ही पढें, इस समय यही सबसे बड़ी इबादत है’। इस समय घर पर क्वारंटाइन हो जाना ही कुरान है।’जान है तो रमजान हैय बचेगी जान तो रोजे भी होंगेय ईद भी होगी इसलिये ’सुरक्षित रहें-घर पर रहें। बची रहे हम सभी की जान वही है ‘‘रमजान’’। रम जाओ और जान बचाओ यही है ‘‘रमजान’’। सब से बड़ी इबादत, हमारी वजह से किसी पर न आये आफत।’ तरावीह हो या सरावी होय नमाज हो या रोजे होय ईद हो या कोई अन्य त्यौहार सब घर पर रहकर ही मनाये। इस तरह के सकारात्मक संदेश सभी धर्मगुरूओं ने अपने अनुयायियों को दिये।’’ स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वर्तमान समय में हमारा प्रथम धर्म मानवता की रक्षा करना है। इस बेवनार के माध्यम से धर्मगुरूओं ने अपने अनुयायियों को घरों में रहकर ही और तालाबंदी का पूर्ण रूप से गंभीरतापूर्वक पालन करते हुये ही रमजान, अक्षय तृतीया, सभी पर्व और अन्य त्योहारों को मनाने के लिए प्रोत्साहित किया और और सभी से सरकार द्वारा जारी नियमों का अनुपालन करने की अपील की। इस समय हमें निराश और तनावग्रस्त होने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि हम सभी धैर्य और शान्ति के साथ आत्मनिरीक्षण करें और अपनों के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़े रहे, अधिक से अधिक सामंजस्य और एकता बनाये रखंे।
आॅल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के उपाध्यक्ष, मौलाना डाॅ कल्बे सादिक साहब, ने कहा कि हम सभी न हिन्दू हैय न मुसलमान हैय न शिया है और न सुन्नी है बल्कि हम सभी भारतीय हैं इसलिये हर व्यक्ति वह काम करे, जिससे देश का फायदा हो। उन्हांेने कहा कि मनुष्य की जान बहुत कीमती है अतः जान की हर हाल से हिफाजत हो। यह छोटा सा कोरोना वायरस मनुष्य की जान का दुश्मन है। उन्होने सभी से निवेदन किया कि हमारे देश की पुलिस और सरकार के साथ सहयोग करें क्योंकि ये आपकी जान के दुश्मन नहीं है वे हमें सहयोग और सुरक्षा देने के लिये हैं। साथ ही संदेश दिया कि आप सभी एक दूसरे से दूर रहंे तथा जो इबादत, नमाज और पाठ मिलकर किया जाता है उसे इस वक्त अपने घरोें में रहकर ही करंे क्योकि इस समय एक-दूसरे से दूर रहना ही इबादत है। यह एक ऐसा समय है जिसमें हम सभी अपनी इबादत घर पर रहकर ही करंे, एक – दूसरे से फासला रखते हुये करें तथा स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें। इस्लामिक सेंटर आॅफ इण्डिया के अध्यक्ष, मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली जी ने कहा कि कोरोना वायरस को समाप्त करने के लिये सरकार ने जो भी नियम बनाये हैं उसका पूरा-पूरा पालन करंे और अपने को बचायंे, यही रमजान है।
आॅल इण्डिया इमाम आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष इमाम उमर अहमद इलियासी जी ने कहा कि भाईचारे को बनाये रखने के लिये इस प्रकार के कार्यक्रम की जरूरत है। मैं अपने इमाम और मुस्लिम भाईयों से निवेदन करना चाहता हूँ कि हम सभी लाॅकडाउन का गंभीरता से पालन करें और भारत सरकार द्वारा समय समय पर बनायी गयी गाइडलाइन का पालन करें। उन्होने कहा कि हिन्दुओं ने भी नवरात्रि को घरों में रहकर मनाया हैं हम भी रमजान को घरों में रहकर ही मनायें। हम यह समझें कि लाॅकडाउन मेरे हित के लिये है। साथ ही फ्रंटलाइन वर्कर्स का सम्मान करें। रमजान में सब स्वस्थ रहंे, नमाज पढंघ्े, सभी के लिये दुआ करंे और गरीबों का ध्यान रखंे। उन्होंने कहा कि नमाज का तात्पर्य नमः – अज अर्थात ईश्वर के सामने झुकना। साथ ही रमजान दान देने का महीना है, रमजान में जो जकात निकालते हैं उसे पीएम फंड में दान करें। हमारा मजहब इंसानियत का है, भारतीयता का है इसलिये पहले एक अच्छे इंसान बनंे। कोरोना के साथ अपने अन्दर की नफरत की लड़ाई को भी खत्म कर दे। उन्होने कहा कि ’’देश हमें देता आया है हम भी तो कुछ देना सीखें।’’
ग्लोबल इमाम काउंसिल इण्डिया के अध्यक्ष, मौलाना लुकमान तारापुरी जी ने कहा कि मुल्क और पूरी दुनिया में जो माहौल है इसमें रमजान को कैसे मनाये। पूरी दुनिया में एक ओर बीमारी फैली है और दूसरी ओर रमजान की रहमत है। हम अपनी जान की हिफाजत करेंगे तभी इबादत कर पायंेगे। रमजान को तन्हाई के साथ गुजारें और तन्हाई को अल्लाह के साथ गुजारंे। अपनी जान को संकट में न डालें और दूसरों के लिये भी संकट उत्पन्न न करंे। सरकार द्वारा जारी की गयी गाइडलाइन का निष्ठापूर्वक पालन करें और घर पर रहें सुरक्षित रहें। गद्दी नशीन अजमेर दरगाह शरीफ, हाजी सैय्यद सलमान चिश्ती जी ने कहा कि कोरोना वायरस हमें एक नई रोशनी देने आया है कि एक रहेंय नेक रहंे। लाॅकडाउन के बाद जब हम बाहर आयें तो एक नई रोशनी लेकर आयंे, वसुधैव कुटुम्कम् का संदेश लेकर आयें। सभी हिन्दू और मुस्लिम एक साथ आयें एक साथ खड़े रहें और अपने राष्ट्र की सेवा करें। जो कोरोना पीड़ित है उन्हें नफरत की नजर से न देखंे। उन्होने कहा कि कोई भी अस्पताल से भागे नहीं, सैल्फ क्वारंटाइन में रहंे और फ्रंटलाइन वर्कर्स का सम्मान करें।
उलेमा फाउण्डेशन आॅफ इण्डिया के अध्यक्ष मौलाना कोकब मुजतबा जी ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया और इंसानियत परेशान है। इंसानियत में खलबली मच रही है। मैं जान, जहान, रमजान के साथ कुरान को भी जोड़ना चाहता हूँ। रबय अल्लाह पूरी जहान का मालिक है अतः हम उस रब, ईश्वर और खुदा पर विश्वास करें और घरों में रहें व घर में रहकर ही अपनी इबादत करे। उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा एक इन्सान का कत्ल हुआ तो पूरी इंसानियत का कत्ल है और एक इन्सान को बचाया तो पूरी इंसानियत को बचाया इसलिये घरों में रहें और सुरक्षित रहें क्योकि हम घरों से बाहर आयेंगे तो ही कोरोना वायरस घर के भीतर आयेगा है अतः घर में ही रहें। आॅल इण्डिया शिया पर्सनल लाॅ बोर्ड के महासचिव, मौलाना यासूब अब्बास जी ने कहा कि रमजान, अल्लाह का महीना है इसलिये सभी के लिये इबादत करे। ईबादत का मतलब ही है साफ नियत और नियत को अल्लाह जानता है। रमजान में घरों से न निकलंे और इसके लिये दूसरों को भी जागरूक करें। इस माह में गरीबों को भोजन कराये ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे। प्रत्येक व्यक्ति को अपने पड़ोसियों का ध्यान रखना चाहिये। लाॅकडाउन का गंभीरता से पालन करें यह भी इबादत है। दरंग जमीयत उलेमा -ए- हिन्द के महासचिव, असम के मुफ्ती नसीहुर रहमान जी ने कहा कि सबसे बेहतर है हम अपने घरों में रहे और सोशल डिसटेंसिंग का पालन करें तथा प्रधानमंत्री जी द्वारा बताये गये नियमों का पालन करंे। रमजान में घर पर रहंे और घर पर रहकर ही नमाज अदा करें। साफ-सफाई का ध्यान रखेय एक दूसरे की मदद करें। धर्मगुरूओं ने कोरोना वायरस के कारण पूरे विश्व में जो लोग सदा-सदा के लिये शांत हो गये उन सभी की आत्मा की शान्ति के लिये भगवान से प्रार्थना की तथा जो लोग अपने घरों में और अस्पतालों में कोरोना वायरस के प्रकोप से पीड़ित हंै उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिये प्रभु से प्रार्थना की। इस महामारी के समय हमारे फ्रंटलाइन वर्कर्स जो अपनी परवाह किये बिना हमारी सुरक्षा के लिये तैनात है उन सभी को शक्ति और आत्मबल मिले तथा वे स्वस्थ रहंे इस हेतु तथा पालघर, महाराष्ट्र में मारे गये दो संतों और एक चालक के कृत्य की निंदा की और कहा कि ये इंसानियत का कत्ल है तथा उन सब के लियेेे विशेष प्रार्थना की एवं मौन रखा।