दिल्ली

पेड़ काटने का मामलाः फिर अपने ही बिछाये जाल में फंसी AAP सरकार

नई दिल्ली । दक्षिणी दिल्ली में 16000 पेड़ों के काटे जाने वाला मामला गरमाता जा रहा है, वहीं एक बार फिर आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ‘हिट एंड रन’ में फंस गई है। पेड़ों के काटे जाने के मसले पर उपराज्यपाल को घेरने वाली AAP सरकार का एक और झूठ मीडिया और जनता के सामने आ गया है। खुलासा हुआ है कि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों को काटने की अनुमति दी थी। इस बाबत दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि पेड़ काटने के मामले में दिल्ली सरकार झूठ पर झूठ बोल रही है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए आवास और सरकारी कार्यालय कांप्लेक्स विकसित करने के लिए पेड़ काटे जाने की अनुमति दिल्ली सरकार ने ही दी है। अब इसे लेकर जब प्रश्न उठने लगे तो वह इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है। विजेंद्र गुप्ता ने इससे जुड़े दस्तावेज भी सार्वजनिक किए हैं।उन्होंने कहा कि नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉपरेरेशन (एनबीसीसी) ने दिल्ली सरकार से नेताजी नगर और नौरोजी नगर में पेड़ काटने की स्वीकृति मांगी थी। इसे लेकर दिल्ली के पर्यावरण एवं वन विभाग के मंत्री इमरान हुसैन की स्वीकृति की सिफारिश वाली फाइल को उपराज्यपाल ने अनुमोदित किया था। एनबीसीसी ने काटे गए पेड़ों की क्षतिपूर्ति के एवज में पेड़ लगाने और उनके रखरखाव के लिए सुरक्षा राशि के तौर पर दिल्ली सरकार को 22,54,35,000 रुपये का अग्रिम भुगतान भी किया है।

केंद्र पर झूठे आरोप लगा रही केजरीवाल सरकार  उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने पहले पेड़ काटने की स्वीकृति दी और अब वह केंद्र सरकार पर इसे लेकर झूठे आरोप लगा रही है। केजरीवाल सरकार एवं उनके मंत्री अब दिल्ली के लोग भी इस सरकार की सच्चाई जान गए हैं और वह किसी बहकावे में नहीं आएंगे। वह सही मौके की तलाश में हैं ताकि आम आदमी पार्टी को सबक सिखा सकें। दिल्ली सरकार को चाहिए कि वह अपने रवैये में सुधार लाए।

दिल्ली सरकार ने केंद्र से मांगे पेड़ों की कटाई से जुड़े कागजात  वहीं, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर पेड़ों की कटाई मामले से जुड़े कागजात उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। पत्र में लिखा गया है कि नौरोजी नगर, ईस्ट किदवई नगर, सरोजिनी नगर, नेताजी नगर, मोहमद पुर, कस्तूरबा नगर, श्रीनिवासपुरी और त्यागराज नगर में जीपीआरए (जनरल पूल रेजीडेंसियल एकोमोडेशन) कॉलोनी पुनर्विकसित की जा रही हैं जिसके लिए बड़ी संख्या में पेड़ काटे जा रहे हैं। शिकायतें आ रही हैं कि पेड़ों की कटाई को लेकर नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। इसलिए दिल्ली सरकार को जांच के लिए जरूरी कागजात उपलब्ध कराएं।

महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पेड़ों को बांधा सुरक्षा बैंड  प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी ने मंगलवार को सरोजनी नगर में होशियार सिंह मार्ग पर लीला पैलेस होटल चौक के नजदीक पेड़ बचाओ अभियान की शुरुआत की। कार्यक्रम में सैकड़ों महिला कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। शर्मिष्ठा ने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर पेड़ों को सुरक्षा बैंड बांधे। इन पर पेड़ बचाने को हाथ बढ़ाएं, आओ मिलकर दिल्ली बचाएं, महिला कांग्रेस ने आवाज उठाई, पेड़ बचाने की लड़ो लड़ाई इत्यादि नारे लिखे हुए थे। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार और आप की दिल्ली सरकार दोनों ही दिल्ली में बिगड़ते पारिस्थितिक तंत्र व बढ़ते प्रदूषण को लेकर असंवेदनशील है।

 …तो माफी अंग्रेजी में क्यों मांग रहे आप नेता: बिधूड़ी  दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ झूठी व भ्रामक खबर ट्वीट कर आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राघव चड्ढा बुरी तरह फंस गए हैं। बिधूड़ी ने उनके बहाने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री व उनके सहयोगी लगातार उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में पेड़ों की कटाई को लेकर चड्ढा ने एक अखबार का हवाला देते हुए उनके खिलाफ झूठी खबर ट्वीट की थी। जब उन्होंने व अन्य लोगों ने इसका विरोध किया तो ट्वीट हटाकर आप नेता ने अंग्रेजी में माफी मांग ली। यह नाकाफी है क्योंकि जब उनकी छवि धूमिल करने के लिए आरोप हिंदी में लगाया गया है तो फिर माफी अंग्रेजी में क्यों मांगी जा रही है? हिंदी जानने वाले कई लोग अंग्रेजी नहीं समझते हैं। इसलिए उन्हें अपनी हरकत के लिए हिंदी में माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सत्ता पर काबिज केजरीवाल सरकार जिस प्रकार की हरकतें कर रही है, उससे साफ है कि उसका मकसद सिर्फ जनता को गुमराह करके सत्ता हथियाना है। विधानसभा चुनाव के समय लोगों से जो लुभावने वादे किए गए हैं, उनमें से अगर 10 फीसद भी पूरा कर दिया जाता तो जनता की कई समस्याएं हल हो जातीं। उन्होंने कहा कि मनगढंत आरोप लगाना या झूठी बयानबाजी करना केजरीवाल व उनके साथियों की आदत है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्हें बदनाम करने के लिए बेबुनियाद आरोप वाले पैंफ्लेट बांटे गए थे। लोगों ने आप नेता को इस तरह के पैंफ्लेट के साथ पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। इस मामले में उन्होंने आप नेता के खिलाफ मानहानि का केस भी किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने भी उनपर झूठे आरोप लगाए थे जिसके खिलाफ मानहानि का केस किया है। इस मामले में अदालत से उन्हें जमानत मिली हुई है। मामला खत्म करने के लिए केजरीवाल की तरफ से उनके पास कई प्रस्ताव भेजे गए हैं। इससे कोई सीख लेने के बजाय एक बार फिर से आप नेता ने वही हरकत की है। केजरीवाल व उनके साथियों को इस तरह की ओछी हरकत करने के बजाय जनता के हित में काम करना चाहिए। उन्हें लोगों की भावनाओं से खेलना बंद करना चाहिए।पेड़ काटने की शिकायत दर्ज
सरोजनी नगर में पेड़ काटे जाने को लेकर थाने में शिकायत की गई है। शिकायतकर्ता विमलेश ने कहा है कि हाई कोर्ट द्वारा चार जुलाई तक पेड़ काटे जाने पर रोक लगाए जाने के बाद भी पेड़ काटे जा रहे हैं। हाउसिंग परियोजना के चलते दक्षिणी दिल्ली में 16,500 पेड़ काटे जाने थे। हाई कोर्ट ने चार जुलाई तक पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इसके बावजूद मंगलवार को नेताजी नगरपालिका भवन के पास पेड़ काटे जा रहे थे। लोगों ने कहा कि मना करने पर उन्होंने एनबीसीसी द्वारा काम कराए जाने का हवाला दिया। सरोजनी नगर थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई गई है। वहीं, पुलिस का कहना है कि वहां पेड़ों की कटाई नहीं बल्कि उनकी ट्रिमिंग की जा रही है।

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