अन्य गांवो की अपेक्षा हमारे गांव में कोई खास समस्या नहीं हैः-ग्राम प्रधान महेश कुकरेती
देहरादून। रायपुर चौक जहां पर कि हमेशा लोगों की भीड़ व जाम लगा रहता था आज लोक डाऊन के चलते वहां सन्नाटा पसरा हुआ था। फिर सोचा क्यों न शहर की जहरीली हवा से बचकर किसी गांव की ओर निकला जाये। तब मैं और मेरी टीम के साथी कुड़ियाल गांव की ओर चल दिये जो कि घण्टाघर से लगभग 26 किमी0 दूर थानों के पास स्थित है। रायपुर से चलने से पहले ही हमने कुड़ियाल गांव के ग्राम प्रधान जी को फोन कर सूचित कर दिया था कि एस0डी0 न्यूज वेब चैनल से तीन लोग आपके गांव आ रहे हैं जिस पर ग्राम प्रधान जी ने भी हमें आने की अपनी सहमति दे दी। अब रायपुर से थानों की ओर चलते समय रास्ते के जंगल में हमने पेड़ों के साथ फोटो खींचकर लोगो को यही संदेश देने की कोशिश की, कि पेड़ों को न काटा जाये, अन्यथा भविष्य में परिणाम और भी खतरनाक हो सकते हैं। कुछ फोटो चिलचिलाती धूप में भी खींचे और कुछ पेड़ों की छांव में, जो यही संदेश दे रहे हैं कि यदि पेड़ ही नहीं होंगे तो हमें चिलचिलाती धूप में अपनी छांव देकर कौन बचायेगा। इसी दौरान हम लोगों को जंगल में कटे हुए पेड़ों के ठूंठ दिखायी दिए जो जंगलात वालों की कारगुजारियों को बयां कर रहे थे, देखकर बड़ा दुःख हुआ और यही विचार आया कि इंसान अब भी नहीं सुधरा तो भविष्य में उसे जिंदा रहने के लिए ऑक्सीजन भी खरीदनी पड़ा करेगी। जो ऑक्सीजन आज हम फ्री में नेचुरल वे में ले रहे है भविष्य में हमें एक एक सांस की कीमत अदा करनी पड़ेगी। रास्ते भर कवरेज करते हुए हम लोग कुड़ियाल गांव के ग्राम प्रधान श्रीमान महेश कुकरेती जी घर पहुंच गए लेकिन कॅरोना के चलते हम लोगों ने उनके घर के अंदर या आंगन में न बैठकर, उनके घर के साथ वाले बगीचे में बैठना तय किया, और वहीं पर उनके साथ साक्षात्कार के दौरान उनके गांव की समस्याओं, योजनाओं, गोबर गैस प्लांट, शौचालय, शिक्षा इत्यादि विषयों पर चर्चा की। कुछ भी कहो आज भी हमारे गांवों में शुद्ध जलवायु, खानपान उपलब्ध है। सोचता हूं कि आज जो थोड़ा बहुत शुद्ध वातावरण हमारे गांवों में बचा है भौतिकता के चलते कल वो भी खत्म न हो जाये, क्योंकि अब इन गांवों की खेती वाली भूमि पर भी प्लॉटिंग शुरू हो चुकी है।
कुड़ीयाल गांव के ग्राम प्रधान के साथ साक्षात्कार को सुनने व देखने के लिये नीचे वीडियो पर क्लिक करेंः-