अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड की जांच सीबीआई से कराये जाने तथा दोषियों को फांसी की सजा दिये जाने की मांग को लेकर कांग्रेस नेताओं ने दिया धरना
देहरादून। अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड की जांच सीबीआई से कराये जाने तथा दोषियों को फांसी की सजा दिये जाने की मांग को लेकर आज वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने गांधी पार्क में गांधी जी की प्रतिमा के सम्मुख धरना देते हुए हत्याकाण्ड की जांच सीबीआई से कराये जाने तथा रिसाॅर्ट में आने वाले वी.आई.पी. के नाम का खुलासा करने की मांग की। धरने में प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष श्री करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष श्री यशपाल आर्य, पूर्व मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री गणेश गोदियाल, विधायक श्री राजेन्द्र भण्डारी, विधायक श्री मदन सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक श्री मनोज रावत सहित सैकडों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रतिभाग किया।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अंकिता हत्याकाण्ड मानवता के लिए शर्मसार करने वाला तथा देवभूमि उत्तराखण्ड की अस्मिता को कलंकित करने वाली घटना है जिसके लिए दोषियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए जो कि इस प्रकार के अपराध करने वालों के लिए एक नजीर साबित हो।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है तथा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा सरकार में महिलाओं पर अत्याचार की घटनायें लगातार बढती जा रही हैं। है। भाजपा नेता के रिजार्ट में राज्य की बेटी अंकिता भण्डारी के साथ हुई जघन्य अपराध की घटना के उपरान्त जिस प्रकार रातोंरात सबूत नष्ट करने का काम किया गया उससे स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकार में अपराधियों को खुला संरक्षण दिया जा रहा है। जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा रिसाॅर्ट पर बुल्डोजर फिराने के आदेशों से इनकार किया जा रहा है तथा भाजपा सरकार सबूत नष्ट करने के बाद अपनी पीठ थपथपा रही है। उन्होंने कहा कि इस जघन्य आपराधिक घटना में शामिल सभी लोगों के नामों का खुलासा होना चाहिए जिसके लिए कांग्रेस पार्टी इस जघन्य हत्याकाण्ड की जांच सीबीआई से कराने की मांग करती है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि हम लोग पीडित के घर गये तथा उनके परिजनों से मिले वे बहुत गरीब लोग हैं इस घटना से उनका पूरा परिवार सदमें में है। राज्य सरकार की तरफ से भी अभी तक पीडित परिवार को किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस जघन्य हत्याकाण्ड के सबूतों को नष्ट करने का काम कर रही है। अंकिता हत्याकाण्ड जैसे जघन्य अपराध राज्य में महिला सुरक्षा के लिए गम्भीर चिन्ता का विषय हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अंकिता को न्याय दिलाने के लिए सडकों पर उतरेगी।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि भाजपा नेता के पुत्र का रिसाॅर्ट होने के चलते राज्य सरकार द्वारा शुरूआत से ही इस जघन्य अपराध की घटना पर पर्दा डालने का काम किया गया। सरकार के दबाव में पहले राजस्व पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज करने में हीला हवाली की गई तथा इसके उपरान्त रेगुलर पुलिस द्वारा 19 सितम्बर, 2022 को लापता हुई युवती की चार दिन तक भी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। उन्होंने कहा कि जब कभी भी ऐसी घटना होती है तो उस स्थान को सील कर दिया जाता है परन्तु रात के अंधेरे में सबूतों को नष्ट करने का काम किया गया। जिस वीआईपी के नाम पर अंकिता हत्याकाण्ड को अंजाम दिया गया उसके नाम का भी खुलासा करने में सरकार के दबाव में पुलिस प्रशासन कतरा रहा है। उन्होंने कहा कि कंाग्रेस पार्टी लगातार कहती आ रही है कि भाजपा शासन में प्रदेश में भय का वातावरण बना हुआ है। आज राज्य की महिलाएं अपने को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य पुलिस के आला अधिकारी इस हत्याकाण्ड के मुख्य अपराधी के पिता से हाथ मिलाते हुए दिख रहे हैं ऐसे में पुलिस की जांच पर विश्वास कैसे किया जा सकता है। उन्होंने इस हत्याकाण्ड की जांच सीबीआई से कराने की मांग की।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड की बेटी अंकिता की निर्मम हत्या हो गई। अपराधी को इतना वक्त दिया गया कि वह साक्ष्य मिटा सके, एक महत्वपूर्ण साक्ष्य बुलडोजर से तोड़कर नष्ट कर दिया गया। जहां सीसी टीवी कैमरा सहित कई साक्ष्य कोर्ट में महत्वपूर्ण हो सकते थे। अपराधियों के मोबाइल और उनके संरक्षकों के मोबाइल गायब बताए जा रहे हैं। अपराधियों को पुलिस रिमांड में लेने में जान बूझकर विलंब हो रहा है। सोशल मीडिया में अंकिता के मैसेज और उसके दोस्त से हुई बातचीत का ब्यौरा इन्वेस्टिगेशन का आधार है या नहीं! अभी तक वह वीआईपी नाम गुप्त है जिसको एस्कॉर्ट करने के लिए अंकिता पर दबाव डाला जा रहा था। पोस्ट मार्टम में महिला डॉक्टर को सम्मिलित न करना रहस्य को और गहरा कर दे रहा है। शोक संतप्त मां-बाप को शाब्दिक संवेदना के अतिरिक्त सत्ता ने कोई आर्थिक, भौतिक सहायता नहीं दी है। 18 सितंबर की सांय से ही चर्चा में आ चुके अंकिता की हत्या की आशंका के बावजूद अभियुक्तों की गिरफ्तारी में विलंब, शव खोजने में विलंब, प्रमुख अभियुक्त के रहस्यमय तरीके से गायब मोबाइल की खोज न होना कहीं न कहीं सवाल खड़े कर रहा है। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी का भी आभार प्रकट किया कि उन्होंने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उत्तराखण्ड की बेटी अंकिता को न्याय दिलाने की मांग की है।
यू.के.डी. नेता काशी सिंह ऐरी, पुष्पेश त्रिपाठी, पूर्व आईएएस एस.एस. पांगती ने भी धरने को अपना समर्थन दिया। धरना कार्यक्रम में पृथ्वीपाल चैहान, सुरेन्द्र कुमार, नवीन जोशी, सुशील राठी, गरिमा दसौनी, मनीष नागपाल, राकेश नेगी, परिणीता बडोनी, शीशपाल बिष्ट, आचार्य नरेशानन्द नौटियाल, नजमा खान, राजीव जैन, यामीन अंसारी, अश्विनी बहुगुणा, दर्शन लाल, आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा, सुमित्रा ध्यानी, राजेश चमोली, सुनील जायसवाल, नीनू सहगल, अंजली सेमवाल, मोहन भण्डारी, बुशरा अंसारी, तनुजा, शैली बंगवाल, नभ्रा कुकरेती, विशाल डोभाल, अनिल नेगी, मदन लाल, राजकुमार जायसवाल, बाला शर्मा, मनोरमा भट्ट, रघुवीर बिष्ट, आयुष गुप्ता, नवनीत सती, रघुवीर राणा, पलक पहल, जगदीश धीमान, ओमप्रकाश सती, लाखीराम बिजलवाण, सौरभ ममगाई, राकेश रावत, राजेन्द्र बिष्ट, गुल मोहम्मद, अनुराधा तिवारी, फातिमा, गुलजार आदि अनेक कंाग्रेसजन उपस्थित थे।