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गढ़वाल की जनता को झूठा दिलासा दे रहे हैं अनिल बलूनीः गरिमा मेहरा दसौनी

देहरादून। पौड़ी गढ़वाल संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अनिल बलूनी चुनाव प्रचार के दौरान गढ़वाल की जनता को झूठा दिलासा दे रहे हैं, यह कहना है उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी का। दसौनी ने भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी पर आरोप लगाते हुए कहा की उत्तराखंड गठन को 24 साल होने जा रहे हैं पर अनिल बलूनी ने इन 24 सालों में कभी मुड़कर भी उत्तराखंड की सुध नहीं ली। दसौनी ने कहा की  कभी उत्तराखंड के बाहर के नेता सुंदर सिंह भंडारी के ओएसडी के रूप में कार्यरत रहे अनिल बलूनी, निशंक सरकार में दायित्वधारी तक बनाए गए परंतु तब भी बलूनी उत्तराखंड का रुख नहीं किया।
तीर्थ रावत की अध्यक्षता में बलूनी 2012 में प्रदेश प्रवक्ता बनाए गए लेकिन उत्तराखंड के सरकारों से उनका कुछ लेना-देना नहीं रहा। 2014 में भाजपा द्वारा राष्ट्रीय प्रवक्ता और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी बनाए जाने के बावजूद भी उत्तराखंड के लिए कोई कुछ खास नहीं कर पाए ,2018 से लेकर 2024 तक 6 साल के लिए राज्यसभा सांसद के रूप में उनके पास उत्तराखंड के लिए कोई कुछ कर दिखाने का अच्छा मौका था परंतु इस अवसर को भी वह गंवा बैठे और उत्तराखंड के लिए कोई सौगात केंद्र में अपनी सरकार होने के बावजूद नहीं ला पाए। दसौनी ने कहा कि कुल मिलाकर अनिल बलूनी का संघर्षों से कभी सामना नहीं हुआ, ना  ही गढ़वाल की जनता के दुख कष्ट और परेशानी में वह सहभागी बने।भाजपा द्वारा इस बार पौड़ी गढ़वाल की जनता के बीच में एक पैराशूट कैंडिडेट की तरह चुनाव लड़ने के लिए उतार दिए गए अनिल बलूनी अब जगह-जगह जाकर पलायन के लिए काम करने की बात कर रहे हैं। दसौनी ने कहा कि जिसका परिवार खुद पलायन का एक जीता जागता उदाहरण हो वह क्या पलायन रोकेंगे??दसौनी ने हमला बोलते हुए कहा की 2018 की त्रिवेंद्र रावत सरकार में अनिल बलूनी ने अपने धर्मपत्नी का स्थानांतरण हल्द्वानी से दिल्ली करने का काम किया और स्वयं भी हमेशा दिल्ली वाले नेता ही बने रहे।
गरिमा ने कहा की यह हास्यास्पद ही है की आज अचानक उन्हें गढ़वाल की जनता का दर्द और मर्म उठ रहा है जो कि केवल और केवल चुनाव जीतने  के लिए दिखावा मात्र है। दसौनी ने कहा कि गढ़वाल की जनता ने भाजपा प्रत्याशी बलूनी को कभी अपने बीच में नहीं पाया और आधे से अधिक जनता तो अनिल बलूनी को जानती तक नहीं, ऐसे में गढ़वाल लोकसभा सीट पर चुनाव बाहरी और पहाड़ी के मुद्दे पर लड़ा जाएगा और निश्चित तौर पर जीत जनता के सेवक के तौर पर हमेशा जनता के बीच में रहने वाले पहाड़ी कांग्रेस के प्रत्याशी गणेश गोदियाल की होगी।

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