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अंधेरगर्दीः कागजों में होटल सील और धरातल पर चल रहा निर्माण

हरिद्वार। हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण इन दिनों फिर सवालों के घेरे में आ गया है। आठ महीने पहले जिस अवैध निर्माणाधीन होटल को सील करने के आदेश एचआरडीए कर चुका है, वहां धरातल पर जोरों शोरों से निर्माण का कार्य चल रहा है। एचआरडीए होटल को सील करने के आदेश करके भूल गया है या फिर यूं कहें कि जानबूझकर इसे अनदेखा कर दिया है। अवैध निर्माण करने वाले करने वाले होटल स्वामी और बिल्डर के साथ एचआरडीए के अधिकारियों की मिलीभगत की बू आ रही है। देखना यह होगा कि क्या विकास प्राधिकरण के उच्चाधिकारी अवैध निर्माण को होने देगा या फिर कार्रवाई कर मिलीभगत करने वाले अधिकारियों पर लगाम लगाएगा। हरिद्वार-दिल्ली मुख्य मार्ग बहादराबाद स्थित इब्राहिमपुर गेट के बराबर में विजय मखीजा द्वारा बेसमेंट सहित पांच मंजिला होटल का निर्माण मानकों के विपरीत किया जा रहा है। अनाधिकृत इस निर्माण को रोकने के लिए हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के हाथ छोटे पड़ते नजर आ रहे हैं। अवैध निर्माण करने वाले इन होटल स्वामी और बिल्डरों के सामने प्राधिकरण बोना नजर आ रहा है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि इस अवैध निर्माणाधीन होटल को सील करने के लिए 19 मई 2022 को अधिकारियों ने आदेश जारी कर दिए थे। लेकिन होटल आज तक भी सील नहीं हो पाया है खुद प्राधिकरण का सीलिंग के दस्तावेज इसकी गवाही दे रहे हैं। मौके पर चल रहा धड़ल्ले से निर्माण कार्य भी अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप सही साबित करता नजर आ रहा है। लोगों का आरोप है कि दाल में कुछ काला है। क्योंकि मौके की सच्चाई भी यही बयां कर रही है। विकास प्राधिकरण के दस्तावेज भी इसकी गवाही दे रहे हैं। क्योंकि जिस अवैध निर्माण को आठ माह पहले सील करने के आदेश किए जा चुके हैं और वहां आज भी सील नहीं लगी है। धड़ल्ले से काम चल रहा है। यह विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है। जिले में सैकड़ों अवैध कॉलोनियों और निर्माणों को सील करने का ढिंढोरा पीटने वाले हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के अधिकारी आखिर इस अवैध निर्माण के सीलिंग के आदेश करके भूल क्यों गए हैं यह अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है और अधिकारियों की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है। अब देखने वाली बात यह है कि कागजों में सील इस अवैध निर्माण को लेकर हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के उच्चाधिकारी कोई कार्यवाही करेंगे या फिर ऐसे ही मूकदर्शक बनकर तमाशा देखते रहेंगे। हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के सचिव उत्तम सिंह चैहान का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। कमाल है सील के आदेश सचिव के हस्ताक्षर के बाद ही जारी होते हें ऐसे में सचिव का यह बयान कि मामला उनकी जानकारी में नहीं बडा ही चैंकाने वाला गैरजिम्मेदारी वाला बयान है। सवाल उठता है कि जब सचिव को ही मामले की जानकारी नहीं हैं तो किसको मामले की जानकारी होगी। जहाँ तक सूत्रों कि मानें तो इस मामले में एक एई की भूमिका खासी संदिग्ध है।

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