अंबाला छावनी से विधायक अनिल विज लगातार दूसरी बार कैबिनेट मंत्री बने
अंबाला । मनोहर सरकार में अपनी दबंगई, सादगी और बेदाग छवि से पहचान बनाने वाले अंबाला छावनी से विधायक अनिल विज लगातार दूसरी बार कैबिनेट मंत्री बने हैं। अनिल विज का जनता से जमीनी जुड़ाव व काम करने का तरीका ही कारण रहे हैं कि वे अंबाला छावनी विधानसभा से छह बार विधायक चुने जा चुके हैं। वरिष्ठता के चलते विज डिप्टी सीएम के प्रबल दावेदार थे, लेकिन बृहस्पतिवार को उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। चंडीगढ़ से विज सीधा अंबाला छावनी सर्किट हाउस पहुंचे, जहां अफसरों व कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। यहां जिला उपायुक्त सहित प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में उन्होंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी काम नहीं कर सकते, उनकी जिला में कोई जरूरत नहीं है, ऐसे किसी अधिकारी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विज को गृह जैसा पॉवरफुल विभाग दिया गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य सहित उनके पास सात विभाग होंगे। 2014 में विधानसभा चुनाव जीतकर पहली बार कैबिनेट मंत्री बने विज ने कई मुद्दों पर अपनी सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर दिया था। ट्विटर बम से वे विपक्ष पर ही नहीं बल्कि अपनी सरकार पर भी टिप्पणी करने से पीछे नहीं हटे। यही कारण है कि विज मनोहर सरकार में हमेशा सुर्खियों में रहे। अंबाला-पंचकूला पुलिस कमिश्नरी और नगर निगम को भंग करवाने में विज की ही अहम भूमिका रही है।
1990 में लड़ा था पहला चुनाव अनिल विज ने अपना पहला चुनाव 1990 में लड़ा था। इस उपचुनाव में उन्होंने जीत हासिल की। पूर्व विदेश मंत्री स्व. सुषमा स्वराज के राज्यसभा में चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई थी। अनिल विज सात बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। साल 1996 और 2000 में अनिल विज ने बतौर आजाद उम्मीदवार चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीतकर विधानसभा पहुंचे। अंबाला छावनी से हैट्रिक लगाने वाले विज पहले विधायक हैं। सन 2009 से लेकर 2019 तक उन्होंने लगातार तीन चुनाव जीते।
राजनीतिक शुरुआत एबीवीपी से की थी 15 मार्च 1953 को जन्मे अनिल विज की पहचान बेदाग व जनता से जुड़े नेता की रही हैै। उन्होंने राजनीति की शुरुआत छात्र संगठन एबीवीपी से की थी। अंबाला कैंट स्थित एसडी कॉलेज में पढ़ाई के दौरान एबीवीपी में शामिल हुए। 1970 में उन्हें एबीवीपी महासचिव बना दिया गया।