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हटाए जाएंगे सभी अवैध मजारः सीएम धामी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि अवैध रूप से किए गए कब्जों के खिलाफ उनकी सरकार की कार्यवाही जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि हम धार्मिक तुष्टीकरण की राजनीति नहीं करते हैं। वन विभाग या राज्य सरकार द्वारा नजूल भूमि पर अवैध रूप से किए गए सभी प्रकार के कब्जों को हटाने का काम जारी रहेगा। चाहे वह किसी भी धर्म के हो। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि राज्य की मूल संस्कृति को बिगाड़ने की इजाजत किसी को भी नहीं दी जाएगी। उनका कहना है कि वन विभाग व सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कर किए गए कब्जों के चिन्हीकरण का काम किया जा रहा है। सभी विभागों द्वारा चाहे वह वन विभाग हो या राज्य संपत्ति विभाग, नगर निगम हो या निकाय सभी विभागों को अवैध कब्जे चिन्हीकरण के काम के लिए कहा गया है तथा सर्वे का काम जारी है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि पिछले 1 साल में राज्य में 102 अवैध मजारों को हटाने का काम किया गया है। राज्य के तमाम विभागों द्वारा किए गए सर्वे में बड़े पैमाने पर अवैध मजारों के निर्माण का खुलासा हुआ है। अब तक राज्य में 1हजार से भी अधिक मजार चिन्हित किए जा चुके हैं खास बात यह है कि सैयद बाबा के नाम से राज्य में आधा दर्जन से अधिक मजारे हैं। जिस पर सवाल उठाया जा रहा है कि किसी एक पीर के नाम से एक से अधिक मजारे कैसे हो सकती है। माना जा रहा है कि एक समुदाय विशेष द्वारा सोची समझी रणनीति के तहत राज्य में मजार जिहाद का अभियान चलाया जा रहा है। इंतजामियां कमेटी द्वारा मजारों के लिए फ्रेंचाइजी बांटे जाने का काम करने की बात भी सामने आई है। खास बात यह है कि कार्बेट टाइगर रिजर्व जैसे प्रतिबंधित क्षेत्रों में जहां बिना परमिशन के किसी को घुसने तक की इजाजत नहीं होती है उसकी कई रेंजों में भी मजारे होने की बात सामने आई है। राज्य के कुछ वन क्षेत्र में कुछ मजारे 1980 से भी पहले की बनी है जबकि कुछ मजारे अलग राज्य बनने के बाद बनाई गई हैं। मुख्यमंत्री धामी द्वारा एक साल पहले राज्य में जनसंख्या असंतुलन की बात कहते हुए राज्य की संस्कृति को बिगाड़ने की कोशिश किए जाने की बात कही गई थी। जिसके बाद अवैध मजारों की आड़ में राज्य में घुसपैठ के मुद्दे ने तूल पकड़ा जिस पर सीएम ने संज्ञान लेते हुए विभागों को सर्वे के आदेश दिए गए थे।

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