आखिर UNSC में भारत को रोकने में चीन और पाकिस्तान फेल हो ही गये
संयुक्त राष्ट्र। कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हुई इमरजेंसी बैठक में भारत को रोकने की कोशिश में चीन-पाकिस्तान विफल रहे। शुक्रवार को चीन की मांग पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इमरजेंसी बैठक हुई यह बैठक बंद कमरे में हुई। इस बैठक में UNSC के 5 स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य शामिल हुए। बैठक में भारत के पक्ष में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस खड़ा हुए। उन्होंने कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा बताया। वहीं कश्मीर के मुद्दे पर चीन ने कहा कि वह कश्मीर के मसले पर चिंतित है। कश्मीर के हालात तनावपूर्ण और खतरनाक हैं। कश्मीर मुद्दे पर चीन ने एकतरफा कार्रवाई से बचने की सलाह दी।
भारत का दो टूक- हमें पता है लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा कैसे करनी है इस मामले में संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि अकबरुद्दीन ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना भारत का आंतरिक मुद्दा है और जम्मू-कश्मीर के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि बाहर के लोगों को इस फैसले से कोई मतलब नहीं है। हिंसा किसी भी समस्या का हल नहीं है। पाकिस्तान की नाम लिए वगैर उन्होंने कहा कि एक देश जेहाद और हिंसा की बात कर रहा है जबकि हिंसा से कोई हल नहीं निकल सकता है। अकबरुद्दीन ने पहले पाकिस्तान के पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की बातचीत से पहले पाकिस्तान को आतंकवाद पर रोक लगाना चाहिए। बीते 10 दिनों में कश्मीर में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। हमने कोशिश की कि कश्मीर के लोगों को दिक्कत न हो। अकबरुद्दीन ने कहा कि भारत लोकतांत्रिक तरीके से जम्मू-कश्मीर के हालात को ठीक करने की कोशिश कर रहा है। किसी भी अंतरराष्ट्रीय संस्था ने नहीं कहा कि भारत मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। हमारा संविधान एक खुली किताब है। लोकतंत्र के बारे में हमारा अनुभव कई देशों से ज्यादा है। यूएन में भारत के स्थाई दूत अकबरुद्दीन ने चीन को भी आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि हमें पता है लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा कैसे करनी है।
इमरान ने की ट्रंप को विश्वास में लेने की कोशिश कश्मीर के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इमरजेंसी बैठक ठीक पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने टेलीफोन पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत की। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के ठीक पहले इमरान खान ने अमेरिकी राष्ट्रपति को “अपने विश्वास में” लिया क्योंकि भारत सरकार ने जम्मू और काश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द कर दिया है। उन्होंने कहा कि पीएम ने ट्रंपक को कश्मीर में हाल के घटनाक्रम और क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा पैदा होने वाली पाकिस्तान की चिंता से अवगत कराया।