अब ट्रेनों से भी सस्ता होता जा रहा है हवाई सफर, जानिये कितना अंतर है किराये में
नई दिल्ली । हवाई किराए और प्रीमियम ट्रेनों के किराए में लगातार अंतर कम होता जा रहा है, जिसकी वजह से हवाई सफर लोगों की पहली पसंद बनता जा रहा है। अगर आप अपनी यात्रा की प्लानिंग कुछ समय पहले कर लें तो आपको हवाई सफर ट्रेन से भी सस्ता पड़ता है। दिल्ली से मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे शहरों के लिए हवाई यात्रा का किराया राजधानी के सेकंड एसी से भी कम है। अगर आप करीब एक महीने पहले इकोनॉमी क्लास का हवाई टिकट बुक कराते हैं तो यह सेकंड एसी से सस्ता पड़ेगा। आइए हम आपको बताते हैं कि यह सफर आपको कितना सस्ता पड़ सकता है।
आप अगर दिल्ली से मुंबई का सफर राजधानी ट्रेन से तय करते हैं तो इसका किराया थर्ड एसी में 2,245 रुपये, सेकंड एसी में 3,110 रुपये और फर्स्ट एसी 4,760 रुपये पड़ेगा। वहीं अगर आप विमान की इकोनॉमी क्लास में सफर करते हैं तो आपको इसके लिए 2,920 रुपये चुकाने होंगे।
अगर आपको दिल्ली से कोलकाता जाना है और आप सफर के लिए राजधानी ट्रेन का चुनाव करते हैं तो थर्ड एसी में 2,300 रुपये, सेकंड एसी में 3,190 रुपये और फर्स्ट एसी के लिए 4,910 रुपये देने पड़ेंगे। वहीं विमान के इकोनॉमी क्लास के लिए केवल 2,958 रुपये का भुगतान करना होगा।
दिल्ली से बेंगलुरु का किराया ट्रेन के थर्ड एसी में 3,195 रुपये, सेकंड एसी में 5,485 रुपये और फर्स्ट एसी 6,795 है। वहीं आप एक महीने पहले विमान के इकोनॉमी क्लास का टिकट 3,417 रुपये में बुक करा सकते हैं।
अगर आपको दिल्ली से चेन्नई तक का सफर तय करना है और आप ट्रेन से जाते हैं तो इसका किराया थर्ड एसी में 3,315 रुपये, सेकंड एसी में 4,270 रुपये और फर्स्ट एसी 6,475 रुपये पड़ेगा। वहीं एक महीने पहले इकोनॉमी क्लास के टिकट के लिए आपको केवल 3,616 रुपये चुकाने होंगे।
मोदी सरकार की नीतियों की वजह से अन्य क्षेत्रों की तरह ही देश का एविएशन सेक्टर भी दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है। मोदी सरकार ने पिछले चार वर्षों में हवाई यात्रा को आम आदमी की जद में ला दिया है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी भी कई मौकों पर इसका जिक्र कर चुके हैं। केंद्र सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार भारत विश्व के तीसरे सबसे बड़े एविएशन मार्केट के तौर पर उभरा है। भारत में पिछले तीन साल से पैसेंजर टैरिफ ग्रोथ की रेंज 18-20 प्रतिशत तक है।
हवाई किराए पर प्रतिस्पर्धा आयोग की नजर
टिकट की मांग बढ़ने पर हवाई जहाज के किराए में होने वाली अप्रत्याशित बढ़ोतरी पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) नजर रखे हुए है। आयोग इस मामले में किसी तरह की गुटबंदी (कार्टेलाइजेशन) को रोकने के लिए किराया निर्धारण के लिए इस्तेमाल होने वाले एल्गोरिदम की क्रियाप्रणाली को समझने का प्रयास कर रहा है।