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अब अमेरिका हमेशा के लिये हाथ मिलाने की आदत से कर सकता है तौबा

वाशिंगटन। कोरोना वायरस को लेकर जो बातें दुनिया के कई देश और विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन बार-बार कह रहा था, वही अब अमेरिका के विशेषज्ञों द्वारा कही जाने लगी है। गौरतलब है कि पूरी दुनिया में अब तक कोरोना वायरस के मरीजों की संख्‍या 1524833 पहुंच गई है। इसके अलावा अब तक करीब 88965 मौत भी हो चुकी हैं। अकेले अमेरिका में अब 435160 मामले सामने आ चुके हैं। यहां पर मरने वालों की संख्‍या 14797 तक पहुंच गई है। इटली के बाद अमेरिका दूसरा ऐसा देश है जहां पर कोरोना वायरस की वजह से इतनी मौत हुई हैं। यही वजह है कि यहां के विशेषज्ञ हमेशा के लिए ही हाथ मिलाने से तौबा करने की बात कहते दिखाई दे रहे हैं।

      संक्रामक बीमारियों के शीर्ष अमेरिकी विशेषज्ञ और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीजेज के डायरेक्टर एंथनी फॉसी ने यहां तक कहा है कि लोगों को अब कभी भी एक-दूसरे से हाथ नहीं मिलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे न केवल नोवल कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सकेगा, बल्कि दुनियाभर में इन्फ्लुएंजा के मामलों में भी बड़ी गिरावट आएगी। एंथनी कोरोना वायरस पर व्हाइट हाउस द्वारा बनाई गई टास्क फोर्स के भी प्रमुख सदस्य हैं। टाइम डॉटकॉम के मुताबिक, उन्‍होंने ये भी कहा है कि हाथों को बार-बार धोना अब लोगों की दिनचर्या का हिस्‍सा बन जाना चाहिए। हाथों को न मिलाना और बार-बार हाथ धोने से कोरोना वायरस के अलावा कई तरह की बीमारियों को फैलने से रोका जा सकेगा। फॉसी ने कहा कि हाथ न धोने और एक-दूसरे से हाथ मिलाने से सांस संबंधी बीमारियां एक से दूसरे व्यक्ति तक तेजी से फैलती हैं। उन्‍होंने ये सब बातें उन सवालों के जवाब में कहीं जिनमें कोरोना समेत दूसरी बीमारियों को फैलने से रोकने के उपायों के बारे में पूछा गया था। आपको बता दें कि कोरोना वायरस फैलने के बाद अब दुनिया के कई देशों के प्रमुखों ने हाथ मिलाने की प्रवृति छोड़ कर नमस्‍ते करने की आदत डाल ली है। अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी ऐसी ही आदत डालने का जिक्र कर चुके हैं।

      आपको बता दें कि अमेरिका इस वक्‍त सबसे अधिक कोरोना वायरस की चपेट में है। यहां पर कई शहरों और राज्‍यों में लॉकडाउन लागू है। वहीं इसकी वजह से लगातार बढ़ रहे मौत के आंकड़े से परेशान अमेरिका को भारत ने HCSQ दवा की सप्‍लाई की है। ये दवा मलेरिया में उपयोग की जाती है और भारत इसका सबसे बड़ा निर्माता है। बीते दिनों डेमोक्रेटिक सांसद ने भी इसकी वजह से अपनी जान बचने का दावा भी किया था। इतना ही नहीं, ब्राजील को भी भारत ने इसी दवा की सप्‍लाई की है।

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