आम्रपाली के फ्लैट खरीदारों को SC की ओर से बड़ी राहत, एनबीसीसी को आम्रपाली के सभी अटके हुए अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी
नई दिल्ली । आम्रपाली के हाउसिंग प्रोजेक्ट में फ्लैट मिलने का इंतजार कर रहे हजारों खरीदारों को बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत प्रदान की है। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) को आम्रपाली के सभी अटके हुए अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी से 30 दिन में विस्तृत योजना मांगी है।सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को आम्रपाली मामले की सुनवाई करते हुए एनबीसीसी को कहा कि वह 30 दिन में बताए कि वह आम्रपाली के अधूर प्रोजेक्टों को कैसे पूरा करेगा। साथ ही एनबीसीसी निर्माण कार्य पूरा करने के लिए निश्चित टाइम लाइन भी देगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के सभी ऑडिटर्स को आदेश दिया है कि वह ग्रुप की सभी 40 कंपनियों के खातों का बारीकी से परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। रिपोर्ट में ये भी बताया जाए कि आम्रपाली ग्रुप द्वारा होम बायर्स के लगभग 2500 करोड़ रुपये कहां लगाए हैं। बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान एनबीसीसी के चेयरमैन, आम्रपाली के चेयरमैन और शहरी विकास मंत्रालय के सचिव भी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए।
एक दिन पहले सभी कंपनियों की संपत्ति अटैच करने का दिया था आदेश इससे पहले बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ बड़ा फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली की सभी 40 कंपनियों के बैंक खातों और चल संपत्ति को अटैच करने का आदेश जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के सभी डायरेक्टर के बैंक खातों को फ्रीज करने और उनकी व्यक्तिगत संपत्तियों को भी अटैच करने का आदेश दिया था। बुधवार की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख अंदाज में कहा था कि आम्रपाली हमारे धैर्य की परीक्षा न ले। सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को शहरी विकास मंत्रालय के सचिव और एनबीसीसी अध्यक्ष को भी पेश होने का आदेश दिया था।
आम्रपाली चेयरमैन से मांगी थी डायरेक्टर्स की सूची इससे पहले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के चैयरमैन अनिल शर्मा को आदेश दिया था कि वो ग्रुप के सभी डायरेक्टर्स के पैन कार्ड और बैंक डिटेल गुरुवार तक कोर्ट को उपलब्ध कराएं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आम्रपाली ग्रुप ने गुमराह किया है और आदेशों का पालन नहीं किया है। कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के सभी 40 कंपनियों के खातों को देखने वाले चार्टेड एकाउंटेंट की भी लिस्ट मांगी थी।