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टमाटर की बढ़ती दर को नियंत्रित रखने मुनाफाखोरी पर रोक लगाए जाने हेतु अनुश्रवण टीम का किया गया गठन
देहरादून। जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका के निर्देशों के अनुपालन में अपर जिलाधिकारी प्रशासन डॉ एस के बरनवाल ने अवगत कराया है कि टमाटर की बढ़ती दर को नियंत्रित रखने मुनाफाखोरी पर रोक लगाए जाने हेतु जनपद में अनुश्रवण टीम का गठन किया गया है।
अवगत कराया कि स्थानीय जनता से लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही है कि मंडी में टमाटर मूल्य जोकि फुटकर व्यापारियों को रू0-1500.00 से रू0 2000.00 प्रति केरेट (25 के०जी०) अर्थात रू0 60.00 से 80.00 प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध कराया जा रहा है परन्तु फुटकर व्यापारियों द्वारा इसे 200.00 रूपये से 240. 100 रूपये की दर से यह कहते हुए विक्रय किया जा रहा है कि मंडी में आढ़तियों द्वारा महंगा विक्रय किया जा रहा है।
मंडी निरीक्षक / नोडल अधिकारी नवीन मंडी स्थल देहरादून के द्वारा लिखित में अवगत कराया गया है कि टमाटर का थोक मूल्य रू0 1500.00 से 2000.00 प्रति कैरेट के भाव से फुटकर व्यापारियों को दिया जा रहा है। यदि 03 प्रतिशत आढ़त कमिशन (रू0 – 05.00 प्रति किलो), अधिकतम भाड़ा रू0 10.00 प्रति किलो फुटकर व्यापारियों का अधिकतम लाभांश रू0 10.00 प्रति किलो भी लिया जाय, तो अधिकतम फुटकर मूल्य रू0 105.00 प्रति किलो की दर से स्थानीय जनता को टमाटर उपलब्ध करवाया जाय। इसमें यह दर आज शनिवार की है, जब रविवार को मंडी का सप्ताहिक अवकाश है। आगे और भी दरें घटने की सम्भावना है। 08 जुलाई 2023 से मंडी परिसर में चार काउण्टर स्थापित किये गये है, जहाँ रू0-70.00 प्रति किलो प्रति परिवार अधिकतम 02 किलो की दर से टमाटर विक्रय किया जा रहा है। साथ ही प्रतिदिन का अधिकतम थोक विक्रय मूल्य भी मंडी प्रशासन के द्वारा जिलाधिकारी एवं जिला पूर्ति अधिकारी, देहरादून को उपलब्ध कराया जायेगा ।
अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने अवगत कराया है कि मुनाफाखोरी से स्थानीय जनता को राहत दिये जाने हेतु प्रशासनिक आदेश निर्गत किया गया कि फुटकर व्यापारियों द्वारा अधिकतम रू0 100.00 से रू0 110.00 के मध्य टमाटर फुटकर विक्रय किया जाय। यदि इससे अधिक मूल्य पर विक्रय किया जाता है, तो जनपद के समस्त उप जिलाधिकारी, सम्बन्धित थानों के निरीक्षक / उप निरीक्षक मंडी निरीक्षक एवं पूर्ति निरीक्षक / क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी की छापेंमारी टीम गठित की गयी है। गठित टीम को मुनाफाखोरी करने वालों के विरूद्ध सुसंगत अधिनियमों के तहत् प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।