उत्तराखंड के हर ग्राम में ई सुविधा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जनप्रतिनिधियों को दिया गया प्रशिक्षण
हरिद्वार। राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) के तहत हरिद्वार के बीएचईएल स्थित सेक्टर 5 के कन्वेंशन सेंटर में मंगलवार को दो दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें पंचायत प्रतिनिधियों व कार्मिकों को ग्राम पंचायत विकास योजना ( जी पी डी पी) के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. इस दो दिवसीय कार्यशाला में रुद्रप्रयाग, नैनीताल, उधमसिंह नगर, बागेश्वर, हरिद्वार एवं देहरादून जनपद के जनप्रतिनिधियों ने मौजूदगी दर्ज कराई.
इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों एवं पंचातीराज के कार्मिकों को ई सुविधा के संबंध में जानकारी दी गई. साथ ही, कार्य के दौरान आने वाली दिक्कतों के बारे में भी अधिकारियों ने विस्तार से समाधान बताए. इस बीच एक बार पुनः कार्यशाला में इस बात का संकल्प लिया गया कि समय-समय पर पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों की समीक्षा भी करनी चाहिये. कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों ने सतत विकास लक्ष्यों के बारे में जानकारी देते हुये कहा कि ग्रामीणों को सुरक्षा, शिक्षा, ई-गवर्नेंस आदि की सम्पूर्ण जानकारी देनी चाहिये. साथ ही, उन्होंने गांव स्थापना दिवस को मनाने पर जोर देते हुये हर गांव की आदर्श हस्तियों को सम्मानित करने और एक सभ्य समाज बनाने के लिये प्रेरित किया. साथ ही, पंचायतीराज निदेशालय उत्तराखंड के संयुक्त निदेशक राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी के निर्देश पर दूर-दूर से आए पंचायत प्रतिनिधियों की लंबित शिकायतों का मंच से समाधान किया गया. वहीं, जनसंख्या निदेशालय के निदेशक संजीव कुमार ने पंचायत प्रतिनिधियों को जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्रों को जारी करने के संबंध में जानकारी दी। इसके अलावा केंद्रीय पंचायती राज की निदेशक मालती रावत एवं पंचायती राज निदेशालय उत्तराखंड के संयुक्त निदेशक श्री राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी, जिला पंचायत राज अधिकारी हरिद्वार अतुल प्रताप सिंह सहित विभिन्न ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों ने हरिद्वार के भगवानपुर विकास खंड स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का निरीक्षण किया. कूड़ा प्रबंधन के क्षेत्र में इस प्लांट का योगदान सराहनीय है। इस अवसर पर स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर पंचायतीराज उत्तराखंड दिनेश गंगवार, एनआईसी कंसल्टेंट कमलेश, डीपीआरओ टिहरी मोहम्मद खान ने विस्तार से जानकारी दी. सबने प्राथमिकता को समझते हुये योजनाओं पर काम करने की सलाह देते हुए कहा कि क्षेत्रों में जिन स्थानों में विकास कार्य अधूरा पड़ा है उसे विकसित करना जरूरी है।