विक्रम ऑटो परिवहन महासंघ के चक्काजाम को कांग्रेस का समर्थन
देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि उत्तराखण्ड विक्रम ऑटो परिवहन महासंघ द्वारा अपनी महत्वपूर्ण मांगों को लेकर 29 नवम्बर को पूरे प्रदेश में राज्य सरकार की परिवहन नीतियों के विरोध में चक्का जाम करने का निर्णय लिया गया है। जिसको प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार की वर्तमान ऑटो विक्रम एवं डीजल चालित वाहनांे को बन्द करने से प्रदेश के हजारांे लोग बेरोजगार होने की कगार में हैं। सरकार का यह निर्णय अव्यवहारिक है। उन्होंने कहा कि सरकार 1 मार्च से सीटी बसों एवं विक्रमों को बाहर का रास्ता दिखा रही है जिन्हें क्रमशः 15 वर्ष एवं 7 वर्ष की अवधि हो चुकी है।
श्री माहरा ने कहा कि सरकार ने वर्तमान में विक्रम की अवधि 7 वर्ष एवं सीटी बसों की अवधि 15 वर्ष रखी है जो कि निराधार है। उन्होंने कहा जबकि उच्च न्यायालय के सिंगल व डबल वैंच ने सरकार के इस अव्यवहारिक निर्णय को निरस्त किया है। परन्तु सरकार उच्च न्यायालय के आदेशों का भी पालन नही कर रही है। जिससे ऑटो चालक संगठन सड़कांे पर उतरकर अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर संघर्ष करने को मजबूर है। श्री माहरा ने कहा कि सरकार खुलेआम कानून का मखौल उड़ा रही है। उन्होंने ने कहा कि कोराना काल मेें ऑटो व सीटी बसों के मालिकों ने अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए जनता की सेवा की है तथा अधिकांश ऑटो/विक्रम/सीटी बस मालिकों ने बैंकों से ऋण लेकर वाहन खरीदे हुए हैं, वर्तमान में उन्हें किश्त चुकाने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना काल के दौरान सरकार द्वारा इन वाहन मालिकों को कोई भी सहायता नही दी गई हैं। अब जब सामान्य स्थिति है तब सरकार इस तरह का तुगलगी फरमान जारी कर अपनीे हठधर्मिता का परिचय दे रही है, जो कि अन्यायपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वाहन मालिकों के उपर हो रहे अत्याचार का पुरजोर विरोध करती है तथा सरकार से पुरानी परिवहन नीति ही लागू करने की मांग करती है।
श्री माहरा ने कहा कि पूरे प्रदेश में वाहनों की फिटनेश के लिए केवल एक संेन्टर डोईवाला लालतप्पड में स्थापित किया गया है जो कि सरकार की 28 किमी. परिमिट नीति के खिलाफ है। वाहन मालिकांे को वाहनों की फिटनेश कराने के लिए संेटर के कई चक्कर लगाने पड़ रहे हैं होना यह चाहिए था कि सरकार को अपनी नीति के अनुरूप 28 किमी. की परिधि के अन्तर्गत ही फिटनेश संेटन स्थापित करने चाहिए थे ऐसा ना करके सरकार ने ऑटो विक्रम चालक मालिकों का मानसिक उत्पीडन किया है।