पारदर्शी व्यवस्था के तहत नए आयोग का गठन किया जाएः चुफाल
देहरादून। पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं डीडीहाट के विधायक विशन सिंह चुफाल ने माना है कि प्रदेश में उत्तराखंड अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग की कार्यशैली से प्रदेश सरकार की छवि को काफी नुकसान पहुंचा है। हालांकि उन्होंने मामले में सरकार की कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसी संस्थाओं को भंग कर पारदर्शी व्यवस्था के तहत नए आयोग का गठन किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी राजनीतिक दलों को सहयोगात्मक रुख अपनाना चाहिए। उन्होंने सरकार को सुझाव दिया है कि सर्वदलीय बैठक बुलाकर सर्वसम्मति से नए आयोग के गठन का कार्य किया जाना चाहिए।
चुफाल ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में स्थापित यूकेएसएसएससी ने भर्ती परीक्षा में जो घपला किया है, उससे प्रदेश सरकार की छवि को काफी नुकसान पहुंचा है। हालांकि यह अच्छा है कि वर्ष 2016 में वीडीओ, वीपीडीओ परीक्षा से लेकर अभी तक आयोग द्वारा कराई गई परीक्षाओं में धांधली पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त रुख अपनाया है। मामले की जांच के क्रम में एसटीएफ ने आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आरबीएस रावत, पूर्व सचिव मनोहर कन्याल, पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया समेत 44 जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों और भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितता में लिप्त लोगों को गिरफ्तार किया है। प्रदेश सरकार की त्वरित और कठोर कार्रवाई से युवाओं का भरोसा प्रदेश सरकार पर मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी कार्रवाई से संदेश दिया है कि गलत कार्य करने वाले आला अधिकारियों समेत किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी संस्थाओं को भंग कर पारदर्शी व्यवस्था के तहत नए आयोग का गठन किया जाना जरूरी है। संगठन तय करेगा कि मंत्री कौन बनेगा रू मंत्रिमंडल में रिक्त पदों को लिए पूछे सवाल पर विधायक चुफाल ने कहा कि यह तय करना उनका काम नहीं है। चुफाल ने कहा कि संगठन ही यह जिम्मेदारी तय करता है। राज्य और देश के विकास के लिए उन्होंने 43 साल तक निस्वार्थ भाव से कार्य किया है। डीडीहाट और राज्य का विकास उनकी पहली प्राथमिकता है। उनके संबंध में संगठन जो भी निर्णय करेगा, वह मान्य होगा। पर्वतीय क्षेत्रों में बंदर और अन्य जंगली जानवरों के फसल बर्बाद करने और पलायन के मुद्दे पर विधायक चुफाल ने कहा कि वह इस संबंध में मुख्यमंत्री धामी से वार्ता करेंगे। चुफाल ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में बंदरों और जंगली जानवरों द्वारा फसल बर्बाद करने की समस्या के समाधान के लिए उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड, तीनों राज्यों को सामूहिक प्रयास करने होंगे। कहा कि बंदरों का बंध्याकरण कर फसलों को बचाया जा सकता है।