हर घर रोजगार, रोजगार मिलने तक युवाओं को मिलेंगे 5000ः कर्नल कोठियाल
देहरादून। आप सीएम उम्मीदवार कर्नल कोठियाल ने आज उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में अपने नामांकन के बाद उत्तराखंड के युवाओं से नवपरिवर्तन संवाद किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मुझे राजनीति में आने के लिए कई लोगों ने मना किया क्योंकि उत्तराखंड के राजनीतिक हालात दुरुस्त नहीं थे लेकिन बदलाव के लिए मैंने बीडा उठाया और 19 अप्रैल 2021 को आप पार्टी की सदस्यता लेते हुए राजनीति में आया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक गंदगी सिर्फ झाडू से ही साफ हो सकती है। उन्होंने कहा कि कि बीते 1 साल में,मैं प्रदेश मे कई लोगो से मिला और लोगों से मिलने के बाद मुझे समझ आया कि उत्तराखंड में कांग्रेस और भाजपा की राजनीति के खिलाफ जबर्दस्त माहौल है और आज का युवा बेहतर विकल्प चाहता है। यहां का युवा राज्य के हालातों को बदलना चाहता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवा मुझे हौंसला देते हुए कहते हैं बढे चलो कर्नल साहब, हम आपके साथ हैं। जीवनभर देश सेवा करने के बाद अब बारी है मातृभूमि उत्तराखंड की सेवा करने की। अब बारी है शहीदों का कर्ज चुकाने की, उनके सपनों का उत्तराखंड बनाने का । यहां के युवाओं की शक्ति का सही इस्तेमाल नहीं हुआ। आज यहां का युवा बेरोजगारी से परेशान है। उत्तराखंड के तकरीबन 18 फीसदी युवा बेरोजगार हैं। भाजपा और कांग्रेस ने युवाओं को रोजगार नहीं दिया खुद पलायन आयोग इस बात का गवाह है। उन्होंने पलायन आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इन बीस वर्षों से सबसे ज्यादा पलायन बेरोजगारी के कारण हुआ है। पलायन आयोग की रिपोर्ट कहती है कि पिछले दस वर्षों में उत्तराखंड के 3,946 गांव भुतहा हो चुके हैं। पिछले दस सालों में साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोगों ने पलायन किया है। इनमें से 1 लाख 18 हजार 981 लोग स्थाई रूप से अपनी मातृभूंमि छोड़ने को मजबूर हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा लोगों ने रोजगार के अभाव में पलायन किया। खुद सरकार का बनाया हुआ आयोग जब इस नाकामी को उजागर कर रहा है तो फिर कहने को क्या बचता है? उन्होंने कहा कि रोजगार देने के नाम पर बाहरी कंपनियां यहां के युवाओं से पैसा वसूलती हैं। खुद मैंने देखा की बाहर की कम्पनियाँ राजनैतिक संरक्षण से खुले आम हमारे युवाओं से पैसा वसूली कर रही है। ए स्क्वायर नाम की कंपनी रिश्वत लेकर लोगों को सरकारी विभागों में नौकरियां बाँट रही है। मुझे इस कंपनी ने पैसे लेकर चौकीदार की नौकरी दी। मैंने सरकार को सारे तथ्य और दस्तावेज दिए, फिर भी सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया। क्या सरकार को हमारे युवाओं की चिंता नहीं है?क्यों आजतक उत्तराखंडियों के लिए रोजगार में 70प्रतिशत रिजर्वेशन नहीं मिली?क्यों आजतक पचास हजार से ज्यादा पदों पर भर्तियां नहीं हुई?क्यों हर भर्तियों में परीक्षा से पहले भर्तियां तय हो जाती है? उन्होंने कहा,आज प्रदेश को बने 21 साल पूरे हो गए लेकिन इन 21 सालों में भी रोजगार के लिए युवा पलायन को मजबूर हैं। लेकिन नेताओं के अपनों के लिए बैक डोर एंट्री खुली हुई है। उन्होंने आगे कहा कि अब इस भटकाव पर फुल स्टॉप लगाने का वक्त आ गया है। अब पहाड़ के पानी और पहाड़ की जवानी को पहाड़ के काम लाने का वक्त आ गया है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ की चुनौती बहुत बडी चुनौती थी और उसे स्वीकार करने का फैसला बहुत बड़ा था। केदारनाथ में जिस तरह के हालात थे, उसे देख कर कोई भी नहीं सोच सकता था कि अगले पांच-छह साल तक यहां लोग दुबारा आ पाएंगे। लेकिन आज केदारनाथ धाम में पहले की तरह रौनक है। यह सब यहां के युवाओं की मेहनत की बदौलत ही संभव हो पाया। वो उत्तराखंड का युवा ही था जिसने कड़ाके की ठण्ड में काम करके केदारनाथ का पुनर्निर्माण किया।