आप बनाएगी पूर्व फौजियों की समस्याओं के समाधान के लिए अलग विभाग
देहरादून। 73 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आज कर्नल कोठियाल ने पूरे प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए प्रदेश के सभी एक्स सर्विसमैन से वर्चवली जुडते हुए नवपरिवर्तन संवाद किया। उन्होंने सभी गौरव सैनानियों का स्वागत किया और कहा कि आज इन पवित्र दिन मैं प्रदेश के सभी बहादुर साथियों से अपने मन की बातें करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि जब भी मैं अपने एक्स सर्विसमैंन साथियों से बात करता हूं तो मेरा जोश अपने आप बढ़ जाता है। आप लोगों से बात करते हुए मुझे इंडियन आर्मी की याद ताजा हो जाती है।
उन्होंने कहा कि फौजी ताउम्र फौजी रहता है। वो कभी भी रिटायर नहीं होता। एक फौजी हर पल देश सेवा के लिए तैयार रहता है। एक सिपाही के लिए उसकी सर्विस सबसे बड़ी अचीवमेंट होती है। मेरे लिए भी सबसे बड़ी अचीवमैंट यही है कि मुझे 27 साल सेना की वर्दी पहनने का सौभाग्य मिला। उन्होंने आगे कहा कि 14 फरवरी को उत्तराखंड में अगली सरकार बनाने के लिए वोटिंग होगी और 10 मार्च को रिजल्ट आएगा। इस पर्व में आप सभी को मैं शामिल होने का न्योता देता हूं। उन्होंने कहा कि आप लोग 14 फरवरी को वोट जरूर दें।
उन्होंने आगे कहा कि आप पार्टी के संयोजक, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने एक फौजी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर इस सैन्यधाम का गौरव बढ़ाया है। एक सैनिक बाहुल्य प्रदेश में एक फौजी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर अरविंद केजरीवाल जी ने दिखाया है कि, आम आदमी पार्टी सेना का कितना सम्मान करती है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मैं चुनाव की इस घड़ी में सैनिक हितों के मुद्दों पर जरूरी बात करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड वीरों की भूमि है। उत्तराखंड के हर परिवार से लोगों का संबंध सेना से है।
पहले विश्वयुद्ध से लेकर कारगिल वार और हाल के वर्षों में दुश्मन देशों के साथ हुई लड़ाइयों में उत्तराखंड के वीर सिपाहियों ने अपनी बहादुरी का ऐसा परिचय दिया है जिसे देख, सुनकर हर उत्तराखंडी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। गढ़वाल राइफल्स और कुमाऊँ रेजिमेंट के सिपाहियों ने देश के लिए कई कुर्बानियां दी हैं। उत्तराखंड के दो लाल आर्मी चीफ बने हैं-जनरल बिपिन चंद्र जोशी और देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत। उत्तराखंड के लाखों वीर सिपाही आज भी देश की सरहदों पर मुस्तैदी से खड़े होकर अपना फर्ज निभा रहे हैं। लाखों फौजी देश की सेवा कर आज रिटायर हो चुके हैं और जरूरत पड़ने पर फिर से सरहदों पर जाने के लिए हर पल तैयार रहते हैं।
लेकिन उत्तराखंड में आज तक की सरकारों ने फौजियों और उनके परिवारों की भलाई के लिए क्या किया । क्या किसी सरकार ने आज तक भूतपूर्व सैनिकों के साथ ही उनके परिवार के लोगों के लिए कोई ठोस नीति बनाई । भाजपा और कांग्रेस ने उत्तराखंड में दस-दस साल तक सरकार चलाने के बाद भी सैनिकों की भलाई के लिए कोई योजना लागू नहीं की। इन दोनों पार्टियों ने लाखों की संख्या वाले हमारे सैनिकों और उनके परिवार के लोगों को केवल और केवल वोटबैंक की तरह इस्तेमाल किया। भाजपा और कांग्रेस कभी राष्ट्रवाद के नाम पर, तो कभी शहीदों के नाम पर राजनीति करती रहती हैं लेकिन जब सैनिकों और उनके परिवारों के हित में काम करने की बात होती है तो दोनों ही पार्टियां मुंह फेर लेती हैं।
आज रिटायर सैनिक सुविधाओं से वंचित हैं। कैंटीन से लेकर मेडिकल सुविधा तक के लिए उन्हें तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन भाजपा-कांग्रेस को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।उन्होंने कहा कि आप की सरकार सैनिकों का मान और सम्मान करेगी। आम आदमी पार्टी हमेशा सैनिक परिवारों के हितों को सर्वाेपरि रखेगी और उनके हित में हर जरूरी कदम उठाएगी। आप की सैनिकों के लिए अलग परिभाषा है। हमारे लिए देश की सेना, अर्धसैनिक बल, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, उत्तराखंड पुलिस, आईटीबीपी के जवान, सैनिक हमारी इस परिभाषा में आते हैं। अरविंद केजरीवाल जी ने पिछले महीने देहरादून में सैनिकों के लिए कई घोषणाएं की हैं। उन्होंने कहा था कि मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद होने वाले सैनिक के परिजनों को एक करोड़ रूपये की सम्मान राशि दी जाएगी।दिल्ली में भी आप सरकार ऐसा ही सम्मान शहीदों के परिजनों को देती है।