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धान खरीद के लिए 1 अक्टूबर तक सभी तैयारियां पूरी करने के मंत्री ने दिए निर्देश
देहरादून। प्रदेश के खाद्य मंत्री बंशीधर भगत की अध्यक्षता में उनके यमुना कॉलोनी आवास पर खरीफ खरीद सत्र 2021-22 में धान क्रय करने की तैयारियों के संबंध में विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। मंत्री ने विभागीय अधिकारियों और क्रय एजेंसियों को निर्देश दिये कि किसानों-काश्तकारों के हित के लिए खरीफ सत्र 2021-22 में व्यवस्थित तरीके से धान क्रय करने के लिए सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से पहले से ही पूरी कर लें। उन्होंने धान खरीद हेतु 01 अक्टूबर तक सभी तैयारियां पूरी करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस अवधि तक विभिन्न क्रय केन्द्रों पर चैकीदार, कम्प्यूटर ऑपरेटर जैसे सीजनल स्टॉफ की नियुक्ति कर ली जाए, कंप्यूटर सहित सभी इन्फ्रास्ट्रक्चरल व्यवस्थाएं पूरी करते हुए सभी क्रय केन्द्रों पर कांटे लगा दिये जाए, जिससे 01 अक्टूबर से धान की खरीद किसी भी तरह से प्रभावित न होने पाये। उन्होंने 01 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक सरकारी विभागों को धान क्रय करने तथा 15 अक्टूबर से कमीशन एजेंट के माध्यम से किसानों से धान क्रय करवाने के निर्देश दिये।
मंत्री ने अवगत कराया कि भारत सरकार द्वारा धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य(एम.एस.पी.) में पिछले वर्ष के मुकाबले आशातीत वृद्धि की गई है। सामान्य धान का पिछले वर्ष एम.एस.पी. 1868रूपयेध्कुन्तल था जिसको 1940 रूध्कुन्तल किया गया है तथा ग्रेड-ए धान का मूल्य पिछले वर्ष 1888 रूपयेध्कुन्तल था जिसको इस बार 1960 रूपयेध्कुन्तल किया गया है। मंत्री ने इस खरीफ सीजन में कुल 15 लाख मिट्रिक टन धान क्रय करने का लक्ष्य दिया जिसमें 12 लाख मिट्रिक टन कुमाऊं के लिए तथा 03 लाख मिट्रिक टन गढ़वाल के लिए क्रय करने को कहा, जो गत वर्ष कुल 10 लाख मिट्रिक टन के क्रय लक्ष्य से कुल 05 लाख मिट्रिक टन अधिक है।
मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में 04 एजेंसियों खाद्य विभाग, सहकारिता विभाग, नैफेड और एन.सी.सी.एफ को धान खरीद हेतु नामित किया गया तथा इस खरीफ सीजन में कुल 240 क्रय केंद्र खोले जाने का निर्णय लिया गया, जबकि गत वर्ष में 229 क्रय केन्द्र थे। इसके अतिरिक्त पी.सी.यू.(प्रादेशिक कॉपरेटिव यूनिट) ऐजेंसी को भी धान क्रय करने की अनुमति देने के संबंध में चर्चा की गई।
मा0 मंत्री ने जिलाधिकारी ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार को निर्देशित किया कि चालू सीजन में कितने हेक्टेयर में धान बोया गया तथा उसका कितना उत्पादन हुआ इसका किसानवार 15 दिन के भीतर विवरण उपलब्ध करवायें। साथ ही कृषि निदेशक से भी प्रति हेक्टेयर पैदावार को भी पुनरीक्षित करने की अपेक्षा की गई ताकि वास्तविक धान उत्पादन आंकड़े प्राप्त हो सके। इस दौरान बैठक में अपर सचिव प्रताप सिंह शाह, आरएफसी कुमाऊं ललित मोहन रयाल, आरएफसी गढ़वाल चन्द्र सिंह धर्मशक्तू, अपर आयुक्त खाद्य पी.एस. पांती, उपसचिव ए.कुमार राजू, अनुसचिव राजेश कुमार, मामूर जहाँ सहित सम्बन्धित अधिकारी बैठक में उपस्थित थे तथा अन्य संबंधित अधिकारी वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे।