धीरेंद्र प्रताप ने उत्तराखंड सरकार की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल कहा सरकार हर मोर्चे पर विकल
देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने उत्तराखंड सरकार की कार्यप्रणाली पर नैनीताल उच्च न्यायालय द्वारा राज्य के सचिवों की कार्यप्रणाली को लेकर जो तल्ख टिप्पणीयो की है उन्हें राज्य सरकार की विफलता का जीता जागता सबूत बताया है।
धीरेंद्र प्रताप ने आरोप लगाया कि चारधाम मामले में पर्यटन सचिव, कुम्भ की बदहाल तैयारियों पर स्वास्थ्य सचिव के बाद अब रोडवेज कर्मचारियों को वेतन भुगतान ना देने पर उच्च न्यायालय की सीनियर अधिकारियों के मनमाने रवैयों को लेकर की गई तल्ख टिप्पणियों के बाद भी सरकार चेती नहीं है और कुंभकरण की नींद सो रही है और उसके कार्यकलापों में कोई सुधार नहीं हुआ है। प्रताप ने कहा कि रामराज्य का राग आलाप कर लोगों को चाहे कितना ही बेवकुफ क्योँ न बना ले पर आमजन सरकार की कार्यशैली समझ रहे हैं। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि सरकार व सीनियर अधिकारियों के बीच का गठबंधन और जनता को छलने का माजरा लोग समझ रहे हैं और रामराज्य स्थापना का सपना दिखाने वाली सरकार, वर्षों से एक ही जगह जमे ऐसे सचिवों को क्योँ नहीं हटा रही, ये सवाल जनता को साल रहा है।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि यक्ष प्रश्न यह है कि सरकार क्योँ देरी कर रही है और उसे जनता को जवाब देना चाहिए कि वह अपनी कार्यप्रणाली मैं सुधार करने में कितना समय लगाएगी और जो दोषी अधिकारी हैं उन्हें कब उनकी नालायकी को देखते हुए उनकी जिम्मेदारियों से हटाया जाएगा?