परमार्थ निकेतन पहुंची ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की पहली खेप
-स्थानीय अस्पतालों, कोविड केयर सेंटर और होम आइशोलेशन में रह रहें रोगियों को सप्लाई कि जायेगी
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन द्वारा विगत 1 वर्ष से अधिक समय से परमार्थ योग और ध्यान केन्द्र, सर्वसुविधा युक्त कमरे, परमार्थ अस्पताल, परमार्थ कोविड केयर सेंटर आदि कोरोना से पीड़ित लोगों की सेवा हेतु कोरोना काल में शासन को सौंप दिये गये हैं। वहां पर पौड़ी प्रशासन और उत्तराखंड सरकार के सहयोग से सेवायें सुचारू रूप से चल रही हैं। कोविड केयर संेटर में सेवायें दे रहें चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के आवास और भोजन की सुविधायें भी परमार्थ निकेतन आश्रम करता रहा है। अभी प्रशासन द्वारा वैक्सीनेशन कार्य भी परमार्थ अस्पताल में बहुत कुशलता से हो रहा है।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि भारत में कोविड से संक्रमित मामलों में अत्यधिक उछाल के वक्त परमार्थ निकेतन ने 100 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर मंगाने का प्लान किया था उसकी पहली खेप में 25 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर पहुंच गये हैं। साथ ही आक्सीमीटर, थर्मामीटर, नेबुलाइजर, स्टीमर भी जरूरत के आधार पर स्थानीय अस्पतालों, कोविड केयर सेंटर और होम आइसोलेशन में रह रहे रोगियों तथा जरूरत मंदों को दिये जायेंगे।
परमार्थ निकेतन द्वारा कोविड पीड़ित रोगियों को समय पर ऑक्सीजन मिल सके तथा आॅक्सीजन की कमी को भी दूर किया जा सके इस हेतु परमार्थ निकेतन की दो एम्बुलेंस लगातार आसपास के एरिया और गांवों में निःशुल्क आॅक्सीजन की आपूर्ति कर रोगियों की सेवा कर रही हैं। परमार्थ निकेेतन आश्रम में 100 बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया गया है, जहां रोगियों को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ-साथ मेडीकल एड उपलब्ध कराने का भी प्लान बनाया गया है।
परमार्थ निकेतन इस समय निराश्रित संतों और जरूरतमंदों के लिये प्रतिदिन शुद्ध एवं सात्विक भोजन और जल की व्यवस्था भी लगातार कर रहा है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने जानकारी देते हुये कहा कि 25 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की पहली खेप एवं अन्य चिकित्सा सामग्री परमार्थ निकेतन पहुंच गयी है इस हेतु पूना निवासी श्रीमती ऋतु और प्रकाश छाबड़िया जी द्वारा किये गये सहयोग की भी स्वामी जी ने प्रशंसा की और उन्हें धन्यवाद दिया। स्वामी जी ने कहा कि इस समय लोग पीड़ित हैं और परेशान है यही समय है जब अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ हमें अपनी ह्मयूमैनिटी (मानवता) की रक्षा हेतु आगे आना होगा, ये कमाने का नहीं बल्कि काम आने का वक्त है अतः एक दूसरे के काम आयें। परमार्थ निकेतन ने निश्चय किया है कि इस क्षेत्र के रोगियों को आॅक्सीजन की कमी न होने पाये चाहे वे अस्पताल में हो या कोविड केयर सेंटर में या घर पर सभी तक आक्सीजन पहुंचाने का प्रयास किया जायेगा।