सिसकता भारत और उखड़ती सांसों को बचाने के लिये ईश्वर से प्रार्थना
-कोरोना से थमती भारत की सांसों को बचाने के लिये धैर्य, करूणा और संवेदना जरूरी
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि वर्तमान समय में कोरोना ने भारत की फिजाओं में डर और भय का मंजर उत्पन्न कर दिया है। लोग अपनों की थमती सांसों को बचाने के लिये बेबस हैं। माहौल ऐसा बन गया है कि कुछ लोगों को कहीं भी आशा की किरणें दिखायी नहीं दे रही हैं, लोग बेबस महसूस कर रहें हैं, ऐसे में जो जहां पर हैं अपनों सेय अपने परिचितों के सम्पर्क में रहें, वार्तालाप करें और जितनी बन पड़े मदद के लिये आगे आयें। ये जो आज का खौफनाक दौर है, यह बीत जायेगा, आज जो चारों ओर मौतों का मंजर है, वह भी रूक जायेगा और उम्मीदों का सूरज भी उगेगा, बस अपनों के साथ अपनत्व से खड़े रहेें और संबल प्रदान करते रहें।
स्वामी जी ने कहा कि यह भारत के लिये बहुत मुश्किल का समय है, ऐसा लग रहा है जैसे हम सब बेबस हैं ऐसे में दया, करूणा, प्रेम और संवेदना रूपी शस्त्र ही कारगर सिद्ध हो सकतें हैं। विश्वास, धैर्य और संयम के साथ इस कोरोना रूपी महामारी का सामना करना होगा। हम सभी धैर्य रखकर घर में रहेंगे उतने ही सुरक्षित रहेंगे और दूसरों को भी सुरक्षित और स्वस्थ रख सकते हैं। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि कोरोना से डरे नहीं, धैर्य के साथ सामना करें क्योंकि ‘डर है कोरोना, तो विश्वास है वैैक्सीन’। तन अगर कोरोना से पाॅजिटिव हुआ है परन्तु मन को हमेशा पाॅजिटिव बनाये रखें, इससे तन भी ठीक होगा और मन भी मस्त रहेगा। इस समय न नकारात्मक सोचें और न सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्मों के माध्यम से नकारात्मक संदेश फैलायें क्योंकि इसका समाज पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
स्वामी जी ने कहा कि संकट के इस समय में भी भारत मजबूती के साथ खड़ा है। भारत के यशस्वी और ऊर्जावान प्रधानमंत्री श्री नरेेन्द्र मोदी जी के रात-दिन किये जा रहे परिश्रम के साथ पूरे भारत को खड़े होने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री भारत को समर्पित व्यक्तित्व है, उन्हें सभी की चिंता है इसलिये वे अपने प्रतिनिधियों के साथ रात-दिन कार्य कर रहें हैं और हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है। बात जब ऑक्सीजन की कमी है तो ऑक्सीजन एअरलिफ्टिंग से हो या या स्पेशल ऑक्सीजन एक्सप्रेस वे बना कर हो इस तरह से अनेक प्रयोग किये जा रहें हैं ताकि जल्दी ही सभी को उचित सुविधायें मुहैया करवायी जा सके बस सभी हिम्मत बनायें रखे। स्वामी जी ने मीडिया जगत से भी निवेदन किया है की निष्पक्ष पत्रकारिता करना श्रेष्ठ कार्य है परन्तु जिससे समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़े, उससे इस समय बचना होगा। अभी जनसमुदाय को सकारात्मक सोच और विचारों की नितांत आवश्यकता है ताकि सभी का मनोबल बढ़े और सभी मजबूत बने रहें। अभी जनसमुदाय को उचित मेडिकल सुविधाओं के साथ सही सलाह और सकारात्मकता की जरूरत है। हमें लोगों को डराना नहीं है बल्कि उन्हें हिम्मत देनी है ताकि वे संयम के साथ इस समस्या का सामना कर सके। आईये स्वयं सकारात्मक बनें और सकारात्मकता का ही संचार करे।