उत्तराखण्ड में चेहरा बदला लेकिन मुख्यमंत्री रहेंगे टीएसआर ही
तीरथ सिंह रावत के हाथों में उत्तराखंड की कमान
देहरादून। बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में चल रही विधानमंडल दल की बैठक खत्म होने के बाद जब नये मुख्यमंत्री के रुप में गढ़वाल से सांसद तीरथ सिंह रावत का नाम सामने आया तो एक बार को हर कोई हैरान रह गया क्योंकि वही एक ऐसा चेहरा थे जिनका नाम सूबे के संभावित मुख्यमंत्रियों की सूची में शुमार नहीं था। को उत्तराखंड का नया मुख्यमंत्री बनाया गया है। मंगलवार शाम को तिवेन्द्र संह रावत के मुख्यमंत्री पद से ईस्तीफा देने के बाद बुधवार सुबह भाजपा विधानमंडल दल की बैठक बुलाई गयी थी। इस बैठक में केन्द्रीय पर्यवेक्षेक के रुप में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम मौजूद रहे। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश कुमार निशंक भी इस बैठक में विशेष रुप से उपस्थित थे। कार्यवाहक मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने तीरथ सिंह रावत के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे सर्व सम्मति से पारित कर दिया गया। शाम चार बजे राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह में तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलााई गयी।
तीरथ सिंह रावत का जन्म 1 अप्रैल 1964 को पौड़ी गढ़वाल में हुआ। तीरथ वर्ष 1983 से 1988 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (उत्तराखण्ड) के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री भी रहे। वह 2012 से 2017 तक चैबट्टाखाल से विधायक रहे। वर्तमान में तीरथ सिंह रावत भाजपा के राष्ट्रीय सचिव के साथ-साथ पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद भी हैं। पौड़ी सीट से भाजपा के उम्मीदवार के अतिरिक्त 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था। उनका जन्म सीरों, पट्टी असवालस्यूं पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। उनके पिता कलम सिंह रावत थे।
तीरथ सिंह रावत भारतीय भारतीय जनता पार्टी से संबंधित राजनीतिज्ञ हैं। वर्ष 2000 में नवगठित उत्तराखण्ड के वह प्रथम शिक्षा मंत्री चुने गए थे। इसके बाद 2007 में भारतीय जनता पार्टी उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री चुने गए। तत्पश्चात प्रदेश चुनाव अधिकारी तथा प्रदेश सदस्यता प्रमुख रहे। 2013 उत्तराखण्ड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे। वर्ष 2012 में चैबट्टाखाल विधान सभा से विधायक निर्वाचित हुए और वर्ष 2013 में उत्तराखण्ड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बने। हेमवती नंदन गढ़वाल विश्व विद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष और छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे। इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे। इसके बाद 1997 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद् के सदस्य निर्वाचित हुए तथा विधान परिषद् में विनिश्चय संकलन समिति के अध्यक्ष बनाये गए। तीरथ सिंह रावत को पौड़ी सीट से भारत के 17 वें लोकसभा चुनाव में बीजेपी की तरफ से प्रत्याशी बनाया गया था,जिसमें वे भारी मतों से विजयी हुए थे। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के मनीष खंडूड़ी को 2,85,003 से अधिक मतों से हराया था।
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