संतों ने की एसओपी को सरल बनाने की मांग
-मुगलकाल व अंग्रेजी शासन में भी नहीं लगे धार्मिक आयोजन पर प्रतिबंधः स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती
हरिद्वार। निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर राजगुरू स्वामी विशोकानंद भारती एवं अटल पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर राजगुरू स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती महाराज के सानिध्य में सभी अखाड़ों के महामण्डलेश्वरों ने बैठक कर सरकार से कुंभ को लेकर जारी गाइडलाईन को संशोधित करने की मांग की है ताकि श्रद्धालु भक्त कंुभ में गंगा स्नान के लिए हरिद्वार आ सकें। कनखल स्थित राजपूत धर्मशाला में आयोजित पत्रकारवार्ता में पत्रकारों को जानकारी देते अटल पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि केंद्र से जारी नियम सभी राज्यों के लिए समान होने चाहिए। प्रयागराज में माघ मेला व वृन्दावन में वैष्णव कुंभ का आयोजन किया जा रहा है।
जिसमें लाखों लोग सम्मिलित हो रहे हैं। राजनीतिक रैलियों में लाखों की भीड़ जुट रही है। जब चुनावी रैलियों में भीड़ पर कोई प्रतिबंध नहीं है तो हरिद्वार कुंभ में भक्तों को व्यर्थ ही क्यों परेशान किया जा रहा है। कोरोना के प्रति सावधानी रखते हुए जांच अवश्य की जाए। लेकिन भक्तों को रजिस्ट्रेशन कराने जैसी बाध्यताओं से मुक्त रखा जाए। उन्होंने कहा कि मुगलकाल व अंग्रेजी शासन में भी धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध नहीं लगाए गए। प्रतिबंधों के बीच कुंभ कैसे होगा। प्रतिबंधों के चलते श्रद्धालु भयभीत हैं और टिकट कैंसिल करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुंभ के संबंध में जारी केंद्र की गाइड लाईन को सरल बनाया जाए। पूजा पाठ, सत्संग, कथा, प्रवचन की अनुमति दी जाए। निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती महाराज ने कहा कि प्रतिबंधों के चलते संतों व भक्तों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। मेला क्षेत्र में साफ सफाई तक उचित व्यवस्था नहीं है। कुंभ के दौरान अखाड़ों, आश्रमों को मिलने वाला राशन भी अभी तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि सभी संतों को समान रूप से सुविधा उपलब्ध करायी जानी चाहिए। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचार ने कहा कि विश्व के मानचित्र पर सबसे बड़े तीर्थ हरिद्वार में आयोजित कंुभ में कोरोना के नाम पर श्रद्धालुओं को आने से रोका जा रहा है। उत्तराखण्ड सरकार की ओर से राज्यों को बसें नहीं चलाने व रेलवे को ट्रेनों का संचालन नहीं करने के लिए पत्र भेजा गया है। सरकार कोरोना से बचाव के उपाय कर और सभी प्रतिबंध हटाकर श्रद्धालुओं को कुंभ स्नान के लिए आने दे। ताकि अनादि काल से चली आ रही सनातन धार्मिक परंपराएं अक्षुण्ण रूप से चलती रहें। निर्मल पीठाधीश्वर श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह शास्त्री महाराज व म.म.स्वामी अर्जुनपुरी महाराज ने कहा कि श्रद्धालु भक्तों से ही कुंभ की शोभा है। इसलिए कोरोना के नाम पर श्रद्धालुओं को रोका नहीं जाना चाहिए। महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्रपुरी महाराज व म.म.स्वामी रामेश्वरानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि महाकुंभ में अर्द्धकुंभ जैसी व्यवस्थाएं भी नहीं है। रोज नए नए आदेश जारी कर सरकार भ्रम फैला रही है। प्रयागराज में माघ मेले व वृन्दावन में वैष्णव कुंभ का आयोजन कर यूपी सरकार ने सराहनीय कार्य किया है। लेकिन उत्तराखण्ड सरकार कोरोना के नाम पर डरा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कुंभ को लेकर जारी एसओपी को सरल बनाए और श्रद्धालुओं को हरिद्वार आने पर कोविड नेगेटिव रिपोर्ट, रजिस्ट्रेशन जैसे प्रतिबंधों से मुक्त करे तथा संत समाज को कथा, प्रवचन, सत्संग, पूजा पाठ व भण्डारे की अनमति दे। इस दौरान म.म.स्वामी कमलानन्द गिरी, म.म.स्वामी प्रेमानंद, म.म.स्वामी विश्वेश्वरानंद, म.म.स्वामी आनंद चैतन्य, म.म.स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती, म.म.स्वामी अभयानंद सरस्वती, म.म.अक्षर आंनद गिरी, म.म.शिव प्रेमानंद पुरी, म.म.स्वामी गिरधर, म.म.स्वामी हरिचेतनानंद, म.म.स्वामी आत्मानंद गिरी, म.म.स्वमाी शारदा गिरी, स्वामी सच्चिदानंद, स्वामी प्रेमानंद, म.म.स्वामी रामानंद, म.म.स्वामी रामानंद गिरी, महंत दिनेश दास, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत सत्यम गिरी, महंत बलराम गिरी, महंत हरिहरानंद, महंत प्रेमानंद आदि सहित बड़ी संख्या में म.म.व संतजन मौजूद रहे।