News UpdateUttarakhand

बच्चों में नशे की प्रवृत्ति की रोकथाम को गहनता से चिन्तन करने की जरूरतः-उषा नेगी

देहरादून। उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के तत्वावधान में बच्चों में नशे की बढती प्रवृत्ति,  रोकथाम एवं पुर्नवास को लेकर अध्यक्ष उत्तराखण्ड बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समन्वय बैठक का आयोजन विकासभवन सभागार में किया गया। बैठक का संचालन सचिव, बाल अधिकार सरंक्षण आयोग झरना कमठान ने किया। राज्य स्तरीय समन्वय बैठक में आयोग की अध्यक्षा ऊषा नेगी ने बच्चों में नशे की बढती प्रवृत्ति, रोकथाम एवं पुनर्वास को लेकर स्वास्थ्य शिक्षा, समाज कल्याण, पुलिस, आबकारी एवं अन्य बच्चो के हितों से जुड़ी स्वयं सेवी संस्थाओं को आपसी समन्वय बनाकर योजनाओं को धरातल पर उतारे जाने के भरसक प्रयास करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग द्वारा सामाजिक सुरक्षा एवं सड़क सुरक्षा के लिए प्राप्त सेस की धनराशि का उपयोग के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि बच्चों में नशे की प्रवृत्ति की रोकथाम के लिए गहनता से चिन्तन करने की आवश्यकता हैं।
उन्होंने सभी अधिकारियों को कहा कि बैठक में आने से पूर्व पूरा होमवर्क कर जानकारी उपलब्ध करायें तथा अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए जनजागरूकता का भी विशेष ध्यान रखें। बैठक में ड्रग्स कन्ट्रोलर द्वारा अवगत कराया गया कि सभी मेडिकल स्टोर पर सीसीटीवी लगाये गए हैं तथा प्रतिबन्धित दवाइयों के निर्माण एवं बिक्री पर प्रतिबन्ध लगाया गया है। समाज कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि मानसिक चिकित्सालय सेलाकुई एवं वीरचन्द्र सिंह गढवाली आयुर्वेद चिकित्सालय श्रीनगर में नशामुक्ति केन्द्र खोले जाने के प्रस्ताव भेजे गए है। इस पर अध्यक्ष ने प्रस्ताव की प्रति आयोग को उपलब्ध कराने के साथ ही देहरादून के कोरोनेशन एवं गांधी शताब्दी अस्पताल में कांउसिलिंग सेन्टर बनाए जाने के प्रस्ताव भी तैयार करनें को कहा। उन्होंने कहा कि बच्चों में नशे की बढती प्रवृत्ति एवं रोकथाम के लिए गाइडलाईन तैयार की जाएगी, जिसके लिए सभी विभागों से सहयोग की अपेक्षा की। महिला सशक्तिकरण की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि बालग्रह एवं शक्ति केन्द्रों के माध्यम से नशे के सौदागरों पर निगहबानी की जाए इसे उलझाया नही जाए बल्कि समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि गावं, शहर, बस्तियों में आगंनबाड़ी एवं शक्तिकेन्द्रों के माध्यम से जनजागरूकता का प्रचार-प्रसार किया जाए।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग की चर्चा के दौरान बताया गया कि दून अस्पताल में 5 लाख की लागत से नशामुक्ति केन्द्र एवं रिहेब सेन्टर का कार्य प्रगति पर है तथा हवालबाग अल्मोड़ा में केन्द्र संचालित किया जा रहा है। पुलिस विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण बताते हुए सामाजिक दायित्वों का निर्वहन किए जाने पर बल दिया। बैठक में बताया गया कि आपरेशन सत्य के अन्तर्गत 223 प्राथमिकी दर्ज कर 236 लोगों को जेल भेजा गया है तथा नशे का कारोबार करने वालों का थानेवार चिन्हिकरण कर हेल्पलाईन तथा एडीपीएफ एवं एसटीएफ यूनिट के माध्यम से पैडलरों द्वारा नशे की सामग्री सप्लाई करने वालों की जानकारी जुटाई जा रही है। उन्होंने बताया कि एनसीबी के साथ आवश्यक समन्वय बनाकर इस कार्य में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए विद्यालयों, बोर्डिंग स्कूलों के संचालकों पर शिकंजा कसते हुए ऐसे स्कूलों का औचक निरीक्षण पुलिस के सहयोग से करें। बच्चों को सही दिशा देना आवश्यक है इसके लिए अभिभावकों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों, प्राईवेट शिक्षण संस्थानों में नशे की प्रवृत्ति को बढावा मिल रहा है, जिसके लिए इन शिक्षण संस्थानों की छात्रध्छात्राओं के माध्यम से उनके साथ विस्तृत चर्चा कर नशे की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाए जाने हेतु आयोग 23 फरवरी को कार्यशाला आयोजित कर रहा है। इस अवसर पर डाॅ रोशनी सती, आबकारी विभाग के संयुक्त निदेशक जे.एस गब्र्याल, पुलिस क्षेत्राधिकारी पल्लवी त्यागी, सुरेश उनियाल, सहायक निदेशक बाल विकास डाॅ एस. के सिंह, जिला पंचायतीराज अधिकारी जितेन्द्र कुमार, सरोजपाल समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button