महिला जननांग विकृति के लिए जीरो टॉलरेंस अंतर्राष्ट्रीय दिवस
-किसी भी कीमत पर नारी की संपूर्णता, शारीरिक गरिमा एवं गोपनीयता का उल्लंघन न होः साध्वी भगवती सरस्वती
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में आज ’महिला जननांग विकृति के लिए जीरो टॉलरेंस अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ पर ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस (जीवा) की टीम के सदस्यों ने आशा कार्यकर्ताओं को महिला जननांग विकृति, लिंग असमानता, लड़कियों और महिलाओं के अधिकार, स्वास्थ्य, शिक्षा, उनकी क्षमताओें, मानव अधिकारों, लिंग समानता, यौन शिक्षा और मासिक धर्म के प्रति जागरूक करने हेतु एक संगोष्ठी का आयोजन किया।
आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया कि वे अपने क्षेत्र की लड़कियों और महिलाओं को स्वयं की सुरक्षा और शारीरिक देखभाल के लिये जागरूक करें ताकि उन्हें जननांग विघटन जैसी समस्याओं से बचाया जा सके। जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव डा साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि महिला जननांग विकृति के उन्मूलन को बढ़ावा देने के लिए हम सभी को एक साथ आना होगा। इसके लिये सभी के समन्वित प्रयासों और पूरे समुदायों को जागरूक करने की आवश्यकता है। मादा जननांग विघटन की घटनायें चाहे वह किसी भी परिस्थिति में की गयी हो यह नारी के शरीर की शारीरिक अखंडता का उल्लंघन है और यह अन्याय की श्रेणी में आता है। किसी भी कीमत पर नारी की संपूर्णता और शारीरिक गरिमा एवं गोपनीयता का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिये। मादा जननांगों का विघटन अर्थात ईश्वर की व्यवस्था में एक प्रकार से व्यवधान डालना है।“ उन्होंने आशा कार्यकर्ता बहनों से कहा कि आपका संपर्क गांवों तथा सीधे घरों तक होता है इसलिये यह संदेश सहजता से दूर-दराज में रहने वाली महिलाओं तक आसानी से पहुंचाया जा सकता है।
गंगा नन्दिनी ने आशा कार्यकताओं को संबोधित करते हुये कहा कि बिना चिकित्सा कारणों से महिला जननांग को बदलने, घायल करना और महिला जननांग को विकृति करना जैसी प्रक्रियायें आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं। यह मानवाधिकारों के हनन की घटनायें है, इससे लड़कियों और महिलाओं की अखंडता का उल्लंघन होता है। उन्होंने कहा कि मादा जननांग विकृति से गुजरने वाली लड़कियों को गंभीर दर्द, तनाव, अत्यधिक रक्तस्राव, संक्रमण जैसी अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है, साथ ही उनके यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। 20 दिसंबर 2012 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यह घोषणा की थी कि 6 फरवरी को ’महिला जननांग विकृति के लिए जीरो टॉलरेंस अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ मनाया जायें क्योंकि यह एक वैश्विक मानवाधिकार का विषय है।