आईआईटी रुड़की ने सुपर कंप्यूटिंग के क्षेत्र में रिसर्च और डेवलपमेंट के उद्देश्य से सी-डैक के साथ समझौता किया
रुड़की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रुड़की ने सेंटर फॉर डेवलपमेंट इन एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (सी-डैक) के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है, जिसके तहत रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए एक अत्याधुनिक 1.3 पेटाफ्लॉप हाइ परफॉरमेंस कम्प्यूटिंग (1.3 पीएफ-एचपीसी) की स्थापना की जाएगी। इस दौरान संजय धोत्रे, माननीय राज्य मंत्री, शिक्षा, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री, भारत सरकार मौजूद थे। इस एमओयू पर प्रो. अजीत के. चतुर्वेदी, निदेशक-आईआईटी रुड़की और डॉ. हेमंत दरबारी, महानिदेशक, सी-डैक, ने हस्ताक्षर किया। एमओयू का उद्देश्य आईआईटी रुड़की में अत्याधुनिक एचपीसी की आपूर्ति, स्थापना, कमीशन और संचालन सुनिश्चित करना तथा डेटा सेंटर पारिस्थितिकी तंत्र का विकास करना है। यह समझौता पांच साल के लिए वैध है। इस पहल को राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त होगी, जो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) की एक संयुक्त पहल है।
“नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। यह कुशल कार्यबल तैयार करने, रोजगार के अवसर पैदा करने और भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। सुपरकंप्यूटिंग तकनीक में विश्व स्तरीय स्वदेशी अनुसंधान के पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और उद्योगों के साथ सहयोग की संभावनाओं की तलाश की जा रही है,” संजय धोत्रे, ने कहा।“1.3 पीएफ सुपरकंप्यूटिंग सुविधा इंजीनियरिंग और साइंस से संबन्धित कई समस्याओं के समाधान पर केन्द्रित अनुसंधान में हमारी मदद करेगी। इससे हम अधिक फंडिंग प्राप्त करने में भी सफल होंगे। हम लंबे समय से ऐसी उच्च कंप्यूटिंग क्षमता की प्रतीक्षा कर रहे थे और हमें प्रसन्नता है कि आखिरकार वह समय आ गया” प्रो. अजीत के. चतुर्वेदी, निदेशक- आईआईटी रुड़की, ने कहा। प्रो. मनोरंजन परीदा, उप-निदेशक एवं प्रमुख, इंस्टीट्यूट कंप्यूटर सेंटर, आईआईटी रुड़की, ने कहा, “सुपरकंप्यूटिंग में वैश्विक समस्याओं के समाधान की क्षमता है। यह पहल उच्च तकनीकों पर आधारित रिसर्च के पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने और अकादमिक उत्कृष्टता में एक बेंचमार्क स्थापित करने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।”