Uttarakhand

यह कैसा विरोध

आज किसानों के चल रहे विरोध प्रदर्शन में उस समय देश का सिर शर्म से झुक गया जब सीमा पर जा रहे सेना के ट्रक किसानों द्वारा सड़क जाम कर रोक दिए गए। देश का पेट भरने वालो का यह कृत्य बिल्कुल भी सही नही ठहराया जा सकता। ऐसा देश विरोधी कार्य कर जाम के आयोजन के पीछे खड़ी राजनीतिक ताकते आखिर क्या साबित करना चाहती थी। देश मे हो रहे प्रदर्शनों, हड़तालों, बंद, दंगे और आगजनी,तोड़फोड़ आखिर किसको हानि पहुँचा रहे है? क्या यह संपत्ति प्रधान मंत्री क्या किसी अन्य नेता की है या नुकसान करने वाले उपद्रवियों की। नही यह संम्पत्ति या तो देश के नागरिकों की अपनी है या उनके टैक्स के पैसे से बनाई गई है। तो फिर हम कालिदास बनने का प्रयास क्यों करते है? अपने ही और अपने बहन भाइयो  की संपत्ति और समय को नष्ट कर रहे है। दिशा हीन और देश को अपूरणीय क्षति पहुचाने के इन तरीकों और मानसिकता पर नए सिरे से विचार की आवश्यकता है। यह किसी व्यक्ति अथवा पार्टी की समस्या नही, देश और देश के नागरिकों की समस्या है। विरोध के अधिकार के इन तरीकों पर कोई सुरक्षित उपाय ढूंढना होगा। एक बार अवश्य विचार करे कि ऐसा करने वाले क्या सोचकर ऐसा करते है।
 लेखकः- ललित मोहन शर्मा

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