Uttarakhand
सरस्वती विहार में सिद्धार्थ ज्वैलर्स की दुकान में लूट करने वाले बदमाशों में से एक गिरफ्तार
देहरादून। दि0 15-04-2019 को थाना नेहरू कालोनी क्षेत्रान्तर्गत स्थित सरस्वती विहार में सिद्धार्थ ज्वैलर्स की दुकान में कुछ हथियारबन्द नकाबपोश बदमाशों द्वारा अस्लहों के बल पर लूट की घटना को अंजाम दिया गया था। जिस सम्बन्ध में वादिनी लवि रस्तोगी पत्नी सुबोध रस्तोगी निवासी सिद्धार्थ ज्वैलर्स, ए ब्लाक, थाना नेहरूकालोनी द्वारा दी गयी लिखित तहरीर के आधार पर थाना नेहरू कालोनी में मु0अ0सं0 101/19 धारा 392 भादवि बनाम अज्ञात पंजीकृत किया गया, घटना की जानकारी मिलने पर तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून, पुलिस अधीक्षक नगर, क्षेत्राधिकारी नेहरू कालोनी द्वारा घटना स्थल पर पहुंचकर घटना के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी। घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरो की फुटेज का अवलोकन किया गया तो फुटेज में दोपहर के समय दो हथियारबन्द व्यक्ति चेहरे मे रूमाल बांधकर दुकान के अन्दर आते हुए दिखाई दिये, जिनमें से एक के हाथ मे पिस्टल थी, जिसके द्वारा दुकान में बैठी महिला लवि रस्तोगी को पिस्टल दिखाकर दुकान के कोने में बन्धक बना लिया तथा दूसरे व्यक्ति द्वारा दुकान में रखे सोने चांदी के जेवरात एक बैग में भर लिये। इसी दौरान उक्त महिला लवि रस्तोगी एकदम से बाहर की ओर भाग गयी जिस कारण उक्त बदमाश दुकान का लौकर नहीं खोल पाये तथा दुकान के बाहर खडे अपने तीसरे साथी के साथ मोटर साइकिल से भाग गये। घटना के खुलासे हेतु तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा पुलिस अधीक्षक नगर के नेतृत्व में अलग-अलग टीमें गठित की गयी थी। गठित टीमों द्वारा घटना स्थल व उसके आस-पास के सीसीटीवी कैमरों का अवलोकन कर उक्त बदमाशांे के आने व जाने के रूट के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी। घटनास्थल व आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों से प्राप्त उक्त अभियुक्तों की फुटेज को जनपद व बाहरी राज्यों में पहचान हेतु भेजा गया, परन्तु अभियुक्तों की शिनाख्त नहीं हो पायी। साथ ही अभियुक्तों के घटना को कारित करने से पूर्व उनके आने व घटना को अंजाम देने के पश्चात उनके जाने के रूट पर उनके रूकने के स्थानों पर सत्यापन अभियान चलाया गया तथा करीब 300 से 400 लोगों को पूछताछ हेतु बुलाया गया, साथ ही पुराने अपराधियों के सत्यापन के साथ सर्विलांस के माध्यम से भी उक्त बदमाशों को टैªक करने का प्रयास किया गया, एवं इस घटना में सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे बदमाशांे के जैसे दिखने वाले व्यक्तियों के सम्बन्ध में कई व्यक्तियों द्वारा जानकारी दी गयी जिन्हें पुलिस टीम द्वारा सत्यापित किया गया, परन्तु कोई सफलता प्राप्त नही हुयी।
इसी दौरान बिजनौर में उ0 नि0 दीपक धारीवाल की टीम को जरीये मुखबिर सूचना प्राप्त हुई कि उक्त सीसीटीवी फुटेजों में दिखने वाला एक अभियुक्त नजीबाबाद को रहने वाला है, जो इस समय कश्मीर में रह रहा है। उक्त सूचना पर पुलिस उप महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा तत्काल उ0नि0दीपक धारीवाल के नेतृत्व मे टीम गठित कर उन्हें दिनांक: 29-12-2019 को कश्मीर अनन्तनाग के लिये रवाना किया गया। पुलिस टीम द्वारा कश्मीर क्षेत्र में अत्यंत विषम परिस्थितियों में भी मैनुअल पुलिसिंग करते हुए दिनांक: 02-01-2020 को घटना में सम्मिलित एक अभियुक्त मौ0 विशाल पुत्र शमशाद निवासी ग्राम तिलोकावाला, थाना रायपुर जिला बिजनौर हाल निवासी: हाबलिस थाना देवसर जिला कुलगाम कश्मीर को गिरफ्तार किया गया। जिसे दिनाँक: 03-01-2020 को कश्मीर में ही मां0 न्यायालय के समक्ष पेश कर अभियुक्त का ट्रांजिट रिमाण्ड लेकर देहरादून लाया गया।
*पूछताछ का विवरण:*
पूछताछ में अभियुक्त मौ0 विशाल द्वारा बताया गया कि मैं तिलोकावाला गांव का रहने वाला हूं तथा पूर्व में कश्मीर में रहकर नाई का काम करता था, कुछ समय पूर्व मैं अपने एक साथी साबिर जो मेरे पडोस के गावं का है के साथ देहरादून काम के सिलसिले मे आया था, जहाँ पर मेरी मुलाकात शाहनवाज अन्सारी नि0 बडा कनकपुर जनपद बिजनौर से हुयी, जो एक शातिर किस्म का अपराधी था तथा पुलिस से बचने के लिये अलग-अलग स्थानों पर छुप रहा था। शाहनवाज ने मुझे देहरादून में कुछ समय के लिये मुकीम, जो पेण्टर का काम करता था के साथ रूकने के लिये कहा, कुछ समय देहरादून रूककर मैं साबिर के साथ वापस घर चला गया। उसके पश्चात् 13 अप्रैल को शाहनवाज ने साबिर के माध्यम से मुझसे सम्पर्क कर मुझे देहरादून आने को कहा। 14 अप्रैल को मैं देहरादून पहुंचा तथा यहां पर मुकीम द्वारा चांचक गांव में किराये पर लिये गये कमरे में चला गया। वहां मुझे शाहनवाज तथा उसके दो अन्य साथी दानिश पुत्र इरफान व दानिश पुत्र तौकीर निवासी बडा कनकपुर मिले। शाहनवाज द्वारा हमें बताया गया कि उसने व दानिस ने देहरादून में एक सुनार की दुकान की रैकी की है, जहां लूट की घटना करने पर उन्हें काफी माल मिल सकता है। चूंकि मैं कुछ समय पूर्व ही कश्मीर से वापस आया था तथा कोई काम धंधा न होने के कारण मुझे पैसों की सख्त जरूरत थी, इसलिये मैं घटना के लिये तैयार हो गया। शाहनवाज, दोनो दानिश व मैने मिलकर लूट की घटना को अंजाम देने की योजना बनायी। घटना को अंजाम देने के लिये हमें एक मोटर साइकिल की आवश्यकता थी, इसलिये मैं और बडा दानिश मेरे साले फिरोज, जो गढी कैन्ट में रहता था तथा उसके पास एक अपाचे गाडी थी के पास गये । मैने उससे किसी काम के लिये गाडी मांगी फिर हम दोनो वहां से माजरा आईएसबीटी पहुंचे जहां दानिश ने मुझे कमरे में जाने को कहा और वह गाडी लेकर कहीं चला गया। रात्रि 11 बजे दानिश बाइक लेकर कमरे में आया तथा उसने हमें घटना को अंजाम देने के लिये अस्लहे दिये। उस समय मुकीम भी हमारे साथ था। हमारे द्वारा अगले दिन घटना को अंजाम देने की प्लानिंग को अन्तिम रूप दिया गया। उसके बाद दानिश वहां से चला गया। घटना के दिन करीब साढे ग्यारह बजे हम सभी चांचक में मिले जहां पर शाहनवाज ने बाइक की नम्बर प्लेट पर एक पीली टेप लगाते हुए हमे घटना के बाद पुनः मिलने वाले स्थान के बारे में जानकारी दी। उसके पश्चात् मैं, दानिश व दूसरा दानिश, तीनों हैलमेट लगाकर चांचक से घटना करने निकले। बाइक छोटा दानिश चला रहा था, ज्वैलर्स की दुकान के पास पहुंचकर मैं व दानिश घटना को अंजाम देने के लिये पिस्टल सहित दुकान के अन्दर घुसे तथा बडा दानिश बाईक के पास बाहर रुककर निगरानी करने लगा। दुकान के अन्दर एक महिला व उसका छोटा बच्चा था, मैने महिला को पिस्टल की नोक पर बन्धक बना लिया तथा दानिश ने दुकान में रखे सोने व चाँदी के जेवरात लूट लिये, हमारे द्वारा दुकान में रखे लॉकर को खोलने का प्रयास किया जा रहा था कि तभी मौका देखकर वह महिला बाहर की तरफ भागी गयी और जोर-जोर से चिल्लाने लगी। जिस पर हम लोग डर गये और वहां से तुरन्त बाहर निकलकर अपने तीसरे साथी के साथ बाईक पर बैठकर भाग गये। निरंजनपुर पहुंचकर हम तीनो ने अपने ऊपर के कपड़े चेंज कर दिये ताकि पुलिस हमें पहचान न सके, फिर हम सभी मंडी चैक के पास पहुंचे वहाँ पर हमारा एक साथी छोटा दानिस उतर गया। फिर मैं व बड़ा दानिस बाइक से मेहूंवाला की तरफ गये पुलिस को चकमा देने के लिए हम लोग मेहूंवाला से पहले ही अंदर वनविहार हरभजवाला की तरफ चले गये और कुछ देर वहां रुकने के बाद हमारे द्वारा पुनः कपडे़ बदले और बाहर आये । मेहूंवाला के पास बड़ा दानिस भी उतर गया और मैं वहां से बाईक चलाते हुए गोरखपुर में सहनवाज के कमरे पर चला गया। फिर करीब 2 घण्टे बाद दानिस व सहनवाज कमरे पर आये एवं करीब 1 -2 घण्टे रुकने के बाद वो भी वहां से निकल गये। रात्रि करीब 7 से 08 बजे के बीच में दानिस आया। फिर दानिस और मैं रात्रि करीब 8- 9 बजे गोरखपुर से बाईक छोड़ने गढ़ी कैण्ट गये और गढ़ी कैण्ट के पास दानिस ने अपनी बाइक उठाकर मुझे आईएसबीटी छोड़ा और मैं वहां से बिजनौर चला गया।
कुछ दिन बाद दानिस बिजनौर आया और मुझे एक अंगूठी एवं करीब 30 हजार रु0 देते हुये बताया कि लूट का सोना व चांदी सहनवाज व मुकीम व दूसरे दानिस द्वारा बेचा दिया गया है इसी में से तुम्हारा हिस्सा ये है। फिर मैं वहां से कुछ दिन बाद कश्मीर चला गया एवं इसी दौरान सहनवाज ने दानिस, जब्बार के साथ मिलकर फिर नजीबाबाद में हाजी एहसान व उसके भतीजे का मर्डर किया था। दानिस, सहनवाज को बिजनौर की पुलिस काफी समय से ढूंढ रही थी। फिर बिजनौर पुलिस द्वारा करीब 2-3 महीने पहले दानिस को गिरफ्तार कर लिया था एवं उसके बाद सहनवाज को दिल्ली पुलिस ने पकड़ा एवं दिल्ली पुलिस सहनवाज को लेकर बिजनौर कोर्ट में आयी थी जहां पर हाजी एहसान के लड़के ने सहनवाज का मर्डर कर दिया। देहरादून में हमने जो लूट करी थी उस लूट में जो पिस्टल यूज हुआ था वो भी सहनवाज के पास ही था और मुझे एक अंगूठी और 30 हजार रुपये मिले थे । बाकी के बारे में दानिस ही बता सकता है।
*नोट :- घटना का अनावरण करने वाली पुलिस टीम को पुलिस उपमहानिरीक्षक/ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा 2500/-₹, पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र द्वारा 5000 रूपये एवं महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था द्वारा 10000/- रूपये के ईनाम की घोषणा की गयी है।*