पुलवामा हमले के बाद लोगों के मन में आक्रोश है, शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी: पीएम मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 53वीं बार ‘मन की बात’ कर रहे हैं। इस बार कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर की। पीएम मोदी ने इस दौरान जवानों की बहादुरी का भी जिक्र किया। नीचें पढ़ें मन की बात कार्यक्रम से लाइव अपडेट्स।
लाइव अपडेट्सः-
– पीएम मोदी ने कहा, ‘वीर सैनिकों की शहादत के बाद, उनके परिजनों की जो प्रेरणादायी बातें सामने आयी हैं उसने पूरे देश के हौसले को और बल दिया है। बिहार के भागलपुर के शहीद रतन ठाकुर के पिता रामनिरंजन जी ने, दुःख की इस घड़ी में भी जिस ज़ज्बे का परिचय दिया है, वह हम सबको प्रेरित करता है।’
– जब तिरंगे में लिपटे शहीद विजय शोरेन का शव झारखण्ड के गुमला पहुंचा तो मासूम बेटे ने यही कहा कि मैं भी फौज़ में जाऊंगा। इस मासूम का जज़्बा आज भारतवर्ष के बच्चे-बच्चे की भावना को व्यक्त करता है। ऐसी ही भावनाएं, हमारे वीर, पराक्रमी शहीदों के घर-घर में देखने को मिल रही हैं।
– प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें आश्चर्य होता था और पीड़ा भी कि भारत में कोई नेशनल वार मैमोरियल नहीं था। उन्होंने कहा, ‘एक ऐसा मेमोरियल, जहां राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर जवानों की शौर्य-गाथाओं को संजो कर रखा जा सके। मैंने निश्चय किया कि देश में, एक ऐसा स्मारक अवश्य होना चाहिए।’
– पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी भाई देसाई का जन्म 29 फरवरी को हुआ था | सहज, शांतिपूर्ण व्यक्तित्व के धनी, मोरारजी भाई देश के सबसे अनुशासित नेताओं में से थे। मोरारजी भाई देसाई के कार्यकाल के दौरान ही 44वां संविधान संशोधन लाया गया। यह महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि आपातकाल के दौरान जो 42वां संशोधन लाया गया था, जिसमें सुप्रीमकोर्ट की शक्तियों को कम करने और दूसरे ऐसे प्रावधान थे, उनको वापिस किया गया।’
– प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हर साल की तरह इस बार भी पद्म अवार्ड को लेकर लोगों में बड़ी उत्सुकता थी। आज हम एक न्यू इंडिया की ओर अग्रसर हैं। इसमें हम उन लोगों का सम्मान करना चाहते हैं जो जमीनी स्तर पर अपना काम निष्काम भाव से कर रहे हैं।’
– पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव में फिर से जीत की उम्मीद जताई और कहा, ‘अगले दो महीने, हम सभी चुनाव की गहमा-गहमी में व्यस्त होगें। मैं स्वयं भी इस चुनाव में एक प्रत्याशी रहूंगा। स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा का सम्मान करते हुए अगली ‘मन की बात’ मई महीने के आखरी रविवार को होगी। मार्च, अप्रैल और पूरा मई; ये तीन महीने की सारी हमारी जो भावनाएं हैं उन सबको मैं चुनाव के बाद एक नए विश्वास के साथ आपके आशीर्वाद की ताकत के साथ फिर एक बार ‘मन की बात’ के माध्यम से हमारी बातचीत के सिलसिले का आरम्भ करूंगा और सालों तक आपसे ‘मन की बात’ करता रहूंगा।’