पत्रकार हत्या मामले में गुरमीत रामरहीम व तीन अन्य दोषियों को उम्रकैद की सजा
पंचकूला।गुरमीत रामरहीमऔर तीन अन्य दोषियों को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उन पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस सजा की खास बात यह है कि उम्रकैद गुरमीत को साध्वी दुष्कर्म मामले में दी गई 20 साल की कैद पूरी होने के बाद शुरू होगी। उस मामले में उसे 70 साल की आयु पूरी होने तक कैद काटनी होगी और उसके बाद उम्रकैद शुरू होगी। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम और तीन अन्य को पंचकूला की विशेष सीबीआइ कोर्ट ने बृहस्पतिवार को सजा सुनाई। जज जगदीप सिंह ने कोर्ट में सजा पर बहस पूरी होने के बाद शाम करीब 6.25 बजे पर सजा का ऐलान किया। गुरमीत राम रहीम के साथ-साथ कृष्णलाल, कुलदीप और निर्मल सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
70 साल की उम्र में पूरी होगी साध्वी दुष्कर्म मामले में कैद, इसके बाद आजीवन कारावास की सजा शुरू होगी
बता दें कि गुरमीत राम रहीम को जब 28 अगस्त 2017 में साध्वियों से दुष्कर्म मामले में 20 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी तो स्पष्ट किया गया था उसे अगले 20 साल जेल में रहना होगा। उस समय गुरमीत की उम्र 50 साल थी। आज उम्रकैद की सजा सुनाते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया कि गुरमीत की आजीवन कारावास की सजा पिछली सजा के पूरा होने के बाद शुरू होगी।
तीन अन्य दोषियों कृष्णलाल, कुलदीप और निर्मल सिंह को उम्रकैद व 55 हजार जुर्माना
विशेष सीबीआइ अदालत के जज जगदीप सिंह ने लंबी प्रतीक्षा के बाद गुरमीम राम रहीम को सजा सुनाई। गुरमीत राम रहीम पहले से ही दो साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में 20 कैद की सजा काट रहा है। निर्मल सिंह और कृष्ण लाल को आर्म्स एक्ट के तहत भी तीन साल कैद की सज़ा सुनाई। यह सजा उम्रकैद की सज़ा के साथ ही चलेगी। इसके साथ ही कृष्ण लाल और निर्मल सिंह को पांच – पांच हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह जुर्माना 50 हजार से अतिरिक्त होगा। अगर कृष्ण लाल और निर्मल सिंह पांच-पांच रुपये का जुर्माना नहीं अदा किया तो उनको तीन – तीन महीने की अतिरिक्त कैद की सज़ा काटनी पड़ेगी। इससे पहले बचाव पक्ष और सीबीआइ के वकीलों के बीच सजा को लेकर बहस हुई। सीबीआइ के वकील ने गुरमीत राम रहीम के लिए फांसी की सजा मांगी। बचाव पक्ष के वकील ने रहम की गुहार लगाई। इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश हो रहा गुरमीत राम रहीम हाथ जोड़े खड़ा रहा। सुनवाई के दौरान रामचंद्र छत्रपति के परिवार ने मुआवजा देने की मांग उठाई। सरकारी पक्ष की ओर से डेरा मुखी राम रहीम को दी गई सुरक्षा में हुए खर्च का मुआवजा भी कोर्ट में मांगा गया।
सीबीआइ के वकील ने गुरमीत को फांसी की सजा देने की मांग की, बचाव पक्ष ने की रहम की गुहार
सीबीआइ के वकील ने विशेष जज के सामने अपनी दलील में कहा कि राम रहीम को फांसी की सजा दी जाए। दूसरी ओर, बचाव पक्ष ने कम से कम सजा देने के लिए गुहार लगाई। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में सीबीआई कोर्ट में सुनवाई में दोनों पक्षों की सज़ा पर बहस हुई पूरी। राम रहीम के वकील ने उसके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों का दिया गया हवाला। बहस के बाद सभी पक्ष कोर्ट से बाहर आ गए और जज फैसला लिखवाना शुरू किया। फैसला लिखवाने के बाद विशेष सीबीआई जज जगदीप सिंह द्वारा सज़ा का एेलान किया। इससे पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान स्क्रीन पर चारों दोषियों को लाकर सुनवाई हुई। अदालत में गुरमीत सहित सभी दोषियों की वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश किया गया।
गुरमीत राम रहीम की सुनारिया जेल व तीन अन्य की अंबाला जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी
सजा सुनाने के लिए काेर्ट में दोपहर बाद सुनवाई शुरू हुई। स्पेशल सीबीआइ जज जगदीप सिंह कोर्ट रूम पहुंचे और इसके बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिग से सुनारिया जेल और अंबाला सेंट्रल जेल में संपर्क बनाया गया। पंचकूला के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी पंकज राज गर्ग भी सीबीआइ कोर्ट में मौजूद हैं। संपर्क स्थापित होने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये गुरमीत राम रहीम की जेल से पेशी हुई। अंबाला सेंट्रल जेल से तीन अन्य दाेषियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी हुई। कोर्ट में सीबीआइ के वकील एचपीएस वर्मा और बचाव पक्ष के वकील सरबजीत सिंह मौजूद भी मौजूद रहे। इसके अलावा रामचंद्र छत्रपति के पुत्र अंशुल छत्रपति मुख्य गवाह खट्टा सिंह भी मौजूद थे। सजा पर सुनवाई शुरू होने से पहले डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी पंकज राज गर्ग ने बताया धारा 302 और धारा 120 बी के तहत सभी आरोपियों दोषी करार दिया गया था। इसके लिए न्यूनतम सज़ा उम्रकैद वहीं अधिकतम सज़ा ए मौत का प्रावधान है।
डीजीपी बोले- पुलिस पूरी तरह चौकस, हरियाणा में कहीं भी शांति भंग नहीं होने देंगे
सुनवाई के दौरान पंचकूला के कोर्ट परिसर और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। पूरे क्षेत्र मे अभी भी कड़ी सुरक्षा है। हालात का जायजा लेने हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू भी पहुंचे। उन्होंने वहां सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया और पुलिसकर्मियों को पूरी तरह चौकस रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि रोहतक और सिरसा सहित पूरे राज्य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। राज्य में कहीं भी शांति भंग नहीं होने दिया जाएगा।