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सांसदों को भारी पड़ सकता है हंगामा करना, हो सकती है निलम्बन की कार्यवाही

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र को शुरू हुए हफ्ते भर से ज्यादा का समय बीत चुका है, बावजूद इसके अब तक दोनों ही सदनों में काम-काज लगभग ठप पड़ा है। इससे निपटने के लिए अब वह नियम लागू करने पर विचार हो रहा है जिसके तहत वेल में आने पर सदस्य स्वत: ही निलंबित हो जाएंगे। संभावना है कि नई व्यवस्था इसी सत्र से लागू हो जाएगी। हालांकि कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां इसे नई लोकसभा से लागू करने चाहती हैं। छत्तीसगढ़ की विधानसभा में यह व्यवस्था उसके गठन से लागू है। संसद में बढ़ते हंगामे और काम-काज की अड़चन को देख लोकसभा की नियम कमेटी (रूल कमेटी) ने पिछले दिनों मंथन किया। बैठक में मौजूद एक वरिष्ठ सदस्य के मुताबिक एक-दो मुद्दों को छोड़ बाकी इस व्यवस्था को लागू करने को लेकर सभी दलों ने सहमति दी है। इनमें एक बिन्दु निलंबन से जुड़ा है, जिसके तहत यह निलंबन एक दिन, दो दिन या फिर पांच दिन में से कितने दिनों का रखा जाए। दूसरा इस व्यवस्था को इसी सत्र से लागू किया जाए या फिर बाद में। हालांकि कांग्रेस को छोड़ ज्यादातर सदस्यों ने इसे इसी सत्र से लागू करने की मांग की है, जबकि कांग्रेस ने नई लोकसभा से इसे लागू करने की बात कही है। वहीं इन दोनों ही बिंदुओं पर सहमति न बन पाने पर इसका फैसला स्पीकर पर छोड़ दिया गया है, हालांकि बाकी दलों का जो रूख है, उसे देख इसके संसद के चालू सत्र से ही लागू करने की संभावना ज्यादा है। संसद में हंगामे को थामने की हालांकि यह कोई पहली कोशिश नहीं है। इससे पहले सभी राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों की बैठक में भी ऐसी व्यवस्था लागू करने पर सहमति बनी थी लेकिन उस पर अमल नहीं हो पाया था।

रूल कमेटी में भाजपा का दबदबा  लोकसभा के ठीक तरीके से संचालन के लिए नियम तय करने के लिए गठित नियम कमेटी (रूल कमेटी) में मौजूदा समय में स्पीकर सहित 14 सदस्य है। इनमें छह भाजपा के अलावा एक-एक सदस्य अकाली दल, शिवसेना, टीडीपी, कांग्रेस, बीजू जनता दल, तृणमूल और एआईडीएमके है।

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