माल्या के बयान के बाद कांग्रेस ने वित्तमंत्री जेटली के इस्तीफे की करी मांग
नई दिल्ली । विजय माल्या के मामले को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच एक बार फिर ब्लेम गेम शुरू हो गया है। देश छोड़कर भागने से पहले वित्तमंत्री से मुलाकात के खुलासे ने केंद्र सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। माल्या के बयान के बाद कांग्रेस ने जहां वित्तमंत्री जेटली के इस्तीफे की मांग की है। वहीं, भाजपा का कहना है कि विजय माल्या पर मेहरबानियों का सिलसिला कांग्रेस ने शुरू किया और आज जब मोदी सरकार भगोड़ों को मजबूर कर रही है देश लौटने में तो इनकी मिलीभगत का पर्दाफाश हो रहा है। दोपहर को एक बार फिर कांग्रेस कोर कमेटी के सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेसवार्ता कर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि सरकार ने जानबूझकर माल्या को भागने दिया। सुरजेवाला ने कहा कि ऐसा लगता है कि अब सरकार के पास नया नारा है- ‘भगोड़ों का साथ और लुटेरों का विकास।’
सरकार से 6 सवाल
पहला- सरकार बताए कि 9 हजार करोड़ के बैंक फ्रॉड के बावजूद और 29 जुलाई, 2015 सीबीआई द्वारा दर्ज की गई FIR के बावजूद विजय माल्या को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया ?
दूसरा- किसके आदेश से सीबीआइ का विजय माल्या की गिरफ्तारी का नोटिस (16 अक्टूबर, 2015) को बदलकर सूचना नोटिस में क्यों बदला गया ?
तीसरा– 17 बैंकों ने ऋण वसूली ट्रिब्यूनल में मुकदमा किया और 28 फरवरी, 2016 को उन्हें राय दी गई कि 29 फरवरी तक मुकदमा दर्ज कर विजय माल्या का पासपोर्ट रद करवाइए। सवाल है कि किसके आदेश पर इन बैंकों ने 5 मार्च 2016 तक मुकदमा किया ही नहीं ?
चौथा– क्यों वित्त मंत्री रहते हुए अरुण जेटली ने संसद में विजय माल्या से 9000 करोड़ रुपये के कर्ज के मामले पर बातचीत की? क्या वित्त मंत्री के लिए यह करना जायज था कि वह बैंक से 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले आदमी से संसद में बात करें?
पांचवां- विजय माल्या ने साफतौर से कहा- जब वो वित्तमंत्री से मिला तो उनसे कहा कि मैं लंदन जा रहा हूं। तो वित्तमंत्री ने उसे गिरफ्तार क्यों नहीं करवाया ?
छठा- केंद्र सरकार ने विजय माल्या को दाजियो से करोड़ों डॉलर की रकम भारत और विदेश में लेने की इजाजत कैसे दी? सुरजेवाला ने कहा, ‘क्या यह सत्य नहीं है कि विजय माल्या को 25 फरवरी 2016 को हुए समझौते के मुताबिक साउथ अफ्रीकन ब्रेवरी डील में 40 मिलियन डॉलर की पहली किस्त और 58 मिलियन डॉलर की दूसरी किस्त दी गई।
– सुरजेवाला ने कहा, ‘क्या यह सत्य नहीं है कि दाजियो ने 141 मिलियन डॉलर की रकम स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक को विजय माल्या के यूबी ग्रुप द्वारा लिए गए कर्ज के ऐवज में दिया। वहीं माल्या की यूनाइटेड ब्रेवरीज के कर्ज के ऐवज में दाजियो ने 42 मिलियन डॉलर की रकम चुकाई। आखिर क्यों इस लेनदेन के समय बैंकों के पूरे 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज को वसूलने की कोशिश नहीं की गई?
भाजपा ने पूछा- माल्या को बेलआउट पैकेज क्यों दिया?
पीयूष गोयल ने कहा कि साल 2010 में माल्या को स्पेशल बेलआउट पैकेज दिया गया। गोयल ने कहा कि आज जब उनकी मिलीभगत और देश का पैसा लुटाने का सच सबके सामने आ रहा है तो वे झूठे आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, कोई एक भी मामला ऐसा बताए जब विजय माल्या को फेवर किया गया हो या रिकवरी के मामले में ढिलाई बरती गई हो। गोयल ने कहा कि यूपीए की सरकार ने विजय माल्या को लोन क्यों दिए और रिजर्व बैंक के ऊपर दबाव क्यों डाला गया इन सबका राहुल गांधी और कांग्रेस को जवाब देना चाहिए।
लोन देना नहीं, बल्कि डिफॉल्ट करना क्राइम
सुरजेवाला ने कांग्रेस की संलिप्तता के बारे में जवाब देते हुए कहा कि इस देश में लोन देना या उसकी रकम बढ़ाना कोई क्राइम नहीं बल्कि लोन न भरने की नीयत से देश छोड़कर भाग जाना और भागने में मदद करना क्राइम है।