दिल्ली

पूर्वी दिल्ली के विश्वास नगर स्थित अवैध फैक्टियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला,सीलिंग पर स्टे देने से किया इन्कार

नई दिल्ली । पूर्वी दिल्ली के विश्वास नगर स्थित अवैध फैक्टियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद यहां के लोगों में नई आस जगी है। सुप्रीम कोर्ट ने सीलिंग पर स्टे देने से इन्कार कर दिया, जिससे अब इन फैक्टियों पर कार्रवाई तय है। विश्वास नगर समाज कल्याण समिति के महासचिव एसएन रोहतगी ने 18 साल पहले इन अवैध फैक्टियों के खिलाफ अदालत में केस किया था। अब एसएन रोहतगी की उम्र करीब 85 वर्ष हो चुकी है। इसलिए अब 78 वर्षीय पीसी जैन और 64 वर्षीय एमएस आर्या सहित अन्य बुजुर्ग अवैध फैक्ट्रियों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। 18 वर्षो से लड़ाई लड़ रहे आरडब्ल्यूए के इन सात पदाधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी के माध्यम से नगर निगम द्वारा फैक्टियां हटाने पर वर्तमान के साथ-साथ आने वाली पीढ़ी को भी सुकून मिलेगा। विश्वास नगर कॉलोनी देश की आजादी से पहले की है। यहां की 84 गलियों में 70 हजार की आबादी रहती है। फैक्टियों के खिलाफ वर्ष 2000 में लोगों ने अदालत की शरण ली। फैक्ट्री मालिकों का दावा था कि इलाके में 70 फीसद हिस्से में फैक्ट्रियां चल रही हैं। इसलिए इसे औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया जाए। वहीं आरडब्ल्यूए इसे गलत बताती रहीं। अदालत के निर्देश पर ही 818 फैक्ट्रियों को बवाना में प्लॉट दिए गए थे, जो 1990 से यहां चल रही थीं। इसके बावजूद यहां फैक्ट्रियों की भरमार है।

विश्वास नगर में सोमवार से शुरू होगी सीलिंग विश्वास नगर की अवैध फैक्ट्रियों और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को सील करने के आदेश जारी हो चुके हैं। निगम उपायुक्त डॉ. बीएम मिश्र के अनुसार, सोमवार से सीलिंग की कार्रवाई शुरू होगी। छुट्टी होने के बाद भी निगम अधिकारी शनिवार को आर्डर निकलवाने में लगे रहे। शनिवार को भवनों के दुरुपयोग पर जुर्माना वसूलने के लिए शिविर भी लगे, जिसमें कई लोगों ने जुर्माना जमा कराया और जानकारी ली। वहीं, हर गली में क्रेन से भारी मशीनें हटाई जाती रहीं।

भवन खाली करने के साथ जुर्माना भी जमा करना होगा पूर्वी दिल्ली के पूर्व उपमहापौर व उद्यमियों को राहत दिलाने के प्रयास में जुटे महेंद्र आहूजा ने उद्यमियों से अपील की है कि वे फैक्ट्री खाली कर भवनों के दुरुपयोग का जुर्माना भर दें। यह सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी का आदेश है। उन्होंने बताया कि 100 गज में बने एक फ्लोर के दुरुपयोग पर करीब दो लाख रुपये का जुर्माना बन रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button