अतिक्रमण मामले में नया अध्यादेश लाने पर सरकार कर रही है विचार
देहरादून : हाईकोर्ट के निर्देश पर देहरादून में अतिक्रमण हटाने का अभियान जारी है। इसके साथ ही विरोध भी जारी है। कांग्रेस मलिन बस्तियों को उजाड़ने के विरोध में खड़ी हो गई। वहीं, इस मामले में सरकार नया अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बने मलिन बस्तियों के सुधार, विनियमितीकरण, पुनर्वासन, पुनस्र्थापना एवं अतिक्रमण निषेध विधेयक-2016 को मौजूदा राज्य सरकार खामियों से भरा मान रही है। लिहाजा, इसमें संशोधन अथवा नया एक्ट लाने पर मंथन चल रहा है। इसके लिए सरकार अध्यादेश ला सकती है।
अलबत्ता, इससे पहले, अतिक्रमण हटाओ अभियान को लेकर बने दबाव और इसकी जद में आ रहे लोगों को राहत देने के लिए सरकार हाइकोर्ट से राहत लेने का प्रयास करेगी। शासकीय प्रवक्ता एवं काबीना मंत्री कौशिक ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि 2016 का एक्ट खामियों से परिपूर्ण है। यह एक भी बस्ती को कवर नहीं करता और इसमें कुछ स्पष्ट नहीं है। इसे देखते हुए गैरसैंण सत्र के दौरान भी उन्होंने इस एक्ट को लेकर रिव्यू की बात कही थी। उन्होंने कहा कि यदि इसमें संशोधन लाकर काम चलेगा तो देखेंगे, अन्यथा नया एक्ट लाएंगे। अलबत्ता, इससे पहले कोर्ट से अतिक्रमण मामले में राहत लेने का प्रयास करेगी। सरकार जल्द ही हाइकोर्ट जाएगी।
उन्होंने कहा कि हाइकोर्ट के निर्देशों के क्रम में अतिक्रमण को लेकर कार्रवाई चल रही है। सरकार के स्तर से प्रयास है कि किसी को कोई परेशानी न हो, किसी के साथ अन्याय न हो। इसीलिए पहले सड़कों को अतिक्रमणमुक्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश का अनुपालन करने को अफसर प्रतिबद्ध हैं। यदि किसी को कोई परेशानी है तो वह जिला स्तरीय समिति, शहरी विकास विभाग और खुद उनके अथवा मुख्यमंत्री के समक्ष बात रख सकता है।
गलत क्या कर रहे विधायक ?
अतिक्रमण मामले में विधायकों के मुखर होने को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने विधायकों का बचाव किया। कहा कि विधायक जनप्रतिनिधि हैं। जनता के सुख- दुख में साथ रहना उनका दायित्व है। यदि वे आपदा के मद्देनजर अतिक्रमण मामले में समय मांग रहे इसमें गलत क्या है।
मलिन बस्तियों पर कार्रवाई का विरोध करेगी कांग्रेस
कांग्रेस ने अतिक्रमण हटाओ अभियान को लेकर एक बार फिर सरकार पर हमला बोला है। पार्टी ने आरोप लगाया कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर मलिन बस्तियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। पिछली सरकार में पारित मलिन बस्ती संबंधित एक्ट की अनदेखी की जा रही है। इसके विरोध में कांग्रेस सड़कों पर उतरकर पुरजोर विरोध करेगी।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, पूर्व विधायक राजकुमार ने सरकार पर अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर कानून ताक पर रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार में बीती 10 अगस्त, 2016 को उत्तराखंड राज्य की नागर निकायों में अवस्थित मलिन बस्तियों के सुधार, विनियमितीकरण, पुनर्वासन, पुनव्र्यवस्थापन एवं अतिक्रमण निषेध एक्ट अस्तित्व में आ चुका है। ऐसे में 1938 के नक्शे के आधार पर मलिन बस्तियों को नोटिस देने का औचित्य नहीं है। सरकार जानबूझकर मलिन बस्तियों के लोगों को परेशान करने पर आमादा है। उन्होंने सरकार के साथ ही सत्तारूढ़ दल भाजपा के विधायकों की नीयत पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक जनाक्रोश को देखकर नाटक कर रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस मलिन बस्तियों को अतिक्रमण हटाने के नाम पर जबरन परेशान किए जाने के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उक्त एक्ट लागू है। सरकार को उसके मुताबिक कार्यवाही करनी चाहिए। प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि मलिन बस्तियों से जुड़े संगठन भी सरकार के कदम से खफा हैं। पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने मलिन बस्ती सुधार समिति का गठन कर उन्हें अध्यक्ष बनाया था। उनकी अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर बनाए गए एक्ट की अनदेखी की पुरजोर मुखालफत की जाएगी। पार्टी इस मामले में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में दस्तक देगी।
टर्नर रोड और रिंग रोड पर 299 अतिक्रमण ध्वस्त
अतिक्रमण हटाओ टास्क फोर्स ने टर्नर रोड और रिंग रोड पर रिकॉर्ड 299 अतिक्रमण ध्वस्त किए। इस दौरान जीएमएस रोड, झंडा बाजार समेत शहर के अन्य इलाकों में 87 नए अतिक्रमण पर लाल निशान लगाए गए। वहीं पूर्व में चिह्नित 2311 अतिक्रमण पर अभी जेसीबी की कार्रवाई बाकी है। राजधानी में अतिक्रमण के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई चल रही है। अभियान में फिर से तेजी आ गई। इस दौरान क्लेमेनटाउन क्षेत्र के टर्नर रोड पर करीब दो किमी से ज्यादा क्षेत्र में एक के बाद एक बड़े अतिक्रमण ध्वस्त किए गए। यहां साडा के सचिव एसएल सेमवाल, एसडीएम सदर प्रत्यूष सिंह, एसडीएम बृजेश तिवारी आदि के नेतृत्व में सड़क तक फैले 158 अतिक्रमणों पर जेसीबी की कार्रवाई हुई।
इस दौरान सेना के रिटायर्ड बिग्रेडियर, कर्नल से लेकर राज्य सरकार के अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों की ओर से किए गए अतिक्रमण को ध्वस्त किया गया। टास्क फोर्स की दूसरी टीम ने एसडीएम मसूरी मीनाक्षी पटवाल, जीएमवीएन के जीएम बीएल राणा, उपायुक्त विप्रा त्रिवेदी आदि के नेतृत्व में रिंग रोड पर 141 अतिक्रमण ध्वस्त किए। यहां दो से तीन मीटर तक अतिक्रमण की जद में आए भवनों, दुकानों को ध्वस्त किया गया। अभियान में जुटी टीम ने शहर के कमला पैलेस से बल्लीवाला चौक के बीच, पलटन बाजार से झंडा बाजार आदि इलाकों में किए गए अतिक्रमण पर लाल निशान लगाए। अभियान के 23वें दिन तक 4876 अतिक्रमण चिह्नित किए गए, जबकि 2565 ध्वस्त किए गए।
डांडा लखौंड में लोगों ने खुद हटाया अतिक्रमण
सहस्रधारा रोड स्थित आइटी पार्क से डांडा लखौंड बाजार के बीच लोगों ने स्वयं अतिक्रमण हटाया। यहां 20 से ज्यादा दुकानों पर लाल निशान लगाए गए थे। दुकानदारों ने दुकानें तोड़ते हुए पीछे कर दी हैं। इसके अलावा टर्नर रोड, रिंग रोड, छह नंबर पुलिया आदि में भी कई लोगों ने प्रशासन की कार्रवाई से पहले अतिक्रमण ध्वस्त किए।
डिस्पेंसरी रोड और झंडा बाजार में विरोध
पलटन बाजार क्षेत्र के डिस्पेंसरी रोड, झंडा बाजार और इससे लगे इलाकों में लाल निशान लगाने गई टीम का व्यापारियों ने विरोध किया। इससे बाजार में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। व्यापारियों ने कहा कि 2005 में जो मानक तय थे, वह इस बार नहीं अपनाए जा रहे हैं। व्यापारियों ने साफ कहा कि जहां वास्तव में अतिक्रमण हुआ है, वहां हटाया जाना चाहिए। अन्य जगह व्यापारियों का उत्पीड़न ठीक नहीं है।इसी तरह झंडा बाजार में भी व्यापारियों ने विरोध किया। रिंग रोड पर भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोगों ने विरोध करते हुए सीमांकन को गलत बताया।
टर्नर रोड पर गलियों से अतिक्रमण हटाने की मांग
टर्नर रोड पर सी-वन से सी-26 ब्लॉक तक जाने वाले सार्वजनिक मार्ग से अतिक्रमण हटाया गया। इस दौरान गलियों को जाने वाले मार्ग पर भी भारी अतिक्रमण की बात सामने आई। इसे लेकर त्रिमूर्ति विहार, आजाद कॉलोनी आदि के लोगों ने टास्क फोर्स से मुलाकात करते हुए गलियों से अतिक्रमण हटाने की मांग की। मामले में लोगों ने टास्क फोर्स को भी पत्र लिखने की बात कही। हालांकि एमडीडीए के सचिव पीसी दुम्का ने कहा कि अभी सार्वजनिक सड़कों से अतिक्रमण हटाया जा रहा है। इसके बाद ही गलियों की कार्रवाई की जाएगी।
प्रेमनगर और पलटन बाजार में 22 के बाद कार्रवाई
प्रेमनगर में व्यापारियों और आवासीय मकानों का सत्यापन और मिशन रिस्पना अभियान के चलते 22 जुलाई के बाद ही कार्रवाई होगी। टास्क फोर्स के इस ढीले रवैये के चलते प्रेमनगर में पुराना अतिक्रमण फिर सजने लगा है। लोग न केवल दोबारा हटाए गए शटर लगा रहे हैं, बल्कि दुकानें भी सड़क तक सजाने लगे हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर हटाए जा रहे अतिक्रमण की कार्रवाई में प्रेमनगर, पलटन बाजार और राजपुर रोड पर अफसर बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। इससे जहां अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हो गए हैं, वहीं शहर के दूसरे क्षेत्रों में लोग दोहरी कार्रवाई के आरोप लगा रहे हैं।
हालांकि प्रशासन दावा कर रहा है कि तीनों जगह अतिक्रमण हर हाल में हटेगा। लेकिन, कब कार्रवाई होगी, इस सवाल का जवाब डीएम से लेकर टास्क फोर्स के नोडल अधिकारी एमडीडीए के वीसी के पास भी नहीं है। अब 22 जुलाई को मिशन रिस्पना के तहत पौधरोपण का बड़ा कार्यक्रम है। ऐसे में इस दिन कार्रवाई को स्थगित रखा जा रहा है। इससे साफ है कि अब प्रेमनगर, राजपुर रोड और पलटन बाजार के अतिक्रमण पर प्रशासन ने दो दिन की और मोहलत देते हुए कार्रवाई से हाथ खींच लिए हैं। इधर, शासन-प्रशासन के ढीले रवैये के चलते प्रेमनगर बाजार में खाली दुकानें फिर आबाद होने लगी हैं। यहां अतिक्रमण पहले जैसा सजने लगा है।
एमडीडीए ने 45 को दिए ध्वस्तीकरण के नोटिस
आवासीय भवनों में व्यावसायिक गतिविधियां चलाने पर एमडीडीए ने ङ्क्षरग रोड और टर्नर रोड पर 45 लोगों को नोटिस थमा दिए। दो दिन के भीतर नक्शा और व्यवसाय में पंजीकरण के सबूत पेश करने होंगे। इसके बाद भवनों के ध्वस्तीकरण के साथ सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी। हाईकोर्ट के आदेश पर एमडीडीए भी बायलॉज के खिलाफ बने भवनों पर कार्रवाई कर रहा है। टर्नर रोड पर सबसे ज्यादा 25 ऐसे भवन मिले, जो आवासीय नक्शे पर व्यावसायिक गतिविधि करते पाए गए हैं। इसी तरह रिंग रोड पर भी दो स्कूल, एक टावर समेत 20 भवनों में नियम विरुद्ध व्यावसायिक गतिविधियां चलाई जा रही थीं। इनके खिलाफ भी नोटिस जारी करते हुए दो दिन में जवाब देने का समय दिया गया है।
प्रेमनगर में सत्यापन के बाद चलेगा अभियान
जिलाधिकारी एसएस मुरूगेशन के अनुसार प्रेमनगर में अभी सत्यापन चल रहा है। दो दिन और समय लगने की बात कही जा रही है। ऐसे में 22 जुलाई के बाद ही यहां अतिक्रमण हटाने की तैयारी की जाएगी। वहीं, एमडीडीए के उपाध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव के अनुसार अतिक्रमण की जद में जो भी आए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा। हाईकोर्ट जाने के लिए लोग स्वतंत्र है।