ATM में करेंसी की किल्लत होगी दूर, पांच गुना होगी 500 के नोट की छपाई
नई दिल्ली। सरकार करेंसी नोट की मांग में अचानक आए असामान्य उछाल का मुकाबला करने में जुट गयी है। एटीएम में करेंसी की किल्लत दूर करने के लिए 500 रुपये के नोट की छपाई बढ़ाकर पांच गुना की जाएगी। हर दिन ढाई हजार करोड़ रुपये के 500 के नोट छापे जाएंगे। इस बीच रिजर्व बैंक ने भी इस बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए स्टॉक में रखी हुई 2.5 से 3 लाख करोड़ रुपये नकदी में से सिस्टम में कैश डालना शुरु कर दिया है। अब भी इस स्टॉक में 1.75 लाख करोड़ रुपये की करेंसी मौजूद है। साथ ही सरकार ने रिजर्व बैंक के साथ मिलकर एक समिति भी बना दी है जो नकदी उपलब्धता की स्थिति पर पल-पल की खबर रख रही है। वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने आश्वस्त किया कि देश में करेंसी की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि फिलहाल देश में 18 लाख करोड़ रुपये की करेंसी चलन में है। नोटबंदी से पूर्व यह आंकड़ा 17.5 लाख करोड़ रुपये था। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया हाल के दिनों में करेंसी की मांग में असामान्य उछाल आया है। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले हर माह 20,000 करोड़ रुपये की नकदी की मांग हो रही थी लेकिन मार्च में यह बढ़कर 40,000 करोड़ रुपये और अप्रैल के शुरुआती 13 दिनों में 45,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गयी है। उन्होंने कहा कि स्थानीय कारणों की वजह से करेंसी की मांग में अचानक उछाल आया है। गर्ग ने कहा कि जितनी करेंसी चलन में उसका छठा हिस्सा स्टॉक के रूप में रखा जाता है ताकि जरूरत के समय उसका इस्तेमाल किया जा सके। फिलहाल स्टॉक में ढाई से तीन लाख करोड़ रुपये की नकदी थी, पिछले कुछ दिनों में करेंसी की किल्लत से निपटने के लिए इसमें से नकदी डाली गयी है। अब भी स्टॉक में 1.75 लाख करोड़ रुपये की करेंसी है। देशभर में 4000 करेंसी चेस्ट के माध्यम से मुद्रा आपूर्ति बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि न तो नकदी की छपने में कोई कमी है और न ही स्टॉक में नकदी की कमी। उन्होंने प्रत्येक आम लोगों से नकदी जमा कर न रखने की अपील भी की। गर्ग ने कहा कि करेंसी की आपूर्ति बढ़ाने के लिए पांच सौ रुपये के नोट का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। फिलहाल प्रतिदिन 500 करोड़ रुपये के 500 रुपये के नोट छापे जा रहे हैं। आने वाले दिनों में 2500 करोड़ रुपये मूल्य के पांच सौ रुपये के नोट छापे जाएंगे। ऐसा होने पर करेंसी की कुल आपूर्ति भी बढ़ाकर हर माह 70,000 से 75,000 करोड़ रुपये कर दी जाएगी। इस बीच सरकार ने नकदी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए रिजर्व बैंक के साथ मिलकर एक समिति का गठन भी कर दिया है। यह समिति करेंसी उपलब्धता बढ़ाने के लिए हालात पर पल-पल की नजर रख रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या 2,000 रुपये के नोट की जमाखोरी हो रही है, गर्ग ने कहा कि सिस्टम में फिलहाल 6.70 लाख करोड़ रुपये के 2,000 रुपये के नोट हैं और ग्राहकों की मांग पूरी करने के लिए ये पर्याप्त हैं। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि 2,000 रुपये के नोट जितने सिस्टम में डाले जा रहे हैं, उससे कम ही वापस आ रहे हैं।