9 फरवरी 2019 को कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार सी0बी0आई0 के समक्ष होंगे पेश
नई दिल्ली। सारधा और रोज वैली चिटफंड घोटालों की जांच कर रही CBI (सीबीआइ) शनिवार (09-फरवरी-2019) को कोलकाता पुलिस कमिश्नर आइपीएस अधिकारी राजीव कुमार (Kolkata Police Commissioner IPS Rajeev Kumar) से पूछताछ करेगी। राजीव कुमार के लिए ये मौका किसी बोर्ड परीक्षा से कम नहीं होगा। लिहाजा पश्चिम बंगाल के कई वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी 80-100 सवालों के नोट्स के जरिए राजीव कुमार की तैयारी करवा रहे हैं। उधर सीबीआइ ने भी राजीव कुमार की सख्त परीक्षा लेने के लिए बकायदा विशेष अधिकारियों का पैनल गठित किया है। राजीव कुमार को दिए गए 80-100 सवालों के नोट्स कुछ उसी तरह से तैयार किए गए हैं, जैसा की बोर्ड या प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्र करते हैं। इस नोट्स में सीबीआइ के उन संभावित सवालों को शामिल किया गया है, जो शनिवार को सीबीआइ के समक्ष पेशी के दौरान उनसे पूछे जा सकते हैं। आइपीएस की परीक्षा के दौरान भी राजीव कुमार ने इसी तरह से नोट्स बनाकर तैयारी की होगी और उस वक्त उन्हें अंदाजा भी नहीं होगा कि करियर के ऐसे महत्वपूर्ण मुकाम पर उन्हें दोबारा नोट्स बनाकर तैयारी करनी होगी। वह भी चिटफंड जैसे घोटाले के मामले में।
जूनियर अधिकारियों को देना होगा जवाब आइपीएस राजीव कुमार जिस तरह से तैयारी में जुटे हैं, उसी तरह सीबीआइ ने भी उन्हें सवालों के घेरे में लेने के लिए पुख्ता तैयारी कर ली है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ की दस सदस्यीय विशेष टीम पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से शिलांग में पूछताछ करेगी। इस टीम को खुद सीबीआइ निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने तैयार किया है। इस टीम में एक पुलिस अधीक्षक, तीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, तीन डीएसपी और तीन इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों को शामिल किया गया है। ये सभी अधिकारी रैंक में आइपीएस राजीव कुमार से काफी जूनियर हैं। सीबीआइ के इन अधिकारियों को अलग-अलग राज्यों से विशेष टीम में शामिल किया गया है।
पूछताछ के लिए तैयार की आरोपियों की सूची यही दस सदस्यीय विशेष टीम चिटफंड घोटाले की जांच का नेतृत्व करेगी। टीम ने पुलिस कमिश्नर से पूछताछ करने के लिए राज्य सरकार को पत्र भेजकर पहले ही जानकारी दे दी है। बताया जा रहा है कि ये टीम सारधा और रोजवैली समेत अन्य चिटफंड घोटालों में शामिल रहे सभी आरोपियों को पूछताछ के लिए बुला सकती है। इसके लिए दिल्ली स्थित सीबीआइ मुख्यालय में निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने टीम के साथ बैठकर कर सूची तैयार की है। इस सूची में विभिन्न राजनीतिक दल के नेताओं के नाम भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रही पेशी चिटफंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ टीम इससे पहले रविवार को कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर पहुंची थी। वहां सीबीआइ टीम को अंदर घुसने तक नहीं दिया गया। उल्टा कोलकाता पुलिस, सीबीआइ अफसरों को जबरन थाने लेकर पहुंच गई थी। इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर राजनीति का आरोप लगाते हुए सीबीआइ जांच का विरोध करने के लिए पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के समर्थन में धरना शुरू कर दिया था। इसके बाद पूरे मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने राजीव कुमार को सीबीआइ के सामने पेश होने और ईमानदारी से जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया। हालांकि, कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
ऐसे सीबीआइ जांच में फंसे राजीव कुमार आइपीएस अधिकारी राजीव कुमार, वर्ष 2013 में राज्य सरकार द्वारा सारधा चिटफंड रोज वैली चिटफंड घोटाले के लिए गठित विशेष जांच टीम (एसआइटी) के प्रमुख थे। उनके नेतृत्व में जांच में विशेष प्रगति न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने आइपीएस राजीव कुमार को कोलकाता का पुलिस कमिश्नर बना दिया। मामले की जांच कर रही सीबीआइ का आरोप है कि राजीव कुमार ने जांच टीम का प्रमुख रहते हुए घोटालों से संबंधित कई दस्तावेज, लैपटॉप, पेन ड्राइव, मोबाइल फोन नहीं सौंपे हैं। उन पर जांच से संबंधित कॉल डिटेल्स आदि से छेड़छाड़ करने का भी आरोप है। राजीव कुमार को पहले भी कई बार सम्मन भेजा जा चुका है, लेकिन उन्होंने न तो जवाब दिया और न ही जांच टीम के समक्ष पेश हुए।
2500 करोड़ रुपये का है सारधा चिटफंड घोटाला पश्चिम बंगाल का सारधा चिटफंड घोटाला तकरीबन 2500 करोड़ रुपये का होने का अनुमान है। पूर्व में पश्चिम बंगाल पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई जांच में पता चला था कि इस चिटफंड में फंसे 80 फीसद से ज्यादा जमाकर्ताओं का रुपया लौटाया जाना बाकी है। पुलिस को शुरूआती जांच में पता चला था कि सारधा समूह की चार कंपनियों का इस्तेमाल तीन योजनाओं (फिक्स्ड डिपॉजिट, रिकरिंग डिपॉजिट और मंथली इनकम डिपॉजिट) के जरिए निवेशकों के रुपये की हेराफेरी करने के लिए किया गया था।
28 फरवरी तक राजीव कुमार का होना है तबादला मालूम हो कि चुनाव आयोग के निर्देशानुसार राज्य सरकार को 28 फरवरी तक कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार का तबादला करना है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पहले ही संकेत दे दिए थे कि चुनाव आयोग द्वारा निर्देशित सारे ट्रांसफर 15 से 20 फरवरी तक पूरे कर लिए जाएंगे। मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 20 फरवरी को होनी है, लिहाजा सीबीआइ का प्रयास है कि अगली सुनवाई से पहले वह आइपीएस राजीव कुमार से पूछताछ पूरी कर ले। ऐसे में सीबीआइ की पूछताछ का ये समय काफी महत्वपूर्ण हो चुका है।