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72 साल बाद पहली बार कश्मीर में नए माहौल में मनेगा स्वतंत्रता दिवस, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

श्रीनगर। आजादी के 72 साल बाद पहली बार गुरुवार को नए माहौल में स्वतंत्रता दिवस मनेगा। तमाम अटकलों के बावजूद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस मौके पर नहीं आ रहे हैं। मुख्य समारोह श्रीनगर के शेरे कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में होगा, जिसमें राज्यपाल सत्यपाल मलिक तिरंगा फहराएंगे। सब डिवीजनल स्तर पर ध्वजारोहण समारोह होंगे। उधर, सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। सीमा पार से किसी दुस्साहस का जवाब देने के लिए बीएसएफ और सेना पूरी तरह अलर्ट है। संवेदनशील इलाकों में अर्धसैनिक बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है और आसमान पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता और राज्यपाल के प्रमुख सचिव वित्तायुक्त रोहित कंसल ने गृह मंत्री अमित शाह के कश्मीर आगमन के बारे में किसी तरह का जिक्र किए बगैर कहा कि पूरे राज्य में स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। प्रत्येक पंचायत और गांव के स्तर पर तिरंगा फहराने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने कभी नहीं कहा कि कश्मीर में या फिर जम्मू में प्रत्येक पंचायत में ध्वजारोहण समारोह किया जा रहा है। सब डिवीजनल स्तर पर समारोह होंगे। उन्होंने कहा कि स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है। निषेधाज्ञा में लगातार ढील दी जा रही है, लेकिन गुरुवार को वादी में निषेधाज्ञा को जारी रखेंगे। कई दिनों से यहां डेरा डाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चिनार कोर मुख्यालय में सुरक्षा एजेंसियों के आलाधिकारियों के साथ बैठक की। वह खुद सुरक्षा हालात का जायजा ले रहे हैं। जिला मुख्यालयों में जहां भी स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित होंगे, वहां की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। एहितयातन श्रीनगर, पुलवामा, सोपोर, बारामूला, अनंतनाग, कुलगाम में आने-जाने के कई रास्तों को भी एहतियातन बंद रखा जाएगा। जम्मू प्रांत में भी सुरक्षा का पूरा बंदोबस्त किया गया है। हाईवे से गुजरने वाले वाहनों की लगातार निगरानी की जा रही है। विभिन्न जगहों पर विशेष नाके भी लगाए गए हैं।

कंसल ने कहा कि स्थिति पूरी तरह शांत है। कुछेक जगहों पर हिंसक प्रदर्शन हुए हैं, लेकिन स्थिति पर जल्द काबू पा लिया है। जरूरी वस्तुओं का कहीं अभाव नहीं हैं। आवश्यक सेवाओं को पूरी तरह बहाल रखा गया है। इंटरनेट और फोन सेवा की बहाली संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि जल्द ही हालात के मुताबिक फैसला लिया जाएगा। एडीजीपी सिक्योरिटी मुनीर अहमद खान ने कहा कि शांति और काननू व्यवस्था बनाए रखने के लिए जो भी जरूरी है, सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं।

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