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वंचित वर्ग की सामाजिक सुरक्षा के लिए विभागों में समन्वय जरुरीः बंशीधर भगत

देहरादून। दून विश्वविद्यालय में एक दिवसीय प्रधान मंत्री आवास योजना (अर्बन) पीएमएवाय, के अंतर्गत आवास पर संवादष् पर राष्ट्रिय स्तर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया।  आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार ने उत्तराखंड में केवल दून विश्वद्यालय को उसके शैक्षणिक गतिविधियों में उल्लेखित कार्य करने के कारण इस आयोजन हेतु जिम्मेदारी दी गयी।
मुख्य अतिथि बंशीधर भगत ने अपने उद्भोधन में बताया की दून विश्वविद्यालय को इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए उत्तराखंड में एकमात्र विश्वविद्यालय के रूप में चुना जाना गर्व का विषय है। बंशीधर ने आवास के उपयोगिता व गरीब तबके तक उसकी पहुंच  के लिए पीएमएवाय के  सफल होने पर अपनी ख़ुशी जताई। २०२२ के परियोजना के निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।  उन्होंने पीएमएवाय से साथ साथ स्वस्थ, गैस कनेक्शन, शौचालय सुविधाओं पर भी चर्चा की और बताया की सरकार द्वारा लाभार्थियों के खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरित किया जा रहा है। आज पूरा देश आजादी की 75 वीं वर्षगांठ को अमृत महोत्सव महोत्सव के रूप में मना रहा है इस अवसर पर कई लोगों का अपना घर होने का सपना पूर्ण हो रहा है. उन्होंने कहा की इन योजनाओं के दीर्घकालिक वित्तीय एवं सामाजिक प्रभाव लोगों के जीवन में पड़ने वाले हैं. वित्तीय संस्थाओं, विश्वविद्यालयों एवं कार्य  योजनाओं से जुड़े विभागों में समन्वय की आवश्यकता है ताकि व्यापक रूप से वंचित वर्ग को लाभ पहुंचाया जा सके.  आवास से संबंधित योजनाएं पहले भी चली थी, लेकिन जिस तरह से वर्तमान समय में व्यापक तौर लोगों पर योजनाओं का लाभ मिल रहा है वैसा पहले के समय में  बहुत कम लोगों को मिल सका.  वित्तीय संस्थानों को चाहिए कि वह समाज के प्रत्येक व्यक्ति की योजनाओं के होने वाले लाभों तक पहुंच को आसान करें ताकि प्रत्येक व्यक्ति लाभान्वित हो सकें.
दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि किसी व्यक्ति को आवास  मिलना उसकी मूलभूत सुरक्षा को दृढ़ करता है और प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ऐसे लोगों को आवास मिला जिनकी छतें खुला आसमान हुआ करती थी और धरती जिनकी बिस्तर होती थी.  डिजिटल युग में, प्रधानमंत्री योजनाओं  के अंतर्गत लाभार्थी को सीधे उसके बैंक अकाउंट में आर्थिक रूप से मदद दी जा रही है इससे जन मानस में अति उत्साह है और विश्वास का भाव बढ़ा है. कुलपति ने इस बात पर जोर देकर कहा की  विकास का महत्व तभी है जब समाज के अंतिम छोर पर जो व्यक्ति है उसके सर पर भी छत हो. विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थी यदि इस तरह की योजनाओं के बारे में जानकारी रखेंगे तो वे एक  प्रेरक के तौर पर समाज के वंचित वर्ग को जागरूक कर सकते हैं और संसाधनों तक उनकी पहुंच को बढ़ा सकने में सहायता दे सकते हैं। आवास पर संवाद कार्यकर्म में पैनेलिस्ट राजीव पांडेय, सहायक निदेशक, शहरी विकास निदेशालय, ने अपने उद्भोधन में प्रधानमत्री आवास योजना – शहरी के घटकवार जानकारी दी तथा योजना से जुड़े तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी तथा तकनीक के माध्यम से योजनाओ को कार्यान्वित करके के साथ-साथ लोगो तक उसके लाभ को पहुंचाया जा सके इस पर चर्चा की।
संजय भार्गव क्षेत्रीय महा प्रबंधक, आवास एवं शहरी विकास लिमिटेड, द्वारा हितधारकों में सामाजिक सुरक्षा का भाव तब ही पैदा हो सकता है जब उसकी मूलभूत  आवशकताए  पूरी होनी चाहिए जिसमे रोटी कपडा और मकान सम्मिलित है एवं आवास से जुडी योजनाओं का, वित्तीय संसाधनों के माँध्यम से लाभ मिला है इससे लोगो के जीवन स्तर में सुधार  तथा महिलाओं का सशक्तिकरण मुख्य है। अभिषेक व्यास लीड बैंक मैनेजर, पंजाब नेशनल बैंक, देहरादून द्वारा प्रधान मंत्री आवास योजना के क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम्स की जानकारी के साथ फाइनेंसियल इन्क्लूसिव के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को जोड़ कर वित्त सस्थानो द्वारा लाभ दिया जा रहा है।
इस अवसर पर लाभार्थियों द्वारा अपने अनुभव को साझा करने के साथ साथ गरीबी और तंगहाली से मुक्ति और अपनी सामाजिक पहचान व सुरक्षा के वातावरण में रहने की चर्चा की। कार्यक्रम की शुरुआत प्रोफेसर एच सी पुरोहित, डीन स्टूडेंट वेलफेयर ने अपने स्वागत भाषण से किया। इन्क्लूसिव के लिए विभिन्न योजनाओ से लाभार्थियों ने कहा की सभी वंचित वर्गों को स्वास्थ, घर और खाद्यान सुरक्षा मिलनी चाहि। शैक्षिक पृष्ठभूमि के लोगों का इन योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्पूर्ण भूमिका होनी चाहिये। कार्यशाला का समापन, डॉ सुधांशु जोशी, नोडल अफसर, दून यूनिवर्सिटी ने धन्यवाद् ज्ञापित करके किया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ एम् एस मंद्रवाल, डॉ राजेश भट्ट, रमेश सिंह चौहान, संदीप पेटवाल, साकेत उनियाल आदि उपस्थित थे।

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