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प्रदेश में 1560 नए कोरोना संक्रमित मिले

देहरादून। उत्तराखंड में बीते 24 घंटों में 1560 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। देहरादून जिले में 537 संक्रमित मिले हैं। कुल संक्रमितों की संख्या 349472 हो गई है। प्रदेश की रिकवरी दर 96 प्रतिशत घट कर 95.05 प्रतिशत हो गई है। वहीं, सैंपल जांच के आधार पर संक्रमण दर 10.26 प्रतिशत पहुंच गई है। अब प्रदेश में कुल सक्रिय मामलों की संख्या 3254 हो गई है। हरिद्वार में 303 , नैनीताल में 404, पौड़ी में 24, ऊधमसिंह नगर में 37, बागेश्वर में 13, अल्मोड़ा में 52, चमोली में 08, टिहरी में 28, चंपावत में 46, पिथौरागढ़ में 82, रुद्रप्रयाग में छह और उत्तरकाशी जिले में 20 जिले में एक संक्रमित मिले हैं। जबकि 270 मरीजों ने संक्रमण को मात दी है। इन्हें मिलाकर अब तक 332173 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।
नैनीताल में शनिवार को 61 लोग संक्रमित पाए गये। सभी संक्रमितों को होम आइसोलेट कर दिया गया है। नैनीताल में नये साल के शुरू से ही कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने लगे हैं। शनिवार को शाम पांच बजे तक एक ही दिन में 61 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। जिसमें से 27 लोग हाईकोर्ट परिसर के हैं। मल्लीताल के कोतवाल भी संक्रमित हैं। इसके अलावा दो पर्यटकों समेत तल्लीताल व मल्लीताल क्षेत्र के लोग शामिल हैं। बीडी पांडे अस्पताल के पीएमएस डॉ. केएस धामी ने बताया कि शनिवार को 61 लोगों में कोरोना की पुष्टि होने के बाद सभी को होम आइसोलेट कर दिया गया है। साथ ही सभी के संपर्क में आए लोगों को चिन्हित कर लिया गया है। जल्दी ही उनकी भी जांच की जाएगी। डॉ. धामी ने लोगों से अपील की है कि कोविड नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करें। श्रीनगर क्षेत्र में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के आठ मामले सामने आए हैं। इनमें मेडिकल कॉलेज के दो डॉक्टर भी शमिल हैं। इसके अलावा एक स्टाफ नर्स और एबीबीएस की दो छात्राएं संक्रमित पाई गई हैं। श्रीनगर की एक महिला व कीर्तिनगर के दो लोग भी संक्रमित हुए हैं। कोविड अस्पताल के पीआरओ अरुण बडोनी ने बताया कि सभी संक्रमितों को होम आइसोलेट किया गया है। साथ ही ओपीडी व वार्ड को सैनिटाइज किया गया है। प्राचार्य प्रो. सीएम रावत ने बताया कि जो भी कर्मचारी और छात्र संक्रमितों के संपर्क में आए हैं, वे सैंपल का रिजल्ट आने तक आइसोलेट रहेंगे। प्राचार्य ने बताया कि कार्यालयों में भी उन्हीं को बुलाया जाएगा, जिनका आना जरूरी होगा। इसका रोस्टर बनाया जाएगा। साथ ही हॉस्टल से बाहर निकलने की समयावधि कम की जाएगी।

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