Uttarakhand

10 वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस की पूर्व संध्या पर भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने देश के नागरिकों को बधाई देते हुए दिया संदेश

                                                                भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त का संदेश

मुझे 10 वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस की पूर्व संध्या पर अपने देश के नागरिकों को बधाई देते हुए बहुत खुशी महसूस हो रही है। चूंकि भारत निर्वाचन आयोग का गठन 25 जनवरी, 1950 को हुआ था, इसलिए आयोग ने वर्ष 2011 से 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
हमारी चुनाव प्रक्रिया में मतदाता सबसे महत्वपूर्ण हितधारत होता है। यह बताते हुए खुशी हो रही है कि लोकसभा के साधारण निर्वाचन, 2019 में मतदाताओं ने 543 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में अपने संसद सदस्यों का चुनाव करने और इसी के साथ आयोजित आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, उड़ीसा और सिक्कीम राज्यों की विधान सभाओं के चुनावों में 61.30 करोड़ की रिकार्ड संख्या में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। लोकसभा चुनावों के बाद, भारत निर्वाचन आयोग ने हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड राज्य विधान सभाओं के चुनावों का भी सफलतापूर्वक संचालन किया। फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में निर्वाचन प्रक्रिया चल रही है।
अपने प्रमुख कार्यक्रम, सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा और निर्वाचक भागीदारी (स्वीप) के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के संगठित प्रयासों से हमारी उम्मीद बढ़ी है। स्वीप प्रयासों के परिणामस्वरूप 17वीं लोक सभा के निर्वाचनों के दौरान 29.24 करोड़ महिला मतदाताओं; 61.46 लाख दिव्यांग मतदाताओं और 18.05 लाख सेवा मतदाताओं ने मतदान में पूरे जोश-खरोश के साथ भाग लिया जिससे यह सही मायनों में देश का महात्यौहार बन गया। 120 लाख से अधिक कर्मचारियों, जिनमें सुरक्षा कर्मी भी शामिल हैं, ने इतनी बड़ी व्यवस्था को संभालने में हमारी मदद की। स्वीप कार्यक्रम ने 2019 के लोक सभा निर्वाचनों के दौरान देश भर के 10.36 मतदान केन्द्रों पर 91 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं को भारत निर्वाचन आयोग के साथ जोड़ने में भी मदद की।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2020 विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का एक विशिष्ट समारोह है क्योंकि यह भारत निर्वाचन आयोग के यशस्वी सत्तर वर्ष और राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाए जाने के 10 वर्ष पूरे होने का सूचक है। यह समारोह हममें से प्रत्येक भारतीय नागरिक को दिए गए वयस्क मताधिकार के संवैधानिक अधिकार की याद दिलाता है, चाहे उसका धर्म, जाति, समुदाय, भाषा, क्षेत्र या सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी क्यों न हो। इस दिन जहां हम एक ओर लोकतंत्र के प्रति अपने भरोसे को जाहिर करते हैं, वहीं दूसरी ओर देश की समृद्ध लोकतांत्रिका परंपरा तथा स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण निर्वाचन की शुचिता बनाए रखने के अपने संकल्प को और मजबूत करते हैं।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह का मुख्य उद्देश्य मतदाताओं, विशेष रूप से नए मतदाताओं के नामांकन को प्रोत्साहित करना, उन्हें सुविधा प्रदान करना और उनका अधिक से अधिक नामांकन करना है। इस दिन का उपयोग निर्वाचन प्रक्रिया में सजग भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए मतदाताओं के बीच जागरूकता उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। मैं विशेष रूप से नए मतदाताओं का हमारे निरंतर बड़े होते परिवार में शामिल होने के लिए अभिनंदन करता हूं।
मतदाता की भागीदारी निर्वाचक नामावली में रजिस्ट्रेशन के साथ शुरू होती है तथा मतदान के दिन मत देने के अधिकार का प्रयोग करने के साथ पूर्ण होती है। लोकतंत्र में प्रत्येक मत का महत्व है। भारत निर्वाचन आयोग ने सभी श्रेणियों के मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने तथा निर्वाचनों को जागरूक, समावेशी, सुगम, नीतिपरक और सहभागी बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं।
राज्यों में कार्यरत आयोग की टीमों ने टेक्रोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल करते हुए वोटर हेल्पलाइन ऐप, सेवा मतदाताओं के लिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्र प्रणाली के साथ-साथ 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं, चिहिन्त दिव्यांग मतदाताओं और अनिवार्य सेवाओं में तैनात मतदाताओं को पोस्टल मत पत्र की सुविधा प्रदान करके मतदान के अनुभव को सहज एंव सुगम बनाया है। भारत निर्वाचन आयोग की कोशिश है कि पंजीकरण की प्रक्रिया और भागीदारी में ‘कोई भी मतदाता न छूटे‘। 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के जो भी पात्र नागरिक अभी तक अपने आपको नामांकित नहीं करवा पाए हैं, उन सबसे मैं इस अवसर पर आह्वान करता हूं कि वे पंजीकरण करवाने के लिए आगे आएं और सभी भावी निर्वाचनों में पूरे मन से भाग लें।
मैं राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2020 के अवसर पर प्रत्येक देशवासी को पुनः ह्दय से बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।

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