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यौन शोषण के मामले में फलाहारी बाबा अदालत ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सुनाई सजा

जयपुर। राजस्थान में अलवर के बहुचर्चित यौन शोषण के मामले में फलाहारी बाबा उर्फ कौशलेंद्र प्रपन्नचार्य को दोषी करार दिया गया है। यौन शोषण के मामले में अलवर अपर जिला एवं सेशन न्यायालय संख्या (1) राजेन्द्र शर्मा की अदालत बुधवार को फैसला सुनाते हुए फलहारी बाबा को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत में मंगलवार को दोनों पक्षों की अंतिम बहस पूरी हो गई थी, जिसके बाद न्यायाधीश ने फैसले के लिए बुधवार का दिन तय किया था। इससे पहले 15 सितंबर को अंतिम बहस शुरू हुई थी और कोर्ट में सरकारी वकील की ओर से पीड़िता के पक्ष में बहस के बाद बचाव पक्ष की ओर से उसके वकील ने बहस की। बहस के दौरान सरकारी वकील ने कहा था कि पीड़िता आरोपी कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य उर्फ फलाहारी बाबा को पिता तुल्य मानती थी। बाबा द्वारा पीड़िता के साथ जो कृत्य किया गया, उसके पर्याप्त साक्ष्य और गवाह मौजूद है। आरोपित फलाहारी बाबा के बयान 30 अगस्त को अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या-1 की अदालत मे दर्ज किए गए थे। इस दौरान फलहारी बाबा से कोर्ट ने 88 सवाल किए थे, जवाब में उसने खुद को निर्दोष बताया। अपर लोक अभियोजक योगेंद्र सिंह खटाना ने बताया कि बुधवार को अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से दर्ज करवाए गए 30 अभियोजन साक्ष्यों की गवाही के आधार पर आरोपित के बयान दर्ज किए. कोर्ट ने लिखित रूप में 24 पेजों में तैयार किए गए 88 सवालों के जवाब आरोपित फलाहारी बाबा से मांगे। इस दौरान आरोपित फलाहारी बाबा ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि वह निर्दोष है। इससे पहले मामले में 9 मार्च, 2018 को पीड़िता के बयान दर्ज हुए थे और इसके बाद बहस हुई थी।

जानें, क्या है मामला  छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी 21 साल की एक युवती ने पिछले साल सितंबर में मामला दर्ज कराया था कि बाबा ने उसे अलवर स्थित आश्रम के कमरे में रात को बुलाया और फिर दुष्कर्म किया। युवती ने बिलासपुर पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके आधार पर वहां की पुलिस ने अलवर में आकर जांच की। अलवर और बिलासपुर पुलिस की संयुक्त जांच हुई। फलहारी बाबा फिलहाल जेल में बंद हैं।

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