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मुस्कुराने से जीवन का तनाव और कड़वाहट समाप्त हो जातीः ब्रह्मकुमारी मंजू बहन

देहरादून। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवाकेन्द्र सुभाषनगर में आयोजित सत्संग में राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी मंजू बहन ने कहा कि मनुष्य का खाना एक गुणा, पीना दो गुणा, शारीरिक श्रम तीन गुणा एवं मुस्कराना चार गुणा होना चाहिए। मनुष्य जिस मुस्कान के लिए सब कुछ कर रहा है वह तो उससे कोसों दूर होती जा रही है।
संसार में मनुष्य ही एकमात्र सौभाग्यशाली प्राणी है जिसे परमात्मा ने सौगात के रूप में चेहरे पर मुस्कान दी है। परन्तु हमारी खुशी गायब होने का कारण कोई व्यक्ति, वस्तु या कोई परिस्थिति ही होती है। इसलिए आज दुनिया में कुछ मिले या ना मिले उदास व्यक्ति के दर्शन जरूर हो जाते हैं। जो हमेशा ही उदास रहता है, तनाव में रहता है उसके साथ बात करना भी कोई पसन्द नहीं करता है। कई ऐसे मनुष्य भी हैं जो अनेक प्रकार की तकलीफें नकारात्मकता लेकर चलते हैं और अपनी मायूसी छिपाने के लिए बनावटी हंसी हंसते हैं। बहन जी ने कहा कि मनोविज्ञान के अनुसार 90 प्रतिशत बीमारियों का मूल कारण है तनाव या ना मुस्कराना। मुस्कुराने से जीवन का तनाव और कडवाहट समाप्त हो जाती हैं। कहावत है ”एक मुस्कान हजारों कुर्बान”। मुस्कान सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत बड़ा टाॅनिक है, मीठी मुस्कान सैकड़ों दवाइयों से बेहतर है। मुस्कुराने से शरीर की सभी कर्मेंद्रियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और मन भी सक्रिय हो जाता है। तो आइये राजयोगी जीवन शैली ंअपना कर अपनी मुस्कान को कायम रखें। सभा में उपस्थित जनों में, पूनम, वीणा, प्रीति, सुमन, सुशीला, वीरेन्द्र,मोहित, अशोक, संतोष, मधु तथा अन्य मौजूद थे।

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