चौबे ने की स्वामी के साथ पुरानी यादें ताजा
ऋषिकेश, । केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री माननीय अश्विनी कुमार चौबे परमार्थ निकेतन पहुंचे। उन्होंने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता एवं ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संस्थापक स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से भेंट कर आशीर्वाद लिया स्वामी महाराज ने अश्विनी कुमार चौबे से स्वच्छता, स्वास्थ्य, सामाजिक एवं पर्यावरण सम्बंधी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। साथ ही उत्तराखण्ड़ के चार धाम पर्यटन के लिये उचित स्वास्थ सेवायें उपलब्ध कराना, युवाओं में बढ़ती नशे की आदतों पर रोक थाम, स्वास्थ्य सेवाओं पर सार्वभौमिक पहुंच हो, पोषक तत्व की कमी से उत्पन्न कुपोषण की दर को घटाना तथा युवाओं को योग और ध्यान के लिये प्रेरित करना जिससे उनकी चिंतन शैली को सकारात्मक दिशा मिल सके, हेतु कार्यशालाओं के आयोजन पर चर्चा की। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा, ज्स्वास्थ्य सुखद जीवन का प्रथम सोपान है। स्वच्छता और स्वच्छ पर्यावरण से ही स्वस्थ समाज का निर्माण संभव है। स्वस्थ समाज के निर्माण हेतु योग को आत्मसात करना नितांत आवश्यक है। वसुधैव कुटुम्बकमच् को साकार करने के लिये योग एक साधन है। योग, व्यक्ति को योग्य बनाता है और उस योग्यता का उपयोग समाज के लिये, पर्यावरण के लिये, नदियों के लिये तथा पूरी धरती को प्रदूषण मुक्त करने के लिये करें।अश्विनी चौबे ने कहा कि मैं परमार्थ आश्रम की गतिविधियों को देखकर अत्यंत प्रभावित हूँ। स्वामी जी महाराज के संचालन में जो विश्व स्तरीय कार्य सम्पन्न हो रहे हैं यह सब महाराज जी के अद्भुत कर्मयोग का ही प्रताप है; यह उनकी लीला की झलक है। उन्होने आश्रम में बड़ी संख्या में विदेशी भक्तों और सैलानियों को देखकर कहा कि स्वामी जी महाराज ने वैश्विक स्तर पर योग, भारतीय अध्यात्म एवं दर्शन को प्रतिष्ठित किया है यह उसी का उदाहरण है। अश्विनी चौबे ने कहा कि स्वच्छता से ही स्वास्थ्य के बारे में लोगों की जागरूकता बढ़ाने तथा दवाओं एवं सुइयों पर लोगों की निर्भरता को कम करने पर अधिक जोर दिया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि स्वच्छता एवं अच्छा स्वास्थ्य आपस में जुड़े हुए हैं उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ एवं स्वस्थ भारत के मिशन को प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया। अश्विनी चौबे ने कहा, मेरा उद्देश्य जन स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाना है, ताकि दवाओं एवं सुइयों पर लोगों की निर्भरता को घटाया जा सके। अश्विनी कुमार चौबे ने स्वामी के साथ पुरानी यादें ताजा कर आंखों-देखी बात बतायी जिससे आंखें नम हो गयी। अश्विनी कुमार चौबे ने बताया केदारनाथ में आई जून २०१३ की आपदा में अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ जगह-जगह बिखरी लाशों के बीच रात बिताई। आपदा के दिन केदारनाथ में फंसे अश्विनी कुमार चौबे ने केदारनाथ में लाशों के बीच खुद की व परिवार की जान बमुश्किल से बचाई थी। इस आपदा मे उनके सुरक्षाकर्मी, निजी सहायक समेत ७ रिश्तेदार लापता हो गए थे। उन्होंने तीन रातें अपने परिवार के साथ केदारनाथ में लाशों के बीच बिताई थीं। आपदा के दौरान वे घायल भी हुए थे। स्वामी ने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनायें न हो इसलिये पर्यावरण का संरक्षण हमारा प्रथम कर्तव्य होना चाहिये।