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कश्मीर:एक छात्र की हत्या के बाद आतंकियों ने पांच आैर युवकों को अगवा किया

श्रीनगर। शोपियां के 11वीं कक्षा के छात्र को मौत के घाट उतारने के लगभग 36 घंटे बाद आतंकियों ने एक और घिनौनी वारदात को अंजाम दिया। शनिवार को आतंकियों ने शोपियां के ही दो गांवों से पांच युवकों को अगवा कर लिया। आतंकियों ने इनमें से 19 साल के युवक की गला रेतकर हत्या कर दी, जबकि दो को रिहा कर दिया। दो अन्य अब भी उनके कब्जे में हैं। किसी आतंकी संगठन ने इन वारदातों की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन सुरक्षाबलों के मुताबिक, यह कृत्य हिजबुल मुजाहिदीन व लश्कर-ए-तैयबा ने मिलकर किया है। सुरक्षाबलों ने आतंकियों को पकड़ने और उनके चंगुल से दो युवकों को मुक्त करवाने के लिए शोपियां और कुलगाम में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चला रखा है। इस वारदात को राज्य में जारी पंचायत चुनाव की प्रकिया में खलल डालने के तौर पर भी देखा जा रहा है।यह भी कहा जा रहा है कि आतंकियों को युवाओं पर मुखबरी करने का संदेह था।जानकारी के अनुसार, स्वचालित हथियारों से लैस आतंकियों का एक दल सुबह सईदपोरा पायीन गांव में आया और बेकरी पर खड़े तीन युवकों शाहिद अहमद गनई, फारूक अहमद ठोकर और हुजैफ अशरफ उर्फ राजा कांदरू को सबके सामने जान से मारने की धमकी देते हुए अपने साथ चलने को कहा। कुछ ग्रामीणों ने उन्हें छोड़ने का आग्रह किया, लेकिन आतंकियों ने एक नहीं सुनी और कहा कि वह किसी को नहीं मारेंगे, पूछताछ के बाद छोड़ देंगे। आतंकियों ने ग्रामीणों को अपने पीछे आने से रोकने के लिए हवा में फायरिंग भी की। पुलिस को इस घटना की सूचना मिलते ही सेना व पुलिस के जवानों ने आतंकियों को पकड़ने व अगवा युवकों को मुक्त कराने के लिए सघन अभियान चलाया। इसी बीच, आतंकियों के एक अन्य दल ने ममेंदर गांव से भी दो युवकों हाकिब जावेद गनई व इशफाक अहमद को अगवा कर लिया। दोपहर बाद आतंकियों ने सईदपोरा से अगवा तीन युवकों में से शाहिद व फारूक को रिहा कर दिया, लेकिन तीसरे युवक हुजैफ को अपने साथ ले गए और सेब के बाग में गला रेतकर उसकी हत्या कर दी। शव को वहीं फेंककर आतंकी भाग निकले। स्थानीय लोगों ने हुजैफ की हत्या के बारे में पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद शव उसके परिवार के हवाले कर दिया।

36 घंटों में दो युवाओं की हत्या  आतंकियों ने वीरवार रात शोपियां के सफनगरी गांव से 18 वर्षीय छात्र नदीम मंजूर को भी अगवा कर मौत के घाट उतार दिया था। शुक्रवार को हिच्ब के डिवीजनल कमांडर रियाज नायकू ने वीडियो व आडियो संदेश जारी कर नदीम की हत्या को सही ठहराने का प्रयास करते हुए दावा किया था कि वह सुरक्षाबलों का मुखबिर था। यह वीडियो उसी तरह का था, जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन आइएसआइ हत्याओं का वीडियो जारी करता है।

उमर ने हत्या के बाद आतंकी समर्थकों को लताड़ा   नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और राच्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नदीम की हत्या के लिए हिजबुल मुजाहिदीन की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि इस कृत्य को किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता। उमर ने ट्विटर पर लिखा, आतंकियों के साथ अक्सर सहानुभूति और समर्थन जताने वाले तत्व जरूर 11वीं कक्षा के छात्र की हत्या के बाद आतंकी संगठनों से पूछें कि इस तरह की हत्याओं से कैसे कश्मीर एक बेहतर और आजाद जगह बन सकता है।

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