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महिला को गाड़ी की छत पर बैठाकर गाड़ी दौड़ाना पंजाब पुलिस को पड़ा भारी, महिला आयोग ने मांगी रिपोर्ट, मामला पहुंचा पंजाब हाई कोर्ट

अमृतसर/चंडीगढ़। पंजाब पुलिस काे अमृतसर जिले के एक गांव में महिला को अपने वाहन की छत पर बिठाकर वाहन को स्‍पीड में चलाना भारी पड़ रहा है। मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया है। इसके साथ ही महिला आयोग भी सक्रिय हो गया है और पंजाब पुलिस के डीजीपी से रिपोर्ट तलब किया है। इस मामले में दो दिन पहले पंजाब पुलिस का डरावना चेहरा उजागर हुआ था। अमृतसर देहाती के कत्थूनंगल थानांतर्गत शहजादा गांव में पंजाब पुलिस की अपराध शाखा की टीम ने एक महिला को बोलेरो की छत पर चढ़ाकर गाड़ी को 60 से 70 किलोमीटर की गति से दौड़ा दिया। करीब तीन किलोमीटर बाद महिला गाड़ी से गिर गई, ले‍किन पुलिस टीम उसे वहीं छोड़ कर भाग गई। इस मामले में हाई कोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार से 2 नवंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा है।  महिला गांव ये तीन किलोमीटर बाद चविंडा देवी मोड़ पर गिर गई। पुलिस टीम तो महिला को वहीं छोड़कर भाग गई, लेकिन चौक पर लगे सीसीटीवी में घटना कैद हो गई। महिला के सिर और बाजू पर गंभीर चोटें लगी हैं। घायल जसविंदर कौर को अस्पताल में दाखिल करवाया गया। वीरवार काे महिला के परिजन और ग्रामीण इस घटना को लेकर सड़कों पर उतर आए और थाने का घेराव कर मामले में दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

मामला पहुंचा हाईकोर्ट  घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया। महिला के ससुर बलवंत सिंह ने पंजाब पुलिस पर ज्यादतियां करने का आरोप लगाते हुए मामले की जांच किसी आइपीएस अधिकारी से करवाए जाने की मांग की है। एडवोकेट हरचंद सिंह बाठ के माध्यम से दायर याचिका में शहजादापुर गांव के निवासी बलवंत ने कहा है कि पुलिस अधिकारियों ने बिना किसी महिला पुलिसकर्मी के ही उसकी बहू जसविंदर कौर को हिरासत में लिया और उसे जीप की छत पर बैठाकर पूरे गांव में घुमाया।  याचिका में कहा गया है कि बाद में पुलिसकर्मियों ने ही जसविंदर को जीप की छत से धक्का दिया जिसकी वजह से उसे गंभीर चोटें आई हैं। अपनी याचिका में डीजीपी, अमृतसर देहाती के एसएसपी और अन्य संबंधित पुलिस अधिकारियों को प्रतिवादियों में शामिल करते हुए बलवंत ने कहा है कि इस सारे वाकये की रिकॉर्डिंग सीसीटीवी में दर्ज है और अदालत में पेश की जा सकती है। मामले की पृष्ठभूमि में जाते हुए याचिकाकर्ता ने कहा है कि संबंधित पुलिस अधिकारियों ने उसके पहचानने वाले कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसमें उनके पास हथियार होने के आरोप लगाए गए थे, जो झूठे थे। इसी मामले में अपने दावे को साबित करने के लिए पुलिस अब आरोपियों को पहचानने वाले लोगों पर दबाव बनाने के साथ ही फंसाने की कोशिश कर रही है।

महिला आयोग ने डीजीपी से मांगी रिपोर्ट, डीएसपी को तलब किया  इस मामले पर पंजाब राज्य महिला आयोग ने भी गंभीर नोटिस लिया है। इस संबंध में प्रकाशित खबरों और सोशल मीडिया पर वायरल हुई फोटो व वीडियो को गंभीर मामला बताते हुए आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी ने डीजीपी से रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने संबंधित डीएसपी, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर समेत अन्य पुलिस अधिकारियों को 4 अक्टूबर को आयोग के सामने पेश होने को कहा है। गुलाटी ने कहा है कि यह घटना समाज को शर्मसार करने वाली है। ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डीजीपी को दो दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है।

डॉ. वेरका ने अस्‍पताल पहुंच महिला से घटना के बारे में  ली जानकारी  शुक्रवार कोे कांग्रेस विधायक डॉ राजकुमार वेरका ने  नानकदेव अस्‍पताल में भर्ती पीडि़त महिला जसविंदर कौर से मुलाकात की। उन्‍होंने महिला से पूरी घटना के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि पुलिस का इस तरह का व्यवहार प्रदेश में कहीं भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी और दोषियों को सजा तक दिलवाई जाएगी।

पु‍लिस ने महिला का बयान दर्ज किया, डीएसपी कर रहे हैं जांच  उधर घटना के बाद अमृतसर के एसपी (डी) हरपाल सिंह व डीएसपी (डी) अमनदीप कौर ने पीडि़त महिला जसविंदर कौर के बयान दर्ज किए। महिला ने कहा कि पुलिस जबरदस्ती उसके पति को अपने साथ ले जा रही थी और वह अपने गांव के लोगों के साथ मिलकर पुलिस का विरोध कर रही थी। इस बीच कुछ पुलिस वालों ने उसे बोलेरो की छत पर बैठा दिया और गाड़ी भगा ली। महिला का बयान लेने के बाद एसपी (डी) हरपाल सिंह ने बताया कि मामले की जांच शुरु कर दी गई है। डीएसपी निरलेप सिंह को जांच के आदेश दिए गए हैं।

पुलिस ने आरोप नकारे कहा- पुलिस टीम पर हुआ हमला, महिला कब चढ़ी छत पर नहीं पता, डीएसपी करेंगे  शहजादा गांव निवासी जसविंदर कौर के पति गुरविंदर सिंह ने कहा कि 25 सितंबर की दोपहर पुलिस जबरदस्ती उनके घर में घुसी और उसके पिता बलवंत सिंह को गिरफ्तार करने के लिए घर की तलाशी लेने लगी। उस समय उसके पिता घर में नहीं थे। इस दौरान दर्जनभर पुलिसकर्मियों ने उसके साथ हाथापाई शुरु कर दी। उसकी पत्नी ने विरोध किया तो पुलिस वालों ने जसविंदर को उठाकर डीएसपी की बोलेरो की छत पर बैठा दिया। यह देखकर गांव के लोगों ने इसका विरोध किया तो पुलिस वाले बोलेरो लेकर फरार हो गए और उसके परिवार पर ही हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर दिया है।

सारा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरों में कैद  बोलेरो की छत से जसविंदर के गिरने की घटना चविंडा देवी गांव के एक घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। यही वीडियो वायरल हुई तो पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया।

महिला कब चढ़ी गाड़ी पर नहीं पता, हाईकोर्ट के आदेश पर गए थे गिरफ्तारी करने: पलविंदर सिंह  अमृतसर अपराध शाखा के इंस्पेक्टर पलविंदर सिंह ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया था। उन्हें तो जान बचाकर वहां से भागना पड़ा। पुलिस हाईकोर्ट के आदेश पर 2017 में दर्ज हुए एक मामले में आरोपितों को पकड़ने गई थी। महिला कब बोलेरो पर चढ़ गई वे नहीं जानते। इंस्पेक्टर पलविंदर ने बताया कि साल 2007 में भट्टा मालिक जसबीर सिंह की हत्या के आरोप में कुंदन सिंह सहित छह लोगों को उम्रकैद की सजा हुई थी। इंस्पेक्टर पलविंदर ने बताया कि ये लोग मार्च 2017 में पैरोल पर आए और भट्ठे पर कब्जा लेने का प्रयास किया। इस घटना के बाद कत्थूनंगल थाने में कुंदन सिंह, बलवंत सिंह आदि पर फिर केस दर्ज हुआ। उनकी गिरफ्तारी न होने पर भट्ठा मालिक परिवार के नरिंदर सिंह ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। हाईकोर्ट के आदेश पर उन्हें केस की पैरवी कर आरोपितों की गिरफ्तारी के आदेश जारी हुए थे। इंस्पेक्टर पलविंदर ने बताया कि वह आरोपितों को गिरफ्तार करने गए थे। लेकिन पुलिस को देख गुरविंदर ने अपने साथियों सहित हमला कर दिया और ईंट-पत्थर बरसाने शुरु कर दिए। उन्हें अपनी जान बचाकर भागना पड़ा। महिला कब बोलेरो के साथ लटक गई उन्हें नहीं पता।

लोगों ने थाने का घेराव किया  वीरवार को पीड़ित महिला के परिजनों और ग्रामीणों ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कत्थूनंगल थाने का घेराव किया। लोगों का कहना था कि प्रताड़ना मैं जिम्मेदार पुलिस अफसरों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। इसके साथ ही परिवार के 18 सदस्यों के खिलाफ क्राइम विंग की तरफ से दर्ज किए गए मामले को खारिज किया जाए।

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